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________________ कश्चासौ भविता बन्धुः] श्लोकपादसूची [कश्चिदुत्पत्य समरे कश्चासौ भविता बन्धुः 13. 55. 35*. कश्चास्य नियमोऽभवत् 9. 37. 14. कश्चिच्च कृतकः पुत्रः 13.49. 18". कश्चिच्छक्तः प्रबाधितुम् 1. 199. 25. कश्चिच्छक्कोति पार्थिव 7. 150. 844. कश्चिच्छनोति मारिष 7. 12. 26... कश्चिच्छनोति वीक्षितुम् 6. 55. 25. कश्चिच्छत्रुः कर्शनीयः 1. App. 103. 5 pr. कश्चिच्छाकुनिकस्तात 5. 62. 6. कश्चिच्छिष्यसखो गुरुः 12. 221. 71. कश्चिज्जीवति संजय 9. 28. 48. कश्चित्कदाचिदेतेषां 2. 14. 6. कश्चित्कमलशोणेन 1. App. 98. 45 pr. कश्चित्करिविषाणस्थः 6. 190*.5 pr. कश्चित्कर्णेति भारत 1. 127. 21'. कश्चित्कर्माणि कुर्वन्हि 3. 200. 11. कश्चित्कर्मानुसृत्यान्यः 12. 318. 13. कश्चिम्किचिदनापदि 12. 89. 15. कश्चित्कुर्यात्समामुहि 8. 29. 394. कश्चित्कुर्वीत किंचन 13. 45.4". कश्चित्क्रीडितुकामो वै 3. 219. 55". कश्चिक्षुद्रसमाचारः 12. 141. 10%. कश्चित्क्षेमी भवेन्नृपः 7. 935*. 2 post. कश्चित्खङ्गं विनिष्कृष्य 7. 64. 39deg. कश्चित्तमसि गच्छति 14. 49. 14. कश्चित्तरति काष्ठेन 12. 136. 60. कश्चित्तव रुजं कर्ता 7. 172.78". कश्चित्तस्य पदानुगः 2. 43. 224. कश्चित्तं छेत्तुमर्हसि 5. 121. 10. कश्चितु बुद्धिसंपन्नः 13. 125. 5. कश्चितु संशयो मेऽस्ति 13. 47. 20. कश्चित्ते रोचते वरः 5. 101. 171. कश्चित्प्रजापति?रः 8. 231*. 1 pr. कश्चित्प्रस्तावयन्कथाः 1. 1. 6. कश्चित्सबलवाहनः 2. App. 21.7 post. कश्चित्सुखे वर्तमान: 12. 16. 14. 14. 12.5. कश्चित्सुष्वाप तां निशाम् 7. 56.78. कश्चित्सेनाचरोऽरण्ये 1. 120. 14. कश्चित्सैन्ये व्यदृश्यत 7. 1421*.7 post. कश्चित्स्यादिति चाब्रवीत् 1. 133. 281. कश्चिदने महात्मनः 13. 145.7". कश्चिदव नृपस्तव 8. App. 5. 19 post. कश्चिदद्य निवर्तयेत् 8. 27. 29. कश्चिदन्यत्र पार्षतात् 5. 189. 151. कश्चिदन्यः पुमानिह 4. App. 14. 11 post. कश्चिदन्यो धनुर्धरः 5. 137. 6. कश्चिदन्यो नराधिपः 14.91. 20%. कश्चिदन्यो बलान्वितः 1. 1870*.1post. कश्चिदन्योऽभ्यवर्तत 7. 21. 1. कश्चिदन्यो ममोदरात् 1. 71. 47. कश्चिदन्यो महीपतिः 2. 406.2 post. कश्चिदन्यो विधीयते 14. 39.90. कश्चिदन्वपतद्रथी 7. 41.24. कश्चिदप्यतिवर्तते 3. 875*.8 post. कश्चिदप्यभिवीक्षितुम् 12. App. 2. 15 post. कश्चिदप्राकृतश्चरन् 12. 252.6%. कश्चिदप्राप्तयौवनः 1. 58. 15*. कश्चिदभ्रामयद्भूयः 1. App. 98.38 pr. कश्चिदर्थयतेऽत्यर्थ 13. 125. 24. कश्चिदर्थव्यपाश्रयः 6. 25. 186.. कश्चिदर्थोऽभिसिध्यति 12. 196. 11'. कश्चिदस्ति नराधिप 12.34. 20. 17. 3. 200. कश्चिदस्ति निवारकः 8. 22. 23. कश्चिदस्ति परंतप 12. 128. 47. कश्चिदस्ति परिग्रहः 12. 159.84. कश्चिदस्ति पुमानिह 7. 170. 47. कश्चिदस्ति फलागमः 12. 149. 186. कश्चिदस्ति महामुने 3. 205*. 1 post. कश्चिदस्ति व्यतिक्रमः 12. 261. 14. कश्चिदस्ति समः क्वचित् 5. 121. 16". कश्चिदस्तीति निश्चितम् 13. 117. 254. कश्चिदस्तीह जीवता 14.78.6. कश्चिदस्त्यन्तको हि सः 1.549*. 1 post. कश्चिदस्मप्रिये स्थितः 3. 231. 174. कश्चिदाकाशमाविश्य 12. App. 29E. 117 pr. कश्चिदार्यवदाचरन् 13. 125. 17. कश्चिदासीद्विशां पते 6.77. 41. कश्चिदासीन चावतः 2. 33. 9. कश्चिदासीन्महानृपः 2. 13. 39. कश्चिदाहतलक्षणः 7. 19.63d. कश्चिदाह्वयतां संख्ये 7. 16. 6%. कश्चिदिच्छति वीर्यवान् 5. 15. 13'. कश्चिदित्यब्रवीद्वचः 12. 168.84. कश्चिदित्यस्य दर्शनम् 17. 2. 16. कश्चिदुग्रतपा इति 3.78. 200. कश्चिदुत्पत्य समरे 6. 190*. 1 pr. --677 - कश्चित्सबर्तमानः 1.56. :
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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