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________________ wwwwwww पपपपपपण इधर राजा महाबल.भी नीति पूर्वक प्रजा का |उसके शरीर की शोभा बड़ी ही विचित्र हो गयी थी उसका सुन्दर रूप पालन करने लगा। देखकर स्त्रियों का मन काम से आकुल हो उठता था। महाराज आपकी शासन हमारे राज कुमार कामदेव के प्रणाली अभ्दुत है। हम सब समान हैं। नगरवासी मुग्धचित्त से आपका Aक अभिनन्दन करते हैं। हमारी राजकुमारी भी कम नहीं है। W Wwण्ण्ण्ण vada योग्य विद्याधर कन्याओं के साथ उसका विवाह हो गया था। राजा महाबल जो भी कार्य करता था, वह मन्त्रियों की सलाह से ही करता था। उनमें स्वयंबुद्ध को छोड़कर बाकी तीन मंत्री मिथ्या दृष्टि थे। इसलिए वे राजा महाबल व स्वयंबुद्ध के साथ धार्मिक विषयों में विद्वेष रखा करते थे। पर राजा महाबल को राजनीति में कोई बाधा नही आती थी। किसी समय अलकापुरी में राजा महाबल की वर्षगांठ का उत्सव मनाया जा रहा था। स्वर्ग-मोक्ष ये जीव-अजीव कुछ नहीं कल्पित बातें है। होता सब कुछ प्रकृति इनमें कोई सच्चाई से बनता है। नहीं है। loooad ACCEEDO UOTr Doपम्प माजमा पासण्या पण जम्म फासण्या चौबीस तीर्थकर भाग-1
SR No.033221
Book TitleChoubis Tirthankar Part 01
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size9 MB
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