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________________ किमकुर्वन्त वै द्विज ] महाभारतस्थ [किमन्यद्विहितानूनं किमकुर्वन्त वै द्विज 4. 12. 14. किमकुर्वन्त सत्तम 3.241. 1". किमकुर्वन्नतः परम् 7. 173. 14. किमकुर्वन्महारणे 7. 1242*. 2 post. किमकुर्वन्महेष्वासाः 6. App. 4. 295 pr. किमग्निहोत्रस्य व्रतं पुराणं 3. 184. 12". किमङ्गत्वं मया नीतः 12. 274*. 6 pr. किमङ्ग पुनरेकं वै 13. 23. 40deg. किमङ्ग पुनरेकेन 7. 52. 80. किमङ्ग पुनरेवान्यः 7. 38. 17deg. किमचेष्टत गाङ्गेयः 5. 162.4. किमचेष्टत विप्र 7.1.2.11.9. 1. किमतः परमापतत् 1. 1468*. 1 post. किमतः पूर्वजं जन्म 12. 337.8". किमतः श्रोतुमिच्छसि 13. 7. 324. किमतो गुरु दृश्यते 3. 178. 3. किमत्र कार्य पार्थस्य 4.42. 25. किमत्र कार्य पार्थेन 4. App. 42. 2 pr. किमत्र चित्रं यद्वीर 3. 238. 38*. किमत्र तथ्यं सुश्रोणि 5. 191. 16". किमत्र तव फल्गुन 1. 126, 19. किमत्र प्रत्यक्षतमं 12. 261. 39%. किमत्र ब्रह्मण्यमृतं 12. 306. 26". किमत्राधर्मचेष्टितम् 7. 118. 47d. किमदेयं वदान्यानां 2. 225*. 4 pr. किमद्भुततरं ततः 1. 196. 134. 3. 196. 9'. किमद्भुततरं लोके 7. 75. 10 किमद्यकानां ये लोकाः 5. 131. 376. किमधिष्ठानमेव च 14. App. 4. 582 post. किमधिष्ठाय तयात् 12. 211. 25. किमधिष्ठाय तिष्ठामि 12. App. 20. 4 pr. किमध्यात्माधिभूतं च 13. App. 11. 18 pr. किमनुक्रोशवैफल्यं 13. 5. 226. किमनुस्मरन्कुरुश्रेष्ठ 12. App. 17B. 3 pr. किमनेकप्रकारेण 12. App. 19. 163 pr. किमनेन करिज्येऽहं 13. App. 1A. 44 pr. किमनेन गृहीतेन 9. 28. 35. किमनेन चिरं भीम 1. 142. 21". किमनेन चिरं वीर 2. App. 38.2 pr. किमनेन तदा कृतम् 5. 48. 374. किमनेनातिनुन्नेन 9. 60. 21. किमन्नजातमिष्टं ते 13. 52. 26deg. किमन्नं क्रियतामिति 1. 215. 44. किमन्नं पार्थ किं विषम् 3. 297. 60. किमन्नाद्येन तेन मे 3. 131. 174. 13. App. 8. 40 post. किमन्यच्छ्रोतुमिच्छसि 6. 12. 114. 12. 137. 109". 13. 128. 594; 132. 39". किमन्यत्कथयामीह 12. 737*. 2 pr. किमन्यत्करवाणि ते 3. App. 14. 46 post. 5. 15. 29% 177.24. किमन्यत्कामहैतुकम् 6. 38.84. किमन्यत्कालयोगाद्धि 9. 62. 46". किमन्यक्रियतामिति 5. 8. 13. किमन्यत्क्रोधलोभाभ्यां 7. 164. 25. किमन्यत्परिपृच्छसि 12. 313. 51". किमन्यत्प्रब्रवीमि ते 12.274. 590. 13. App. 20. 277 post. किमन्यत्प्रभविष्यति 6. 115. 3. किमन्यत्प्राणयापनात् 12. 15. 25*. किमन्यत्प्रियकाम्यया 2. 34. 104. किमन्यत्र तपोबलात् 13.54. 25*3; 69. 28"; 106.2. किमन्यत्र विषयादीश्वराणां 5. 32.22". किमन्यत्र शमाद्भवेत् 7. 169. 534. किमन्यत्रापवर्जनात् 1. 163.44. किमन्यत्सर्वकामेन 13. App. 9. 153 pr. किमभ्यदद्य कौन्तेय 13. App. 14A. 41 pr. किमन्यदनुपृच्छसि 13. 31. 64". किमन्यदवमानाद्धि 2. 34. 14". किमन्यदिदमागतम् 3. App. 10. 64 post. ; App. 11.. 56 post.; App. 12. 18 post, किमन्यदिह वर्तताम् 12. 59. 141". किमन्यःखमधिकं 2. 609*. 1 pr. किमन्यहुर्लभं ततः 12. 125. 74. किमन्यदैवसंयोगात् 7. 23. 4%; 133. 61:: किमन्यहुद्धलक्षणम् 12. 187.57%; 241. 11'. 13. App. 11. 352 post. किमन्यहुद्धिलाघवात् 5. 126. 196. 12. 150. 314. किमन्यद्भागधेयतः 6. 72. 2143; 85. 4. 7. 23. 9"; 89. 250; 171*. 1 post. ; 616*.2 post. 9. 2. 294, 314, 324, 336, 341, 354, 36, 374, 386, 39", 4003; 55. 44; 15*. 2 post.; 16*. 2 post .; 18*. 1 post.; 20*. 2 post.; 26*. 1 post. किमन्यद्योगलक्षणम् 12. 304. 27. किमन्यद्राक्षसानन्यान 7. 151.76. किमन्यद्वा करोमि ते 5. 187. 30. किमन्यद्विहितानूनं 1. 196. 23". .-724 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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