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________________ कांश्चिदर्थान्नरः प्राज्ञः] श्लोकपादसूची [किमकुर्वन्त मे मन्दाः कांश्चिदर्थाबरः प्राज्ञः 5. 34. 21". कांश्चिदापततो वीरान् 10. 8. 105". कांश्चिदुद्यतकाMकान् 12. 4. 18. कांश्चिदुद्वहतो बाणान् 12. 4. 18. कांश्चिदेणान्स निर्जन्ने 1. 63. 17. कांश्चिद्विभेद पार्थेषु 10. 8. 71. कांश्चिद्भगवतो गुणान् 13. 14. 8. कांश्चिद्योधान्स खड्नेन 10. 8. 106%. कांश्चिन्निन्ये यमक्षयम् 7. 129. 354. कांस्तत्र समवारयन् 7. 23. 19'. कांस्तत्र संजयापश्यः 5.56. 1. कांस्यघण्टास्वनैरपि 14. App. 4. 3107 post. कांस्यं भवतु दोहनम् 13. 96. 41. कांस्यं हृत्वा तु दुर्बुद्धिः 13. 112. 99". कांस्यानि च समन्ततः 7. 95. 35. कांस्यानि चैव भाण्डानि 2. App. 35. 2 pr. कांस्यायसतनुत्राणान् 7. 31. 17". कांस्यायसतनुत्रांस्तान 8.59. 26". कांस्ये निर्भिद्य वर्मणी 7. 150. 244. कांस्योपदोहनां धेनुं 13. 63. 33deg. कांस्योपदोहां कनकाप्रशृङ्गीम् 13. 57. 28"; App. 15. 3269. ___14. App. 4. 1873 ( subst. ) 2. कास्योपदोहां द्रविणोत्तरीयाम् 3. 914*. 2, 10. 13. 57.30". कांस्योपदोहां वसनोत्तरीयाम् 13. 79. 11'. काः कथाश्च चकारासौ 5.2*.2 pr. काः कथाः पृष्टवांश्च सः 12. 331. 17. काः कथाः समवर्तन्त 12.54. 36. किराणां च दर्शनम् 1.2.97t. किङ्किणीकाश्रमे तथा 13. 26. 21. किङ्किणीजालनद्धानां 6. 19. 41. किङ्किणीजालमण्डितः 2. 54. 4. किङ्किणीजालमालिनम् 8. App. 36. 8 post. किङ्किणीजालमालिना 1. 212. 34. 2. 22. 17. 3. 246. 31'. किङ्किणीजालमालिनाम् 1. 213. 41'. किङ्किणीजालमालिमिः 6. 92. 63. किङ्किणीजालबन्ति च 13. 62. 46%3; 70. 22%; App. 15. ___3224 post. 14. App. 4. 2301 post. किङ्किणीजालसंवृतैः 9. 22. 124. किङ्किणीभिश्च मारिष 7. App. 21. 17 post. किङ्किणीमणिभूषितः 2. App. 15. 89 post. किङ्किणी मुनिपुष्पं च 14. App. 4. 1640 pr. किङ्किणीशतजालवत् 7. 13. 576. किङ्किणीशतनिर्घोषं 5. 138. 21". 7. 150. 11". किङ्किणीशतनिर्घोषः 13. 53. 30". किङ्किणीशतसंधैश्च 5. App. b. 18 pr. किङ्किणीशतसंवादः 7. 80. 26. किङ्किणीसायको महान् 4. 38. 31. किझल्कारुणरञ्जितैः 3. 155.51". किणबद्धौ करावुभौ 4. 19. 23. किणबद्धौ वृकोदरः 4. 19. 29. कितवत्वं पण्डिता वर्जयन्ति 5. 36. 684. कितवस्याप्यनिकृतेः 2,53. 10. कितवं मम पुत्राणां 11. 24. 25. कितवानां युधिष्ठिर 2. 61. 1. कितवा यानि दीच्यन्तः 2. 58. 196. कितवेन कृतं पापं 5. 170*. 2 pr. कितवेनेति नः श्रुतम् 4. 63. 300. कितवरक्षकोविदः 3. 49. 324. कितवैरभिसंवृताम् 2. 52. 3rd. कितवो भ्रूणहा यक्ष्मी 13. 90.6". कितवो राजसत्तमः 7. 20. 46'.. किमकार्यमसाधुभिः 2. 225*. 3 post. किमकार्य विवर्जयेत् 12. 89. 184. किमकार्षीच्च संजय 7.8*. 1 post. किमकार्षीदतः परम् 7. 107. 11. किमकार्षीदनन्तरम् 7. 1033*. 6 post. किमकाधूने तस्मिन् 3. 244. 1. किमकार्षः परं तात 7. 1. 9. किमकुर्वत ते यः 11. 1. 24; App. 1. 2 post. किमकुर्वत ते सर्वे 1. App. 86. 72A. 40 pr. किमकुर्वत पाण्डवाः 1. 145. 1"; 153. 14. 3. 257. 1'; 295. 1. किमकुर्वत मामकाः 8. 1. 40%, 424.9. 2. 514. किमकुर्वत वै द्विज 9. 1. 1. किमकुर्वत संजय 6. 23. 1%; App. 4. 52 post .. 25. 2%3 81.14%3; 97. 14; 1242*. 3 post. ; App. 19.. ____12 post. 9. 29. 1%; 60. 1. 10. 1. 16. किमकुर्वत संयुगे 6. 85.1". किमकुर्वन्कथाश्चैव 3. 119. 1. किमकुर्वन्त कुरवः 5. 156. 1. किमकुर्वन्त कौरव्याः 3. 1. 2. किमकुर्वन्त तं प्रति 4. App. 19. 14 post. किमकुर्वन्त ते पश्चात् 4. App. 58.8pr. किमकुर्वन्त पाण्डवाः 1. 200. 11. 3. 49. 14. किमकुर्वन्त मामकाः 7. 61. 4'; 232*. 1 post. किमकुर्वन्त मे मन्दाः 5. 162. 1. -723 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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