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________________ कार्याकार्य भयाभये] महाभारतस्थ [कार्येत्येतत्क्षमं हि नः कार्याकार्ये भयाभये 6: 40. 30deg. कार्याकार्ये विजानतः 12. 276.7. कार्याकार्येषु भारत 12. 128. 44. कार्याकार्येष्वप्रमत्तश्चरेद्यः 1. 865*.2. कार्याकार्य स्थिरो भव 4. App. 16. 40 pr. कार्याकार्योपधारणात् 12.229.16%. कार्या चाग्निमतेऽग्नये 3. 211. 314. कार्या चापचितिस्तेषां 12. 133. 16deg. कार्याणामक्रियाणां च 8. 49. 15. कार्याणामनुपालनात् 4. App. 16. 22 post. कार्याणामनुशासनम् 2. 57. 94. कार्याणामविवेकिताम् 3. 1145*. 1 post. कार्याणामविशारदः 12.72.9. कार्याणामविशेषवित् 3. 159.7". कार्याणामिव निग्रहे 2. 18. 254. कार्याणां कारणं त्वहम् 13. App. 3A. 513 post. कार्याणां कारणान्तरे 9. 64. 18. कार्याणां गुरुतां बुध्वा 12. 136. 203deg. कार्याणां च विवर्जनात् 5. 34. 41'. कार्याणां तद्वदामि ते 12. 148. 16. कार्याणां तूपकरणे 12. 204. 11. कार्याणां त्वं विचक्षणः 7. 85.84%. कार्याणां भरतर्षभ 15. 10. 8. कार्याणां संप्रसिद्ध्यर्थ 12. 101. 36. कार्याणि नाथाः स्वमतेन लोके 3. 120. 3. कार्याणि भरतर्षभ 3. 1335*. 6 post. कार्याणि विविधानि च 13. 64. 15. कार्याणि सपुरोहितः 12. 72.4. कार्याणि सुगुरूण्यपि 15. 1. 14. कार्याणि सुलघून्यपि 4. 4. 15. कार्याण्यनुविहन्ति च 12. 56. 51'. कार्याण्यपि समानुयात् 12. 205. 31. कार्याण्यहमथारभम् 13. 83. 134. कार्या तु शुचयेऽग्नये 3. 211. 264. कार्या ते शान्तिमिच्छता 13 App. 9. 128 post. कार्या दस्युमतेऽग्नये 3. 211. 2rd. कार्यादि कारणान्तं यत् 12. App. 26.3 pr. कार्या द्विगुणवेतनाः 12. 101. 2743; 236*. 2 post. कार्या धर्मचिकीर्षया 9. 30. 28. कार्यानुपालनान्नित्यं 4. App. 16. 2 pr. कार्यन्तं कारणादिकम् 12. App. 26. 3 post. कार्या पथिकृतेऽनये 3. 211. 304. कार्या पुत्रैः सहान्धयैः 5. 93. 14. कार्यापेक्षमनन्तरम् 3. 178.7. कार्यापेक्षा व्यवस्यसि 12. 308. 63. कार्यापेक्षा हि वर्तन्ते 12. 112. 82. कार्या बुद्धिः कथंचन 1. 24. 30. कार्या ब्राह्मणबन्धनाः 12.259.79. कार्याभावे क्रिया न स्यात् 13. 1. 38%. कार्या यात्रा यथाकालं 13. 130. 12. कार्या युक्ता मता मम 2. 174*. 1 post. कार्यारम्भः शुभाशुभ: 13. App. 15. 2352 post. कार्यारम्भाहतेऽपि च 13. App. 15. 2902 post. कार्या रुधिरमांसाढ्याः 13. 101. 60%. कार्यार्थकृतसंधी तौ 12. 311*. 5 pr. कार्यार्थममिनिर्याय 5. 142. 26. कार्यार्थमवतीर्णौ तौ 3. 193*. 2 pr. कार्यार्थमुपसंप्राप्ता 11. 8.21. कार्याथै कृतसंधी तौ 12. 136. 114". कार्यार्थ प्रीयते जनः 12. 136. 1484. कार्यार्थ भोजनार्थेषु 12. 112. 53. कार्या राक्षसोत्तमाः 2. App. 17. 25 post. कार्यार्थ हि दिवौकसाम् 1. App. 118. 131 post. कार्यार्थिनश्चरन्तीति 1. 1587*. 4 pr. कार्यार्थिनस्तु षण्मासं 1. 1579*. 3 pr. कार्यार्थिमिः समभ्येत्य 1. App. 48. 28 pr. कार्यार्थे निर्गतं चापि 13. 124. 136. कार्यावेतौ हि कालेन 13. 150. 84. कार्या वै वीतयेऽग्नये 3. 211. 254. कार्या वै शुचयेऽग्नये 3. 211. 24. कार्या सर्वात्मना त्वया 7.60.32d. कार्या सर्वात्मना भवेत् 12. 69. 424. कार्यास्ते ऋत्विजः प्रभो 12. 197*. 1 post. कार्या स्नेहान्विता मतिः 3. 1. 354. कार्या स्यादुत्तराग्नये 3. 211. 294. कार्ये खलु विपन्ने त्वां 12. 86. 12. कार्ये चानम्तरोऽभवत् 3. 264.11. कार्ये ज्यायसि तिष्ठति 12. App. 4. 58 post. कार्येण खल्वनेनैव 3. 278. 5. कार्येण तेन नभसः 12.278. 32. कार्येण महता युक्तं 5. App. 9.22 pr. कार्येणात्यर्थगाढेन 8. 30. 13. कार्येणैव सहामिभूः 1. App. 114. 156 post. कार्ये तद्भावभावितः 12. 34. 23. कार्येति पुरुषर्षभाः 16. 3. 224. कार्येत्येतत्क्षम हि नः 14. 88..15. .. 708
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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