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________________ कश्चिदु| धनुर्धरः] महाभारतस्थ [कश्मला ये मलीमसाः कश्चिदुयो धनुर्धरः 4. 374*. 1 post. कश्चिदेकः कुलोद्वहः 2. 20.6%. कश्चिदेव धनुर्धरः 8. 22. 554. कश्चिदेव पुरःसरः 4. 42. 14. कश्चिदेव भविष्यति 8. 49. 47". कश्चिदेव हि भीतस्तु 12. 112. 820. कश्चिदेवंविधान्गुरून् 14. 14. 11'. कश्चिदेवापकर्षति 12. 286. 8. कश्चिदेवेतरो यथा 12. 272.24. कश्चिद्दम्भो जनेश्वर 3. App. 19. 33 post. कश्चिद्दितिसुतस्तं तु 1. 629*. 4 pr. कश्चिदुर्योधनेत्येवं 1. 127. 21. कश्चिद्दःखे वर्तमानः 12. 16. 14. 14. 12.59. कश्चिविजातिप्रवरः 3. 197. 1". कश्चिद्धर्षयते पुमान् 4. App. 7. 16 post. कश्चिद्धंसोऽभवत्पुरा 2. 38. 30deg. कश्चिद्धारयितुं नृप 3. 107. 22. कश्चिद्वाहीकमुख्यानां 8. 30. 18deg. कश्चिद्बुद्धिमतां सताम् 2. 36.5%; App. 21. ll post. कश्चिद्राह्मणमासीनं 12. 203. 3. 14.35. 3deg. कश्चिद्भवति धार्मिकः 12. 263. 48. कश्चिद्यतति सिद्धये 6. 29. 3. कश्चिद्युधि नरः क्वचित् 7. 166. 450. कश्चिद्युध्यति संयुगे 8. App. 16. 10 post. कश्चिद्योद्धं कुतः पुनः 1.219. 29". कश्चिद्थी मृत्युवर्श निनाय 8. 809*. 6. कश्चिद्राजनि मानवः 12. 159. 17". कश्चिद्राजा निशाचरम् 8. 30. 69". कश्चिद्राजा मम सखा 3. 205. 236. कश्चिद्राष्ट्रेषु तच्चरः 12. 211*.1 post. कश्चिद्विदुरसंमितः 1. 102. 20. कश्चिद्विप्रस्तपोयुक्तः 14. 16. 18". कश्चिद्विप्रः समाहितः 12. 341. 1". कश्चिद्विलासी गलितं 1. App. 98. 40 pr. कश्चिद्वेदान्बुध्यते वापि राजन् 3. 43.31. कश्चिद्वैकर्तनं प्रति 8. 23. 53deg ; App. 5. 56 post. कश्चिद्वयापारयामास 1. App. 98. 48 pr. कश्चिन्तयितुमर्हति 11. 16. 284. कश्चिन्न च भविष्यति 10. 5. 27. कश्चिन्नान्यः प्रियतरः 7. 56. 23deg. कश्चिन्नाभ्यवपद्यत 1. 171.8. कश्चिन्निर्हत्य दर्शयेत् 14.19.21. कश्चिन्महति संसारे 11.5.30. 12. App. 15. 14 pr. कश्चिन्महदवाप्नोति 12. 80. 10. कश्चिन्मां वेत्ति तत्त्वतः 6.29. 36. कश्चिन्मूलफलाशनः 13. 51. 15. कश्चिन्मे प्राणधारणे 12. 139. 584. कश्चिन्मे प्रियकृत्तमः 6. 40. 69. कश्चिन्मे ब्रह्मवित्प्रादात् 1. App. 58. 3 pr. कश्चिम्रियति संजय 7.8.9". कश्चिल्लोकत्रयेऽपि च 13. App. 15.2162 post. कश्चिल्लोके भविष्यति 13. App. 3A. 117 post. कश्चेतयानो निवसेत् 8. 30. 26deg. कश्चैनमस्तं नयति 3. 297.26deg. कश्चैषां मानुषो भावः 3.297. 30deg, 32. कश्चोंकारः कश्च वेदार्थमार्गः 13. App. 1. 37. कश्मलं च जगाम ह 6.54. 1643; 79. 51". 7. 98. 47". कश्मलं चागतं मम 4.36. 136. कश्मलं चाविवेश ह 8. 85*.2 post. कश्मलं चाविशत्तीचं 7. 142. 31. कश्मलं चाविशद्धोरं 1. 48. 20%. कश्मलं चाविशन्महत् 6. App. 4. 33 post. 7. 39. 11t. कश्मलं चैनमाविशत् 7. 144.7". कश्मलं तत्र मेऽभवत् 1. App. 75. 18 post. कश्मलं प्राविशद्धोरं 4.31. 14. 7. 158. 22. कश्मलं प्राविशद्राजा 7. 102. 26%; 1182*.8 pr. कश्मल प्राविशन्धोरं 7. App. 16. 48 pr. कश्मलं प्राविशन्महत् 5. 183. 4'.. कश्मलं महदाविशत् 3. 99.84. कश्मलं यत्र पार्थस्य 1. 2. 1560. कश्मलं लघुतां याति 13. App. 18. 141 pr. कश्मलं शोकतापितः 7. 158. 324. कश्मलं समपद्यत 7. 111. 200. 13. App. 15. 222 post., 2539 post. कश्मलं सर्वभूतानां 11. 26. 40deg. कश्मलं सहसागच्छत् 14.32.6. कश्मलाधमदानाय 13. 429*. 1 pr. कश्मलान्यशुभानि च 13. App. 14. 394A 23 post. कश्मलाभिहतं नृप 1. 916*. 1 post. कश्मलाभिहता वीर 14. 68. 4. कश्मलाभिहतो राजा 7. 85. 37. कश्मलाभिहतो वीर 3.20. 4. कश्मलाभिहतौजसम् 8. 1. 27deg. कश्मलाभिहतौजसः 1. 91. 9. 7. 165. 69deg ; 167. 164. 8. 1.2. 10. 8.76. कश्मला ये मलीमसाः 14. App. 4. 356 post. - 678 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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