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________________ सम्यक्दर्शन और चरित में सम्यग्ज्ञान प्रमुख माना यही संभाले दोनों गुण को इसीलिए नायक माना । सम्यग्दर्शन की सेवा हो या हो सम्यक्चारित की ज्ञान निरन्तर जान रहा है ज्ञानी के मन भावन की ॥ ३ ॥ अन्वयार्थ : [ णाणं ] ज्ञान [ हि खलु ] निश्चित ही [ सम्मद्दंसणचरित्तभावेसु ] सम्यग्दर्शन, सम्यक्चारित्र के भावों में [ णायगो ] नायक है [ दोण्हं वि ] इन दोनों की [ सेवमाणो ] सेवा करने वाला [ अभिक्खं ] निरन्तर [ णाणं ] ज्ञान को [ विजाणादि ] जानता है। भावार्थ : सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र में सम्यग्ज्ञान ही मुख्य नायक है । सम्यग्ज्ञान को मध्य में इसीलिए रखा है। सम्यग्ज्ञान ही दर्शन, चारित्र में समीचीन प्रवृत्ति कराता है। इसलिए कोई आत्मा सम्यग्दर्शन और सम्यक् चारित्र का सेवन कर रहा है तो वह भी अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग को जानता है। जो ज्ञान सम्यग्दर्शन और सम्यक्चारित्र दोनों का पालन करता है, वही ज्ञान यहाँ अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग के रूप में है । परमार्थ की भावना करने वाला अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोगी है पालदि रक्खदि णिच्छं जो सद्दिट्ठी हु सम्मचारित्तं । परमभावणङ्कं णाणमभिक्खं विजाणादि ॥ ४॥ सम्यक्चारित पालन करता नित रक्षण में भी दे ध्यान सम्यग्दृष्टि वह अवश्य ही भाता रहता ज्ञान प्रमाण । शुद्ध आत्म परमार्थ भावना के वश जो भी करता है वह अभीक्ष्ण ज्ञानी माना है भवि जन मन को हरता है ॥४॥ अन्वयार्थ : [ जो ] जो [ सद्दिट्ठी ] सम्यग्दृष्टि [ णिच्चं ] हमेशा [ सम्मचारित्तं ] सम्यक्चारित्र का [ हु ] निश्चित ही [ पालदि ] पालन और [ रक्खदि ] रक्षा [ परमट्टभावणट्टं ] परमार्थ की भावना के लिए करता है [ णाणं ] वह ज्ञान को [ अभिक्खं ] निरन्तर [ विजाणादि ] अनुभव करता है । भावार्थ : ज्ञान का उपयोग सम्यक्चारित्र का पालन करने के लिए करना भी ज्ञानोपयोग में सतत लगना है। परमार्थ की भावना करने के लिए जो व्यवहार चारित्र का पालन किया जाता है वह निश्चय चारित्र में ढल जाता है। परमार्थ की भावना से आचरण में लाया गया सराग चारित्र ही वीतराग चारित्र में ढल जाता है । यही निश्चय चारित्र आत्मानुभव की दशा है। ज्ञान को ज्ञानमय संवेदन करना ही अभीक्ष्ण ज्ञानोपयोग है। I भावश्रुतज्ञानी ही ज्ञानोपयोगी है
SR No.034024
Book TitleTitthayara Bhavna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPranamyasagar
PublisherUnknown
Publication Year
Total Pages207
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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