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________________ किमाहुर्भरतश्रेष्ठ ] महाभारतस्थ [किमुक्ष्णावहता कृत्यं किमाहुर्भरतश्रेष्ठ 13. 23. 1deg किमिदं लक्ष्यते सर्व 14.81. 180. किमाहृत्य विदित्वा वा 1. 23. 11. 3. 177.5%. किमिदं वर्तते पुत्रि 12. 250. 24deg. किमाह्वयसि भास्करम् 1. App. 59. 12 post. किमिदं वर्तते ब्रह्मन् 3. 135. 35". किमिच्छकमतीव च 13. 133. 30. किमिदं वर्तते राजन् 9. 52.5deg. किमिच्छत्यमिसंरम्भात् 5. 49.9". किमिदं वृजिनं सुभ्र 1. 78. 2deg. किमिच्छसि बटो ब्रूहीति 12.837*.3 pr. किमिदं साहसं तीक्ष्णं 1. 150.5". किमिच्छसि मनस्विनि 5. 15.7'. किमिदं साहसं पुत्र 12. App. 11.35 pr. किमिच्छसि महाद्युते 1.71*.3 post. 3. 81.24. किमिदं साहसं ब्रह्मन् 1. 7. 1". किमिच्छसि महाराज 3. 107. 15. किमिदं साहसं भीरु 1. 206. 176. किमिच्छसि महीपाल 15. 35.25". किमिदं साहसं राजन् 9. 32. 30. किमिच्छसि शुभानन 2. 12*. 1 post. किमिदं साहसं वीरौ 10. 63*. 1 pr. किमिति त्वरसे सखे 12. 136. 90f. किमिदानीं करिष्यसि 12. 136. 111". किमिति प्रतिपालयेत् 3. 36. 30. किमिदानीं करिष्यामि 5. 191. 14". किमित्येव न वेड्यहम् 1. App. 55. 88A 1 post. किमिदानीं ददासि त्वं 9. 30. 576. किमिदं किं विदमिति 12. App. 29E. 134 pr. किमिन्द्रः सर्वलोकानां 3.218.80. किमिदं कुरुथाप्रज्ञाः 1. 212.21". किमियं जनयिष्यति 16. 2. 6. किमिदं कुरुषेऽनघ 2. 26. 14". किमियं द्रवते सेना 7. 165.90%. किमिदं कुरुषे मौन्यात् 12. 162. 44". किमियं पूर्वमेवेह 5. 117. 150. किमिदं कुरुषे शेष 1. 32.69. किमियं वक्ष्यतीत्येवं 5. 176. 29". किमिदं केशव तव 12. App. 25. 6 pr. किमियं बध्यते बाला 4.310*. 3 pr. किमिदं को विधिस्त्वेष 4. 1124*.2 pr. किमिवास्ति रणे मम 7.300*. 1 post. किमिदं क्रियते त्वया 12. 3. 11. किमिवास्त्यधिकं ततः 1. 68. 52. किमिदं ते चिकीर्षितम् 1. 107. 14. 5. 179. 224. 8. 49.7'. किमिवास्मासु संजय 6. 15. 51'. किमिदं ते व्यवसितं 15.22. 19". किमिष्टं करवाणि ते 1. 220. 30'. किमिदं त्वं प्रशंससि 12. 17. 34. किमिष्टं किं ददानि ते 12. 192. 40". किमिदं त्वं मम कृते 12.218.90. किमिष्यसे धर्मभृतां वरिष्ठ 12.64, 15*. किमिदं दृश्यतेति वै 3. 170.54. किमिहागमने चापि 3. 262. 40. किमिदं देवदेवेश 14. App. 4. 1977A 1 pr. किमिहात्रोत्तरं भवेत् 13. 21. 234. किमिदं द्यूतकामेन 3. 144. 12". किमिहानन्तरं कार्य 7.74. 36deg. किमिदं नरशार्दूल 3. 21. 4. किमिहेच्छस्यनिन्दिते 3. 13. 88. किमिदं नष्टरूपाः स्थ 1. 91. 10deg. किमीदृशं नृशंसेन 12. 143.2". किमिदं नु कृतं मया 12. 142. 424. किमीप्सितं पाण्डवेय 2. 23. 23deg. किमिदं पद्मसंकाशं 4.339*. 1 pr. किमु आसीन्मनस्तदा 6. 15. 36. किमिदं परमाश्चर्य 12. 46. 1". किमु कर्ण महारणे 8. 52. 4. किमिदं पाण्डुनन्दन 7. 171. 15. किम कृष्ण बलाधिकः 8. App. 5.45A 1 pr. किमिदं प्रार्थितं कर्तुं 3. 69. 13. किमुक्तवान्परं तस्मात् 7. 126.2. किमिदं भरतर्षभ 9. 64. 144. 16. 9.6. किमुक्तवान्महेष्वासः 5. 162. 3. किमिदं भवता प्राप्तं 5. 111.6". किमुक्तवान्हृषीकेश 5. 145. 79. किमिदं भवति त्वं मां 3. 197. 18%. किमुक्तवांश्च भगवन् 2. 11.51. किमिदं भवतो रूपं 9. 34. 60%. किमुक्तः पुण्डरीकाक्ष 5, 145.5. किमिदं भृशदुःखातों 1. 147. 20. किमुक्तेन प्रयोजनम् 2. App. 42. 18A 2 post. किमिदं मम दीयते 12. 18. 200. किमुक्त्वा विस्तरं द्विज 5. 115. 4. किमिदं रोदिषि शुभे 3. 10. 8". किमुक्ष्णावहता कृत्यं 12. 79. 40. -728 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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