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________________ कल्यपुष्टबलः सुखी] महाभारतस्थ [कल्यौ स्वः साह्यकर्मणि कल्यपुष्टबलः सुखी 12. 69.20. कल्यमुत्थाय गोमध्ये 13. App. 14. 385 pr. कल्यमुत्थाय यो नित्यं 13.711*. 1 pr. कल्यमुत्थाय यो मर्त्यः 13. App. 14. 356 pr. कल्यवादी महातपाः 11. 13. 6. कल्यं सायं च भारत 13. App. 18. 119 post. कल्यः सत्त्ववतां वरः 5. 81.71.. कल्याकल्यशरीरस्य 13. App. 15. 3771 pr. कल्याणकारी कल्याण 4. App. 16.35 pr. कल्याणगन्धीनि च चन्दनानि 4. 1032*.2. कल्याणगुणसंपन्ना 1. 60.57deg. कल्याणगोचरं कृत्वा 12. 19. 20%. कल्याणपटलं दृढम् 4. 30. 11. कल्याण बत साक्षी त्वं 1. 68. 25. कल्याणमतिरेव सः 3. 245. 254. कल्याणमनघे ध्रुवम् 3. 287. 29". कल्याणमनसश्चैव 2. 52. 34. कल्याणमनुमन्तव्यं 12. 148. 23deg. कल्याणमभिपद्यते 3. 198. 524. 12. 148. 324. कल्याणमाचरनेवं 12.148. 33. कल्याणमिदमुत्तमम् 13. 17. 19". कल्याणमुपजायते 13. 133. 44. कल्याणरूपाणि च वाहनानि 5. 133*.2. कल्याणरूपा सैरन्ध्री 4. 18. 5. कल्याणवत्सामपलायिनी च 3. 184.9. 13. 70. 32. कल्याणवत्सां च पयस्विनी च 13. App. 15.3265. कल्याणवाक् शीलवान्दृष्टिमांश्च 5. 30. 4. कल्याणवाचः शकुना राजहंसाः 6. 4. 19". कल्याणवृत्त आचार्यः 7. 170. 30%. कल्याणवृत्तः सततं हि राजन् 8. 26. 55*. कल्याणवृत्तामपलायिनी च 13. 72. 42. कल्याणवृत्ते कल्याणि 14. 93. 47deg. कल्याणशीलासु विभूषितासु 13. 11. 134. कल्याणस्येतरस्य वा 15. 5. 234. कल्याणं कथमिच्छता 12. 28.44. कल्याणं किं न सोऽर्हति 1. 158. 39". कल्याणं कुरुते गाढं 12. 156. 15. कल्याणं कुरुते बाद 12.223. 10%. कल्याणं च विवर्धते 14. App. 4. 3391 post. कल्याणं तत्र वर्तते 13. 123. 164. कल्याणं तत्र वै ध्रुवम् 3. App 19. 40 post. कल्याणं प्रतिपत्स्यामि 1. 45.4deg. कल्याण बहु भाषितम् 14. 14. 10. कल्याणं भाषसे कृष्णे 4. 3. 194. कल्याणं यच्च पापकम् 3.31.23d. कल्याणं यदि वा पापं 12.279.16deg. कल्याणं संविजानता 12. 219.64. कल्याणं साक्षिणं तस्मात् 1. 668*. 4 pr. कल्याणानि भवन्ति च 18. 42*. 1 post. कल्याणान्कृतवर्मणः 9. 22.74. कल्याणानभृतः पुरा 1. 1591*. 1 post. कल्याणान्पुरुषे गुणान् 12. 288. 23deg. कल्याणान्येव सेवते 3. 200. 40deg. कल्याणामिजनं नृपम् 3.61. 90f. कल्याणामिजना नराः 12. 105. 41". कल्याणामिजनो नृपः 1. 160. 32. कल्याणामिजनोऽप्युत 12. 84. 24deg. कल्याणाभिर्जनाधिप 13. App. 9.53 post. कल्याणाय धुरं वह 5. 131.6%. कल्याणाय विधीयते 4.44.3. कल्याणाय ब्रजाम्यहम् 7.56.51. कल्याणा वः सन्तु पतयोऽनुकूलाः 5. 30. 35deg. कल्याणांश्चावसीदतः 13. 125. 35. कल्याणी गौर्न दुह्यते 12. 15. 376. कल्याणी धेनुरुत्तमा 13. App. 20. 38 post. कल्याणी पृथुलोचना 9. 63.37d. कल्याणीभिश्चराचराः 9. 45.24. कल्याण कल्याणी मृदुपाणिना 3. 13.874. कल्याणी रूपसंपन्ना 12.217. 34". कल्याणी सा प्रियंवदा 9. 47.8. कल्याणी वर्तध्वमनृशंसरूपाम् 5. 30. 33. कल्याणी सर्वथैव हि 2. 70. 19". कल्याणे कुरुते मनः 5.35.34. 12.219.7. कल्याणे च निवेशितः 5. 37. 45. कल्याणे धीयते मतिः 5. 122. 39. कल्याणेनोपहन्यते 12.7. 34. कल्याणैरतिमानुषैः 5. 8.6. कल्याणैरभिभाष्यताम् 1. App. 114. 342 post. कल्याणो भविता शुभे 3. 61. 87. कल्या मधुरदर्शना 13. App. 9A. 40 post. कल्याः स्म श्रवणे तव 1. 5.30. कल्ये शतं षडधिकं 4. 478*. 2 pr. कल्योत्थानरता नित्यं 13. 134. 44. कल्योत्थायी प्रियंवदः 5. 133. 32. कल्योऽहं विषनाशने 1. 406*. 2 post. कल्यौ स्वः साह्यकर्मणि 1. 116. 300. -674 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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