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________________ कस्य स्विद्भातृपुत्राणां ] "महाभारतस्थ [कंचित्कालं विहृत्यैवम् कस्य स्विट्ठातृपुत्राणां 5. 49. 20. कस्येयं पृथिवी भवेत् 12.73.9.. कस्य हेतोः परित्यज्य 15. 22. 26deg. कस्येशो नः पराजैषीः 5. 60.89. कस्य हेतोः सुकृतं नाम कुर्यात् 12.74. 22". कस्येह न व्यथेबुद्धिः 12. 220. 89deg. कस्य हेमत्सरुर्दिव्यः 4. 38. 31. कस्येह वै हविरध्वर्यवः कल्पयन्ति 13. App. 1. 35. कस्य हेममये कोशे 4.38. 34". कस्यैतद्धनुरुत्तमम् 4. 38. 20", 24". कस्य ह्यकरुणस्यापि 10. 4. 28". कस्यैतानि न वा नृप 12. 308. 153. कस्याद्य कार्य प्रतिभिद्य घोराः 3. 253. 14". कस्यैते दारका राजन् 1. 78. 136. कस्याद्य न सुखं भद्रे 4. 15. 38deg. कस्यैश्वर्य समानं वा 13. App. 5. 53 pr. कस्यान्यस्य सुरैः सर्वैः 13. 14. 101". कस्यैष कुलनन्दनः 5. 101. 196.. कस्यापध्यान चेदं 2.70. 14. कस्यैष को नु खल्वेषः 12.335. 61.. कस्याप्यजय्यस्तन्मत्तः 7. 986*.3 pr. कस्यैष मौनः कतरन्नु मौनं 5. 254*. 1. कस्यायमसितः खङ्गः4.703".1pr. कस्यैष रथनिस्वनः 3. 71. 31'. .. कस्यायमसितावापः 4. 38. 27". कस्यैषा वाग्भवेत्सत्या 12. 261. 9".. कस्यायमसिरावापे 4.704*.34 pr. कहोडो देवशर्मा च 1. 48. 99. कस्यायमिति ते सर्वे 3. 182.80. कहोळः काश्यपस्तथा 2. 83*.2 post. कस्यायं निर्मलः खड्गः 4. 704*. 35 pr. कतारकुमुदैः फुल्लैः 2. App. 15. 35 pr. कस्यायं नेप्सितो भवेत् 5. 102. 136. कारैः कमलैश्चैव 3. 115. 49". कस्यायं विपुलः खङ्गः 4.704*. 40 pr. कलारैः समवच्छन्नं 3. App. 10. 8 pr. कस्यायं विमलः खङ्गः 4. 38. 320. कह्वः शङ्कुर्निदान्तश्च 2. 13. 586. कस्यायं सायको दीर्घः 4. 38. 30*3; 704*. 31 pr. कह्वाश्चान्ध्राः सनीरगाः 13. App. 10. 34 post. कस्यार्थाय च केन वा 12. 160.6. कह्वाः प्रयान्ति मध्येन 6. 2. 19". कस्यार्थे किं प्रयोजनम् 12. 349. 34. 13. 95. 20. के कामं प्रदिशामि ते 15. 36. 21". कस्याश्रमवरस्त्वयम् 9. 53. d. के गुणं तात पश्यसि 14.29. 19. कस्यासि भार्या दुहिता च कस्य 3. 249. 136. कं घातयति हन्ति कम् 6.24.214. कस्यासि राज्ञो विषयादिहागतः 4. 6. 9%; 9.7%; 180*. 73. कं च देशमधिष्ठाय 14. 19. 39". कस्यां चोत्पादयामास 12. 310. 20. कं च देशं वहामि ते 13. 103. 16. कस्यां पुत्रं महात्मानं 1. 34. 14. कं च योगमधारयत् 12. 47. 14. कस्यां भावो नृपस्य तु 1. App. 54. 6 post. कंचित्कालमतन्द्रितः 1. 1273*. 3 post. कस्येदमिति कस्य स्वं 14.32. 15*. कंचित्कालमयं पुनः 12. 286. 18. कस्येदमीदृशं चित्रं 4.704*. 13 pr. कंचित्कालमरिंदमाः 3. 248. 34. कस्येदं कर्मणः फलम् 3. App. 10. 59 post., 78 post., कंचित्कालमिमं देवाः 5. 13. 14. . 80 post. ; App. 11. 51 post., 70 post.3 कंचित्कालमियं स्थित्वा 12. 220. 46. App. 12. 13 post., 32 post., 34 post. कंचित्कालमुपेक्षितः 3. 275, 314. कस्येदं कस्य वा नेदं 12. 308. 124". कंचित्कालमुवास ह 1. 1357*.5 post. कस्येदं पञ्चमं धनुः 4. 704*. 24 post. कंचित्कालं चरेयं वै 1. 79. 25deg. कस्येदं सारथे धनुः 4. 704*. 16 post., 20 post. कंचित्कालं तु तं वहिं 13. 56.6". कस्येदानी विकारोऽयं 18. 2. 46. कंचित्कालं धनंजयः 1. App. 114. 83 post. कस्येमे क्षुरनाराचाः 4. 704*. 25 pr. कंचित्कालं मनस्विनः 3.37. 40%. कस्येमे निशिताः शराः 4.704*. 26 post. कंचित्कालं मनुष्येन्द्र 4.24. 14. कस्येमे पृथवो दीर्घाः 4. 38. 28".. कंचित्कालं महाबलाः 1. 199. 23. कस्येमे रुचिराः शराः 4. 704*. 28 post. कंचित्कालं मृष्यतां वै 3.206. 10. कस्येमे शुकपत्राभैः 4. 38. 29". कंचित्कालं ररक्ष सः 1. App. 55. 98 post. कस्येयं चपलापाङ्गी 7. App. 8. 280 pr. कंचित्कालं विहृत्यैवम् 1. 131. 10%. -684 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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