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________________ कविभिः स्तुतिपाठकैः महाभारतस्थ [कश्चासौ ब्राह्मणश्रेष्ठः कविभिः स्तुतिपाठकैः 4. 469*. 1 post. कविरित्यपरोऽभवत् 13. 85. 16. कविाझो महायशाः 13. 85. 34. कविश्च च्यवनश्चैव 1. App. 6.2 pr. कविं जग्राह तत्त्ववित् 13.85. 334. कविं तात भृगुं चैव 13. 85. 44. कविं पुराणमनुशासितारं 6. 30. 9". कविः काव्यश्च विष्णुश्च 13. 85. 41". कविः पञ्चशिखोऽब्रवीत् 12. 212. 5t. कविः प्राणाश्रितस्तु सः 3. 209. 20. कविः सत्यव्रतः शुचिः 1. 54.51. कवीनामिदमन्नवत् 1. App. 5. 17 post. कवीनामुशना कविः 6. 32.37d. कवीन्द्रं प्रश्नमुत्तमम् 13. 101. 14. कवीन्द्रो राजसत्तम 6.4.1. कवे तम्मे ब्रूहि सर्वं यथावत् 5. 34. 3. कवेश्च प्रसवान्वयैः 13. 85. 43. कन्यप्रदाने तु बुधाः 13. 23. 5. कव्यमाप्याययेत्पितॄन् 13. App. 15. 3575 post. कव्यमेव च भुञ्जते 13. App. 14. 61 post. कव्यं च त्रिदिवौकसः 13. App. 18. 139 post. कव्यं च श्रद्धयान्वितम् 12.326. 56". कव्यं चापि विधीयते 13. App. 15. 3577 post. कव्यं चैव न नश्यति 13. App. TA. 37 post. कन्यानि चैव पितरः 14. App. 4. 417 pr. कव्यानि ज्ञाननिष्ठेभ्यः 13.90. 44deg. कव्यानि पितरः काले 7. App. 8. 726 pr. कव्यानि वदतां तात 12. 124. 33deg. कन्ये च मुनिसत्तम 13. 10. 50'. कन्येन पितरश्चैव 13. App. 9A. 70 pr. कन्येन संततिष्टा 13. App. 15. 3584 pr. कशया वाजिनो यथा 8. 16. 214. कशापदण्डामिहता 1. 165. 33". कशादण्डप्रतिहता 1. 165.226. कशापाषाणपाणयः 1. 1765*.2 post. कशापायभिघातैश्च 7. 64. 580. कशाप्रहाराभिहतः 1. 166.86. कशामिरिव वाजिनम् 7. 109.64. कशामिर्भरतर्षभ 7. App. 17. 10 post. कशामिस्ताडयामासुः 6.399*. 1 pr. कशाश्च कनकोज्वलाः 6. 50. 53. कशेरको गण्डकण्डुः 2. 10. 15. कशेरुमगमत्तदा 2. App. 21. 938 post. कश्च कस्मै प्रयच्छति 12. 281. 18. कश्च कंसो मागधस्य 2. App. 6.3pr. कश्च चक्रायुधं युधि 5. 3. 16. कश्च जातु कुले जातः 5. 125. 18". कश्च तत्त्वादिरित्युक्तः 12. App. 29D. 10 pr. कश्च तां क्रोधदीप्ताक्षी 9.62.24". कश्च ते दातुमुच्छिष्टं 4.222*.2 pr.. कश्च तेऽनुग्रहो भवेत् 12. 263. 44. कश्च तेषां भवेन्मत्रः 1. App. 18. 1 pr. कश्च दम्भः प्रकीर्तितः 3. App. 32. 25 post. कश्च धर्मपरं श्रेष्ठं 4.429*.3pr. कश्च धर्मः परो लोके 3. 297. 54". कश्च धर्मः सतामिव 3. 297.30, 32*. कश्च धर्मः सदाफलः 3. 297. 54. कश्च नारायणादन्यः 2. App. 21. 886 pr. कश्च पूर्वापरमिदं 12. 121.7". कश्च प्रजापति?रान् 8. 252*.2 pr. . कश्च भीमं दुरासदम् 5. 3. 164. कश्च मङ्कणको मुनिः 9. 37. 1'. कश्च मानः प्रकीर्तितः 3. App. 19. 21 post. ; App. 32. 13 post. कश्च मूल् जनेश्वर 3. App. 19. 29 post. कश्च विज्ञायते पूर्व 12. 121.7. कश्च विश्वमधिष्ठाय 12. App. 29D. 4 pr. कश्च विश्वमविश्वं च 12. App. 29D. 5 pr. कश्च व्याधिरनन्तकः 3. App. 19. 17 post.; App. 32. 9 post. कश्च शक्तो रणे कर्तुं 8. 764*. 1 pr. कश्च शिष्यो जनार्दन 14. 50. 44. कश्च शोक इहोच्यते 3. App. 19. 22 post. कश्च शोकः प्रकीर्तितः 3. App. 32. 14 post. कश्च सत्त्वात्समुत्पन्नः 12. App. 29D. 9 pr. कश्च सर्वगुणोपेतं 3. 55. 86. कश्चाध्वरे गीयते वल्गुभाषैः 13. App. 1. 33. कश्चाध्वरे शस्यते गीतिशब्दैः 13. App. 1. 32. कश्चान्यः पूर्वमेति तम् 14. 24. 4. कश्चान्यो ज्ञातिभायां वै 5. 126. 8". कश्चाभक्षयतो गुणः 13. 116. 36. कश्चार्य पर्वताभोग- 3. 177.2. कश्चार्य सुभगो देशः 1. 206. 17. कश्चासि पुरुषर्षभ 1. 139. 19. कश्चासौ क च वर्तते 1. 814*. 1 post. 3. 67. 16. कश्चासौ ब्राह्मणश्रेष्ठः 12. 124. 57'. ----- 676
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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