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________________ किमर्थं स महाराजः 4.535*.2 pr. किमर्थ सरुजस्तेऽहं 3. 146. 74. किमर्थ सहसा विन्ध्यः 3. 102. 1 . किमर्थं संस्मृतो देवि 3. App. 25.96 (subst.)3 pr. किमर्थ सा तु नागेन्द्रः 1. App. 28. 1 pr. किमर्थं सूतनन्दन 1. App. 31. 1 post. किमर्थं सूतपुत्रेण 7. 157. 316. किमर्थ सेवसे वृक्षं 13. 5. 16. किमर्थोऽयं तवारम्भः 5. 192. 23. किमवश्यं धरे कार्य 13. 100. 4. किमवश्यं निवस्तव्यं 12. 313. 20deg. किमवस्थं तु तत्क्षत्रं 9.53. 21". किमवस्थः समासाद्य 15.28.4deg. . किमवागुपविष्टोऽसि 1. 212. 25. किमवेक्ष्य तदुत्पन्नं 13. App. 15. 2385 pr. किमव्यक्तं परं ब्रह्म 12. 298.5deg.. किमशक्ताः पराक्रमैः 1. App. 84. 16 post. किमसि त्वमिहागतः 9. 28.85deg. किमसौ पाण्डवो राजा 5. 49.1". किमस्त्यभ्यधिकं ततः 13.79. 14. किमस्मत्तोऽमिकाङ्कसि 6. 41. 35. किमस्माकं त्वयाद्य वै 13. 81. 11. किमस्माकं त्वयानघे 13. 81. 174 किमस्माकं भवेच्छ्रेयः 3. 241. 140. किमस्मादपरा विपत् 3. App. 25. 100A 1 pr. किमस्माभिः करणीयं 13. App. 9.79 pr. किमस्माभिः कृतं तेषां 5. 125. 11". किमस्य ऋषिपूगस्य 13. 126. 24deg. किमस्य क्रियतामिति 1. App. 73.72 post. किमस्य क्रियतां प्रियम् 1. App. 72. 13 post. किमस्य धनसंचयैः 1. App. 72. 16 post. App. 73. 75post. किमस्यापकृतं देवैः 1. App. 14. 11 pr. किमहं कातरो द्रोणे 7. 131. 60". किमहं पुनरीदृशः 12. App. 11. 27 post. किमहं पूर्वमेवेह 5.110.21". किमाकाशे वयं सर्वे 14.2. 15. किमागमनकारणम् 12. 164.90. किमागमनकार्य ते 1. 634*.7 pr. किमागमनकृत्यं ते 5. 119. 21 . 13. 266*. 3 pr. 14.82. 1". किमागमनमाचक्ष्व 12. 24. 136. किमागमनमित्यथ 2. 179*. 3 post. किमागमनमित्यपि 13. App. 9A. 136 post. किमागमनमित्येव 12. 313. 9. किमागमनमित्येवं 3. 279.6. 13. 84. 450. किमागमः काञ्चनमाल्यधारिणि 4. 629*. 19. किमाचारः कथं चैतान् 6. 36. 21". किमाचारः कीदृशेषु 13. 136. 1. किमाज्ञापयसि प्रभो 9. 47. 84.. किमाज्ञापयसे देवि 3. App. 6.75pr. किमाज्यं का च दक्षिणा 12. 99. 14. किमात्मकः कथंभूतः 12. 121.6". किमात्मकः किमाचारः 6.89*.2 pr. किमात्मना परेण वा 12. 309. 64. किमात्मना यो न जितेन्द्रियो वशी 12. 309. 91. किमानन्त्याय कल्पते 13. 88. 1. किमाभरणकृत्यं ते 5. 131.36deg3 133.3. किमायुषः किंवसनाः 3. 188.6deg. किमालस्यं च विज्ञेयं 3. App. 19. 22 pr.; App. 32. 14 pr. किमाशास्य तु पापस्य 12. App. 29E. 156 pr. किमाश्चर्यतरं ततः 12.350. 36%3917*.2 post. किमाश्चर्यमतः परम् 3. App. 32.64 post. 12.350.4", 5,70%B915*.2 post., 4 post. किमाश्चर्यमितो लोके 1. App. 95. 30 pr. किमाश्चर्य कृतप्रज्ञः 8. 49. 31". किमाश्चर्य च यन्मूढः 12. 110.8". किमाश्चर्य पुनर्मूढः 8. 49. 32". किमाश्चर्य फल्गुनेऽस्मिन् 4. App. 58. 19A5 pr. किमाश्चर्यं यतः प्राज्ञः 12. 147. 10%. किमासीत ब्रजेत किम् 6.24.54. किमासीत्पाण्डुपुत्राणाम् 3. 47. 3". किमासीदसि पानीयं 3.296. 250. किमासीद्वो मनस्तदा 7. 126. 14. किमास्से चिन्तयन्निव 12. 315. 12. किमास्से पीठसर्पवत् 3. 36. 21'. किमाह धृतराष्ट्रजम् 5. 145.84. किमाह परमाहवे 9.63. 24. किमाहरामि गुर्वर्थ 5. 104. 22". किमाहारविहारिणः 3. 188.6. किमाहारं प्रयच्छामि 3. 177.5". किमाहाराश्च ते तत्र 15.36.50. किमाहाराः किमाचाराः 3. 1. 4. किमाहिताग्नेः कुर्वन्ति 14. App. 4.2555 pr. किमाहुर्दैवतं विप्राः 12. 68.1". -727
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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