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________________ भाषाभास्कर बहुवचन । सम्प्रदान तिथि को तिथियों को अपादान तिधि से तिथियों से सम्म न्य तिथि का-के-की तिथियों का-के-की आधिकरण तिथि में तिथियों में सम्बोधन हे तिथि हे तिथियों ॥ १४. दीर्घ ईकारान्त स्त्रीलिङ्ग बकरी शब्द । कारक। एकवचन । कती बकरी वा बकरी ने बकरियां वा बकरियों ने कर्म बकरी को बकरियों को करण बकरी से बकरियों से सम्प्रदाम बकरी को बकरियों को अपादान बकरी से बकरियों से सम्बन्ध चकरी का-के-की बकरियों का-के-की अधिकरण बकरी में बकरियों में सम्बोधन हे वकरी हे बकरियो । १४१ हलन्त स्त्रीलिङ्ग घास शब्द । कारक। एकवचन । बहुवचन । कती घास वा घास ने घासे वा घाम ने कर्म घास को घासां को करम घास से घास से सम्प्रदान घासे को अपादान घास से घासों से सम्बन्ध घास का-के-की घासों का-के-की अधिकरण घास में घासों में सम्बोधन हे घास घास को चौथा भाग। १४२ इस भाग में आकारान्त पुल्लिङ्ग शब्द होते हैं । एकवचन में और कती को बहुवचन में विभक्ति के काने से का को ए हो जाता Scanned by CamScanner
SR No.034057
Book TitleBhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorEthrington Padri
PublisherEthrington Padri
Publication Year1882
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size43 MB
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