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________________ कार्ये त्वां विनियोक्ष्यामि ] श्लोकपादसूची [कालकेयैर्महाकायैः कार्ये त्वां विनियोक्ष्यामि 1. 97.72. कार्ये पार्थिवसत्तम 1. 3. 181'. कार्ये महति दारुणे 5. 354*. 2 post. कार्ये महति यो युङ्ग्यात् 12.94. 17. कार्ये विवदमानानां 12. 86. 9". कार्येषु कुरुनन्दन 2.51.74. कार्येषु बलसूदनः 3. 218. 10. कार्येष्वखेदः कोशस्य 12. 58. 8. कार्येष्वधिकृताः सम्यक् 12. 86. 16. कार्येष्वन्येषु चैव हि 12. 41. 13. कार्येष्वप्येकनिश्चयो 1. 201. 5. कार्येष्वर्थविनिश्चयम् 1. 33. 13. कार्येष्वहं त्वया पुत्र 3. 221. 280. कार्ये सक्तमहैतुकम् 6. 40. 22. कार्ये समुपकल्पिते 13. 107. 101%. कार्यरच्याहतमतिः 12. 210. 21". कार्यैषा स्यात्कदाचन 5. 60.7. कार्यो न्यायैर्नित्यमत्रापवादः 12. 139. 84. कार्योपसेवी मित्रेषु 12. 162. 13. कार्योपायं जनाधिप 1. 194. 214. कार्यों मतिमतां वर 14. 28. 25. कार्यो मां प्रति भारत 3. 141. 214. कार्यो विश्वासघातकः 12. 137.24. काय वैवर्ण्यमेव च 12. 277. 39. काणं वेदमिमं विद्वान् 1. 1. 205%; 56. 17.18.57*.1 pr. काणे वेदमिमं सर्व 18. 32*. 1 pr. कार्णायसतनुच्छदैः 7. 87. 35. कार्णायसमयं घोरं 7. 131. 26%; 142. 356. कार्णायसमया गुडाः 7. 170. 186. कार्णायसमलंकारं 13. 311*. 1 pr. कार्णिनामिहतं कृष्ण 11. 57*. 1 pr. कार्णिबाहुबलार्पितान् 11. 25. 11'. कार्णिरुत्सृज्य पौरवम् 7. 13. 58. कागिर्भवत्येष यथा रणस्थः 3. 120. 11". काणिर्मेरुरिवाचलः 6. 74. 24. काणिश्चापि मुदा युक्तः 6. 96. 280. काणि च साम्बं च शिनेश्च पौत्रम् 3. 118. 20. काणि नवमिराशुगैः 6. 97. 12. कागि पञ्चभिरायसैः 6. 74. 24deg. काणि प्रति युयुत्सवः 7. 256*. 2 post. काणि विव्याध पञ्चमिः 6. 107. 194. काणिः पञ्चरथान्प्रति 6. 45. 200. काणिः परपुरंजयः 6.58. 44. काणिः परमकोपनः 6. 112.5. काणिः प्राप्यातिकोपनः 6. 58. 14. काणेरमिततेजसः 11. 20. 3. कार्णैर्बाहुबलाश्रयात् 6. 57. 11. काल आत्मप्रचोदितः 12. 267.. काल आहूय वचनं 1.21.3. काल इत्येव भारत 2. 151. 1 post. काल एव समादत्ते 16. 9. 33. काल एवात्र कालेन 13. 150.26. काल एष क्रियाबुधः 12. App. 26. 57 post. काल एष महाबल: 1. 41. 25deg. कालकान्दुरासदान् 3. 855*. 1 post. कालकण्ठः प्रभासश्च 9. 44. 64". कालकल्पाः प्रहारिणः 1. 59. 33. 7. 68. 42. कालकल्पैर्दुरासदैः 7. 87. 51. कालकल्पो व्यदृश्यत 3. 12. 200. कालकश्च प्रहासश्च 9. 264*.2 pr. कालकाक्षः सितश्चैव 9. 44. 64. कालकाङ्क्षी चचार ह 5. 13. 20%. कालकाङ्क्षी महायशाः 2. App. 21. 483 post. कालका च महासुरी 3. 170.6. कालकायास्तु ये पुत्राः 1. 61. 450. कालकार्य न जानीये 8. 27. 24deg. कालकालं मनोजवम् 13. App. 1A. 155 post. कालका सुरभिर्देवी 2. 11. 29. कालकीर्तिरिति ख्यातः 1. 61. 34. कालकूटमतीत्य च 2. 18. 26". कालकूटस्ततः परः 1. 274*. 3 post. कालकूटस्य भोजनम् 8. 61. 12. कालकूटं नवं तीक्ष्णं 1. 119. 39. 3. 13.72%. कालकूट विषं घोरं 1. App. 10.2 pr. कालकूट विषं तीक्ष्णं 3. App. 23. 4A 1 pr. कालकूटं सुदुर्जरम् 7. 110. 26. कालकेयकृते कृतम् 3. 170. 94. कालकेयमपोथयत् 7. 48.7'.. कालकेयवधं चैव 3. 867*. 1 pr. कालकेयसहस्राणि 7. 103. 39. कालकेयान्महेष्वासान् 7. 798*. 1 pr. कालकेयास्तथा जलाः 18. 28*.7 pr. कालकेयांश्च दुर्धर्षान् 4. 160*. 3 pr. कालकेयांश्च वीर्यवान् 7. 49. 16. कालकेयांश्च सर्वशः 1. 1221.4 post. कालकेयैर्महाकायैः 3. 99.2 -709 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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