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________________ किमु चैतत्समासाद्य ] लोकपादसूची [कियत्कालं प्रदानस्य किमु चैतत्समासाद्य 7. 95. 17'. किमु तत्र विचेष्टितम् 2. 15.34. किमुताग्निं समाधाय 12. 49. 24. किमुताद्य मृजावतः 1. 194.74. किमुताद्य सहायवान् 3. 145.64. किमुताद्य सुयोधनम् 9. 32. 18. किमु तान्पाण्डवर्षभान् 5. 122. 40*. किमुतान्यं पृथग्जनम् 12.281.2". किमुतान्याः सहस्रशः 12.282. 16. किमुतान्ये धनुर्भूतः 5. 21.7. किमुतान्येन केनचित् 12. 28. 51. किमुताश्रमवृद्धानां 13. App. 10. 191 pr. किमु तेषां बिल्वफलं 7. 1379*. 3 pr. किमुतैकं द्विजोत्तम 13. 10. 41. किमुतैकः सुयोधनः 7. 77.9". किमुतैतत्सुदुर्बलम् 7. 86.64. किमु तैः खलु मानवैः 1. App. 104.2 post. किमुत्तरमपद्यत 7. 134. 376. किमुत्तरं तदा ते स्यात् 8. 63. 73*. किमुत्तरं तदा तौ स्म 12. 193. 1". किमुत्थाय न धावसि 12. 309. 84. किमु योद्धुं त्वया सह 12. App. 11. 54 post. किमु राज्यं पितामह 12. 81. 1. किमु लोकान्तरगतान् 15. 37.6deg. किमु शापं मनीषिणाम् 16. 9. 276. किमु शोचसि बालवत् 7. 351*. 6 post. किमु श्रद्धा करिष्यति 12. 80.9. किमु सोमकसृञ्जयान् 9. 6. 94. किमु स्फीतस्य भारत 12. 72. 22". किमेकं दैवतं लोके 13. 135. 2". किमेकं यज्ञियं यजुः 3. 297. 34. किमेकं यज्ञियं साम 3.297.34. किमेतज्जप्यमुच्यते 12. 189. 5. किमेतत्कथमुत्पन्नं 13. 101. 9. किमेतत्कथयित्वा वः 12. App. 29E. 102 pr... किमेतरिकप्रभावेण 3. App. 16. 107 pr. किमेतक्रियतामिति 4. 1091*. 1 post. किमेतक्रियते कर्म 12. 333. 3deg. किमेतत्तपसो वीर्य 3. 182. 15. किमेतदिति चाब्रुवन् 7. 113. 100. 10. 8. 284. किमेतदिति चाविनः 12. App. 29E. 401 pr. किमेतदिति चिन्तयन् 13. 14. 105%; App. 3A. 381 post. किमेतदिति चिन्तयम् 13. 14. 113. किमेतदिति तत्त्वेन 13. 3. 176. किमेतदिति पार्थिवः 3. 127. 9". किमेतदिन्द्रावरजस्य वाक्यं 9.91*. 5. किमेतद्रुह्यवचनं 14. 57. 4. किमेतदृष्टवत्यहम् 3. 276*. I post. किमेतद्वः क्षमं गावः 13. 81. 126. किमेतन्महदाश्चर्य 9. 61. 176. किमेतानि प्रभाषसे 7. 1377*.2 post. किमेतान्येकनिष्ठानि 12. 337. 20. किमेते मम बाणौधैः 3. 856*. 2 pr. किमेतेषां विशिष्यते 13. 121. 1. किमेवं त्वं विकत्थसे 4. 341*. 3 post. किमेवं पुरुषो लोके 4. 1084*. 1 pr. किमेष देवेन्द्रसुतः किमेषः 4. App. 9. 5. किमेष सुमहास्वनः 1. 125. 15. . . किमेषामसतामिव 3. 297. 30, 324. किमेषां ज्यायः किमु तेषां कनीयः 5. 65, 46. किमेषां मानुषं मतम् 12. 288. 43". किम्मीरं चातिपौरुषम् 4. 27*.8 post. कियता चैव कालेन 1. 107. 3. कियत्कालं प्रदानस्य 13. 71. 9". किमुदीक्षथ मोहस्थाः 12. App. 29E. 141 pr. किमु धर्मव्यपेक्षया 13. App. 15. 2908 post. किमु न जितः स तदा त्वयार्जुनः 8. 26. 68. किमु नाना समुत्थिता 5. 165. 184. किमुपस्थापयाम्यहम् 13. 52. 264. किमुपस्थाप्यतां तव 13. 20. 734. किमु पाण्डुसुतान्युद्धे 6. 55. 67deg ; 65.19. 7. 6. 120.. किमु पाण्डुसुतान्वीरान् 6. 93. 36deg. किमु पाण्डुसुता राजन् 7. 110. 4. 8. 204*.2 pr. किमु पार्थात्सकेशवात् 8. 30. 36. किमु पार्थान्ससोमकान् 7. 139. 21. किमु पार्था महात्मानं 6. 112. 105deg. किमु पार्थाः सपाञ्चालाः 7. 134. 81. किमु बहुना सह तैर्जयामि तम् 8. 26. 60%. किमु भीष्म नराधिप 6. 103. 38'. किमु भीष्मं महाहवे 6. 103. 42f. किमु भीष्मो रणे वीराः 6. 106. 21. किमु माः सुदुर्बलाः 6. 114. 521. किमु मानुषमात्रेण 7. 156. 20deg. किमु मानुषयोनयः 9. 37. 10. किमु यत्र जनोऽयं वै 14. 16. 17. पादसूची-92 --729.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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