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________________ कायं च कारणं चैव] श्लोकपादसूची [ कार्याकार्य बलाबले कार्य च कारणं चैव 12. 166*. 4 pr. कार्य च प्रतिपेदे तत् 5. 174. 19. कार्य च वदतां वरा: 13. App. 3A. 75 post. कार्य च हृदि मे यत्तत् 5. 15. 10*. कार्य चाकार्यमेव च 6. 40. 31'. कार्य चातिथ्यमस्माभिः 12. 346. 6. कार्य चातिबलद्युतिः 12. 331. 43'. कार्य चावेक्ष्य तत्त्वतः 12. App. 2. 40 post. कार्य चैव निबोध मे 1. 94. 82. कार्य तत्कुरु माचिरम् 5. 178. 224. कार्य तत्र प्रथमं धर्मकार्य 1. 865*.7. कार्य तव जनार्दन 5. 16. 94. कायं तस्य निषेवणम् 13. App. 15. 2808 post. कार्य तेजः क्षमापि वा 3. 100*. 1 post. कार्य ते तत्समाचर 12. 2. 284. कार्य तेन महात्मना 1. 1857*. 1 post. कार्य ते राक्षसेश्वर 3. 262.40. कार्य दासेन वा पुनः 12. 234. 184. कार्य द्वन्द्वत्रयं भुवि 4. App. 16. 33 post. कार्य न प्रतिपद्यते 5. 133.54. कार्य निश्चितमुत्तमम् 5. 142. 26deg. कार्य पात्रगतं नित्यं 13. 113. 22. कार्य पार्थ कथंचन 3. 92. 3. कार्य पार्थस्य मातुल 5. 64*. 1 post. कार्य प्रति च मानद 6. 344*. 6 post. कार्य प्रति भुजंगमे 1. 44. 12. कार्य प्राणैरपि प्रभो 7. 950*. 8 post. कार्य भवति शासनम् 5. 178. 244. कार्य भवेत्तत्सुहृद्भिर्नियुज्य 5. 146. 34. कार्य मम महत्कृतम् 3. 889*. 2 post. कार्य मे काङ्खितं किंचित् 1. 122. 42". कार्य यत्नेन शत्रूणां 15. 11. 13. कार्य यदिदमुद्यतम् 7. 169. 57. कार्य युद्धं मनीषिभिः 7. 477*.2 post. कार्य संरक्ष्यते चैषः 7. 120. 49. कार्य साधयितुं नृप 1. 197. 26. कार्य सिद्धिं तथामुयात् 13. App. 15. 2953 post. कार्य सिध्यतु चावयोः 12. 136. 68. कार्य सुनयमिच्छता 5. 4. 34. कार्य सुमहदुद्यतम् 8. 386*. 3 post. कार्य हि महदुद्यतम् 5. 166. 10. 7. 53. 564. कार्य हि सुमहत्पार्थः 1. 216. 4". कार्य हृदयतोषणम् 2. 16. 3. कार्यः पञ्चगुणो रथः 7. 87. 474. कार्यः पार्थात्कथंचन 7. 52. 25deg. कार्यः पुंसा कथंचन 1. 224. 31. कार्यः प्रति युधिष्ठिरम् 2. 44.1. कार्यः प्रति वृकोदरम् 1. 150. 12. कार्यः शमपरायणैः 3. 1. 244. कार्यः शरीरसंस्कारः 14. App. 4. 2513 pr. कार्यः श्रेयोर्थिना तौ हि 12. 316. 10. कार्यः सर्वात्मना वधः 1. 202. 11t. कार्यः सर्वोपघातिषु 12. 137. 14. कार्यः सह भविष्यति 5. 151. 22. कार्याकार्यमजानतः 1. App. 81. 109 post. 5. 178. 24deg. ___12. 57.79; 138. 48. 13. App. 1A. 110 post. का कार्यमजानन्तः 13. App. 15. 2854 pr. कार्याकार्यमजानन्दै 7. 120. 16. कार्याकार्यमिदं चेति 13. App. 15. 2419 pr. कार्याकार्यविचारकः 12. 120. 181. कार्याकार्यविचारणे 12. 178*. 1 post. कार्याकार्यविदा सदा 13. App. 10. 164 post. कार्याकार्यविनिश्चये 1. 1797*. 1 post. 8. 49. 17'. ____12. 135. 103; 136. 14. कार्याकार्यविशेषज्ञः 13. App. 15. 1333 pr. कार्याकार्यविशेषज्ञाः 4. App. 16. 24 pr. कार्याकार्यव्यवस्थितौ 6. 38. 24. कार्याकार्यसमुद्भवा 3. 149. 47. कार्याकार्यस्य चाज्ञानात् 13. App. 15. 2876 pr. कार्याकार्य च नः सर्वे 12. 37.5%. कार्याकार्य च शास्त्रतः 9. 49. 534. कार्याकार्य नियुज्यते 7. 1101*. 1 post. कार्याकार्य युधिष्ठिर 12. 59. 196. कार्याकार्य विजानाति 13. App. 15. 1399 pr. कार्याकार्य कारणं चैव पार्थ 13. 143. 12. कार्याकार्य पूजयित्वा प्रसाद्य 5. 40. 21. कार्याकार्य बलाबले 12. 121. 30*. कार्य योऽवेक्ष्य शक्तिं च 12. App. 2. 28 pr. कार्य लोके सनातनम् 1. 146. 4. कार्य वा यदि वाकार्य 3. 127. 18%. कार्य वो यदि वह्निना 13. 84. 254. कार्य शौचं पुनस्तयोः 13. App. 10. 91 post. कार्य सततमिच्छद्भिः 13. 67. 18. कार्य समभिचिन्तितम् 1. 86*. 1 post. कार्य समुपपद्यते 2. 18. 12. - 707 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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