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________________ कस्माद्वेदोऽनृतं वदेत् ] महाभारतस्थ [कस्यचित्किंचिदग्रतः कस्माद्वेदोऽनृतं वदेत् 13. 121.". कस्माद्वै दुर्लभां सतीम् 13. 81. 12. कस्मान्न कुर्याद्वचनं 5. 142. 25. कस्मान्न कृत्स्त्रां पृथिवीं प्रशासेत् 3. 120. 24. कस्मान्न त्यजसि द्रुमम् 13. 5. 12. कस्मान्न वायसे दुःखात् 2. App. 41. 6 pr. कस्मान्न पश्येयमनन्तमीशम् 12. 322. 4'. कस्मान प्रापितस्त्वया 8. 322*. 2 post. करमान ब्राह्मणं सम्यक् 2. 39.6. कस्मान शेषयः कंचित् 11. 14. 20deg. कस्मान्न स विजेष्यति 4. 63. 390. कस्मानाभ्यवपत्स्यसे 10.57*.2 post. कस्मानाभ्यवपद्यसे 10. 12. 34. करमामाभ्येति ते पतिः 14. 60. 284. कस्मानिपतितो भुवि 17. 2.94. कस्मालेहाजयत्तपः 1.57.79d. कस्मान्मन्युर्न वर्धते 3. 28. 20, 214, 25, 274, 294, ___30, 314, 32. कस्मान्मामनुपृच्छसि 3. 178. 284. कस्मान्मा ते न खादेयुः 12. 136. 165%. कस्मान्मां नाभिजानीत 1. 158. 11'. करमान्मां नोपतिष्ठति 5. 11. 14. कस्मान्मां परुषाण्यथ 7. 169. 304. कस्मान्मृग विगर्हसे 1. 109. 174. कस्मान्मे स्यात्पराजयः 5. 54, 624. कस्मानियन्ते पुरुषाः 13. 107. 1". कस्मिन्काले किमात्मकम् 13. 83.79; 91. 1. कस्मिन्काले केन धर्मों न नश्येत् 3. 184. 3. कस्मिन्काले क्षणो भवेत् 12. 124. 29". कस्मिन्काले चरेद्धर्म 13. 23. 26%. कस्मिन्काले त्वमागतः 5.38*. 2 post. कस्मिन्कालेऽथ वा कस्य 14. App. 4. 2546 pr. कस्मिन्कालेऽनृतं वदेत् 12. 110. 36. कस्मिन्काले मया तत्तु 1. 1100*. 1 pr. कस्मिन्कालेऽर्थमाचरेत् 13. 23. 26. कस्मिन्काले वदेत्सत्यं 12. 110. 3deg. कस्मिन्काले सुखी च स्यात् 13. 23. 26deg. कस्मिन्कुले हि जातस्त्वं 12. 125. 23. कस्मिन्धर्मे मया स्थेयं 3. 189. 20%. कस्मिन्निदं हते राजन् 7. 165. 93". कस्मिन्निदानी मर्यादा 12. 90. 4. कस्मिभ्यासयितव्यानि 4. 147*. 2 pr. कस्मिन्मनस्ते रमते महात्मन् 12. 288.5*. कस्मिन्मुहूर्ते संजातः 4. App. 58. 19A 4 pr. कस्मिन्रामः कुले जातः 3. 258. 4. कस्मिन्वयसि संप्राप्ताः 1. App. 67. 18A 1 pr. कस्मिन्वणे प्रतिष्ठितम् 12.270. 31. कस्मिन्वसन्ति ते देशे 4.724*.3 pr. कस्मिन्बा पुनरागसि 5. 125. 11'. कस्मिन्स्थितः क्व भविता 12.307. 13. कस्मिश्च कारणे तत्र 9. 36. 38". / कस्मिश्च काले स नृपः 14.3.21. कस्मिश्च प्रतितिष्ठति 3.297. 264. कस्मिश्चात्मा नियन्तव्यः 12. 161.3". कस्मिंश्चिञ्च पुरा यज्ञे 13. 94. 86. कस्मिंश्चिजनसंसदि 12, 348*. 1 post. कस्मिंश्चित्कारणान्तरे 3. 62. 30% ; 147. 27. 4. 208*. 1 post. 12. 321. 18deg ; 330. 59". कस्मिंश्चित्कालपर्यये 3. 290.1%; 876*. 4 post. 12. 31. 23; 136. 135. कस्मिंश्चित्कुरुनन्दन 13. 42.4. कस्मिंश्चित्तु गते काले 3. 277.21". कस्मिंश्चिदनुशुश्रुमः 4. 46.84. कस्मिंश्चिगिरिगह्वरे 12. 163. 3%3; 220. 11'. कस्मिंश्चिद्वननिर्झरे 1. 173.84. 14.56. 18. कस्मिंश्चिन्मत्स्यजीविनः 13. 50. 11. कस्मै क्रियेत कल्पेन 12. 212. 4. कस्मैचिदातुमर्हसि 3. 114. 20. कस्मैचिद्विदधाम्युत 12.75. 16. कस्मैचिद्विबुधाय तु 12. 328. 26, कस्मै दत्तश्च भगवन् 3. 246. 1. कस्मै दद्या सुतामिति 3. 94. 274. कस्मै भवान्मन्यतेऽ, 2. 33. 26". कस्य कन्या पितामह 13. 44. 19. कस्य कर्मेदमिति च 3. 126. 17". कस्य का च कुतोऽपि वा 3. 248. 14. कस्य कार्य किमिति वै 5. 109. 23. कस्य किं कुर्वतः सिद्ध्यै 12. 70. 19. कस्य क्लृप्तः परिग्रहः 1. 158. 154. कस्य खड्गः पृथुमहान् 4.704*. 36 post. कस्य खड्गो महानयम् 4.704*. 38 post., 42 post. कस्य च त्वं कुतो वेति 12. 308. 20deg. कस्य चायं व्यतिक्रमः 1. 6. 100. कस्य चार्धे स्थिता कान्ता 13. App. 5. 50 pr. कस्य चाहं प्रियो भवे 12. 335. 324. कस्यचित्किचिदग्रतः 13. 10.64. - 682
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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