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________________ भाषाभास्कर बहू का-के-को सम्बन्ध बहुओं का-के-की अधिकरण बहू में बहुओं में सम्बोधन हे बहुओ । तीसरा भाग। १३० इस भाग में पुल्लिङ्ग शब्द नहीं हैं पर प्राकारान्त हस्व और दीर्घ इकारान्त और हलन्त स्त्रीलिङ्ग शब्द आते हैं। आकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्द के एकवचन में विकार नहीं होता बहुवचन में भी केवल इतमा विशेष हे कि कती में शब्द के अंत्यस्वर को सानुनासिक कर देते हैं । हूस्व और दीर्घ इकारान्त स्त्रीलिङ्ग शब्दों के रूप एकवचन में ज्यों के त्यों बने रहते हैं और बहुवचन में वे पुल्लिङ्ग ईकारान्त शब्दों के अनुसार अपने कारकों को रचते हैं केवल कती के बहुवचन में शब्द से आगे यां होता है और यदि दीर्घ ईकारान्त हो तो उसे ह्रस्व कर देते है। हलन्त स्त्रीलिङ्ग शब्द की इतनी विशेषता है कि कता के बहुवचन में शब्द से आगे रं लगा देते हैं । इनके उदाहरण नीचे लिखे हैं । यथा . १३८ प्रकारान्त स्त्रीलिङ्ग स्वटिया शब्द । कारक। एकवचन । बहुवचन । कती खटिया वा खटिया ने खटियां वा खटियाओं ने कर्म खटिया को खटियाओं को करण खटिया से खटियाओं से सम्प्रदान खटिया को खटियाओं को अपादान खटिया से खटियाओं से खटिया का-के-की खटियाओं का-के-की अधिकरंग सख्यिा में खटियात्रों में सम्बोधन हे खटिया हे खटियाओं ॥ १३६ हस्व इकारान्त स्त्रीलिङ्ग तिथि शब्द । कारक । एकवचन । बहुवचन । कती तिथि वा तिथि ने तिथियां वां तिथियों ने कर्म तिथि को तिथियों को तिथि से तिथियों से Scanned by CamScanner
SR No.034057
Book TitleBhasha Bhaskar Arthat Hindi Bhasha ka Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorEthrington Padri
PublisherEthrington Padri
Publication Year1882
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size43 MB
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