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________________ 232 / नित्य नियम पूजा ॐ ह्रीं महुवानगर विराजित श्री विघ्नहर पार्श्वनाथाय पूर्णाऱ्याम् निर्वपामीति स्वाहा / कल्याण विजयभद्र, चिंतितार्थ मनोरथम् / पार्श्व पूजा प्रसादेन, सर्व कामाय सिद्धयति / / इति श्री भट्टारक विद्याभूषण रचित विघ्नहर पार्श्वनाथ पूजनम् समाप्तम् / -X श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनपूजा / स्थापना. विघ्न हरण मंगल करण हो प्रभु दीनानाथ / मुक्ति रमा के कंथ तुम, जय मुनिसुव्रतनाथ / / नृप सुमित्र के लाल तुम, श्यामा देवी मात / करु स्थापनो त्रिविधि, मम हृदय बिराजो नाथ / ह्रीं श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र पैठण स्थित बिराजित मुनिसुव्रत जिनेन्द्राय अत्र अवतर अवतर संवौषट् / ह्रीं श्रीं मुनिसुव्रत जिनेन्द्राय अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनं / ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रत जिनेन्द्राय अत्र मम .सन्निहितो भव भव वषट् संन्निधिकरणं / (चाल-नंदीश्वर श्री जिनधाम बावन पुंज करो) प्रश सम्यक भाव जगाव, प्रामुख जल लायो / मम जन्म मरण नशजाय, तव चरण आयो / श्री मुनिसुव्रत भगवान, भवदधि पार करो / मन वच तन पूजू आज संकट दुर करो।। ह्रीं श्रीमुनिसुव्रत जिनेन्द्राय जन्मजरामृत्युविनाशनाय जलं नि
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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