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________________ कस्यचित्तस्कराः केचित् ] श्लोकपादसूची [ कस्य स्विद्धदय नाति कस्यचित्तस्कराः केचित् 1. 205. 5. कस्यचित्त्वथ कालस्य 1. 123. 686.2. 13. 2933; 17.8%; App. 21. 508 pr. 3. 38. 1deg3; 80. 150; 123. 1deg3; 194. 1303; 245.833; 210*. 1 pr. 5. 193. 30.9. 42.40. 12.273. 14%3 274. 18deg3, 333. 1 . 13. 12.6% 14.76%3 103. 10% App. 14. 35 pr. 16. 1.70. कस्यचित्त्वथ विप्रस्य 13. App. 15. 4510 pr. कस्यचित्पुरुषोत्तम 13. 2. 80%. कस्यचित्प्रतिपद्यते 12.287. 376. कस्यचित्सरसस्तीरे 4. App. 26. 5 pr. कस्यचिद्दन्तमुत्पाव्य 8. 840*.6 pr. कस्यचिद्दातुमर्हति 13. 6. 22". कस्यचिट्विजमुख्यस्य 13. App. 20. 38 pr. कस्यचिद्विजसत्तम 3. 199. 10*. कस्यचिद्धृदयं क्वचित् 4. 487*. 3 post. कस्यचिद्ब्रह्मवादिनः 12. 2. 20'. कस्यचिद्राह्मणस्यासीत् 12. 385*. 1 pr. कस्यचिद्भूतभव्यस्य 12.259. 23deg. कस्यचिन्नाभिजानामि 12. 136. 146deg. कस्य चेयं तव च का 5. 175. 14. कस्य चैव प्रभावाद्धि 3. App. 16.64 pr. कस्य चैषा तिलोत्तमा 1. 200. 22. कस्य ज्यायः फलं प्रोक्तं 13. 60. 1. कस्य तुल्यबला देव 13. App. 5.54 pr. कस्य ते कस्य वा वयम् 11.2.124.12.28.38:309.844 कस्य ते गर्हिताः पुत्राः 13. App. TA. 140 pr. कस्य ते बन्धुदायादाः 13. App. TA. 133 pr., 193 pr. कस्य ते हव्यकव्यानि 13. App. TA. 74 pr. कस्य त्रैलोक्यपूजितम् 13. App. 5.55 post. कस्य त्वमसि का चासि 1. 94. 43. कस्य त्वमसि वामोरु 3. 123. 3". कस्य त्वं दुष्टतापसि 1. 68. 184. कस्य त्वं मृगशावाक्षि 3.60. 29*. कस्य त्वं वा किंनिमित्तं त्वमागाः 1. 83. 10*. कस्य त्वं सुरगर्भाभे 1. 142. 30. कस्य त्वीदृशकं वाक्यं 5. 134. 11t. कस्य त्वेषानवद्याङ्गी 3. 248. 12. कस्य दण्डो दृढः श्लक्ष्णः 4.704*. 32 pr. कस्य देवस्य शासनात् 12. 862*. 2 post., 3 post. कस्य देवैः प्रशस्यते 13. App. 5.51 post. कस्य द्रोणो धनुषि न गुरुः स्वस्ति देवव्रताय 1. 1859*. 5. कस्य धर्मस्य वा फलम् 4. App. 58. 19A 4 post. कस्य न प्रीतिमावहेत् 1. 90. 30. कस्य न स्याद्वयतिक्रमः 1. App. 8. 4 post. कस्य नादातुमर्हति 12. 128. 20'. कस्य नार्यः सुताश्चैव 13. App. TA. 273 pr. कस्य नित्यं प्रयच्छन्ति 13. App. TA. 147 pr. कस्य पाञ्चनखे कोशे 4. 38. 336. कस्य पुत्रश्च शंस मे 1.76. 12d. कस्य पुत्रं वदन्ति तम् 13. App. TA. 197 post. कस्य पुत्रः स राजासीत् 1. 13. 30. कस्य पुत्रः स वीर्यवान् 1. 1331*. 2 post. कस्य पुत्रोऽथ नप्ता वा 3. 194. 6. कस्य पुत्रो भविष्यति 1. App. 48. 90 post. कस्य पुत्रो महामुने 1. 200. 21. कस्य पुत्रो वदस्व मे 1. 13. 30. कस्य पुत्रोऽसि नाम किम् 1. 2035*. 2 post. कस्य भार्ग ददन्ति वै 12. 327. 130. कस्य भृत्यस्य भूमिपः 4. 120*. 48 post. कस्य मृत्युः कुतो मृत्युः 7. App. 8. 33 pr. 12. 248. 6. कस्य रेतः पुरा हुतम् 13. App. 5. 47 post. कस्य लाभो विशिष्टोऽत्र 12. 263. . कस्य वंशे नु संजातः 2. App. 15. 178 pr. कस्य वंशे समुत्पन्नः 9. 37. 2". कस्य वंशे समुद्भूतः 4. App. 19. 11 pr. कस्य वः को मतः पक्षः 12.324. 11:. कस्य वा किं ददाम्यहम् 1. 2. 1384. कस्य वा को गुणो भूयात् 9. 57. 2. कस्य वाचा ह्यदैवं स्यात् 13. 6. 25. कस्य वा स्वं कुतो वा त्वं 4.9.36. कस्य वा त्वं विशालाक्षि 4. App. 6. 44 pr. कस्य वान्यस्य रतस्तत् 13. App. 5. 48 pr. कस्य वा प्रियकाम्यया 1. App. 121.2 post. कस्य वा प्रियमेव च 1. App. 118. 1A 1 post. कस्य वारोऽद्य भोजने 1. 152. 12. कस्य वा विप्रियं कर्तुं 1. App. 118. 1A 1 pr. कस्य वा विप्रियं कुर्वन् 1. App. 121. 2 pr. कस्य वा संनिसर्गात्त्वं 12. 308. 58. कस्य वै हृदयं केन 4. 489*. 1 pr. कस्य शापाच्च ब्रह्मर्षे 1. 101. 1. कस्य शोकं न वर्धयः 4. 363*. 2 post. कस्य सप्तशतं शराः 4. 704*. 30 post. कस्य सेनासमुदये 6. 22. 19". कस्य स्वत्वं कथं भवेत् 13. App. 15.3124 post... कस्य स्विद्धृदयं नास्ति 3. 133. 25%; 297. 42. -683
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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