________________ कर्ण समासाद्य रिपुप्रमाथिन् ] श्लोकपादसूची [ कर्णाद्वयत्रदुर्धर्षाः कर्ण समासाद्य रिपुप्रमाथिन् 8. 1054*. 1. कणे ससुतबान्धवम् 2. App. 48. 93 post. कर्ण ससूतं सरथाश्वकेतुं 8. 1063 *. 1. कर्ण संशप्तकांश्चैव 3. 240. 30%. कर्ण सुभद्रातनयो महाबलः 7. App. 6.22. कर्ण सूर्यः स्मयन्निव 3. 286. 194. कर्ण सेनापतिं कृत्वा 8. 1. 11"; 6. 15. कर्ण सौभद्रमेव च 15. 41. 4. कर्ण स्कन्दमिवामराः 8. 6. 351. कणं स्मरेथाः सततं 15. 22. 11". कर्ण हतं केसरिणेव नागम् 8. 68.6. कर्ण हत्वा महाहवे 8. 46. 9". कणं हत्वा महीपते 8. 50. 33deg. कण हन्ता धनंजयः 2. 68. 26deg ; App. 38. 49 post. 3. 13. 118". कर्णं हन्तास्मि समरे 2. App. 38. 101 pr. कर्ण हि कुरवोऽस्मार्षुः 7. 1. 30deg. कर्णः कारयिता तव 5.57.9. कर्णः किमकरोयुधि 8. 56.51. कर्णः कुन्त्या वचः स्मरन् 7. 114. 674. कर्णः कृत्यं किमब्रवीत् 7.61. 49. कर्णः कृष्णौ जनिवानेकवीरः 8. 363*. 1. कर्णः कोशगृहाधीशः 2. 348*. 1 pr. कर्णः क्रुद्धोऽब्रवीद्वचः 4. 688*. 1 post. कर्णः [तु] कुण्डले भित्त्वा 1. 1123*.1 pr. कर्णः पञ्च च पाण्डवाः 5. 37. 40deg. कर्णः पञ्चभिरायसैः 8. App. 10. b post. कर्णः पञ्चाशता शरैः 7. App. 23. 9 post. कर्णः परपुरंजयः 1. 126. 14. कर्णः परबलार्दनः 1. 2. 27. 12. 5.7'. कर्णः पर्यचरद्रणे 7. 106. 25. कर्णः पाण्डुसुतैः सह 7. 108. 8. कर्णः पादावभिवाद्य पूर्व 15. 72*. 4. कर्णः पापमतिर्मुखम् 8. 51. 66. कर्णः पार्थजिगीषया 9. 60. 35. कर्णः पार्थशरैर्विद्धः 8. 440*. 2 pr. कर्णः पार्थान्रणे सर्वान् 8. 51. 62deg. कर्णः पार्थान्सगोविन्दान् 7. 110.2% कर्णः पार्थेन संयुगे 8. 5. 14. कर्णः प्रत्युद्ययौ योद्धं 7. 107. 22deg. कर्णः प्रबुद्धस्तं स्वमं 1. App. 60. 14 pr. कर्णः प्रसादयश्चनम् 12. 2.21. कर्णः प्रहरतां वरः 8. 4. 540% 5. 214. 12. 4. 19. कर्णः प्रहरतां श्रेष्ठः 3. 240. 20. 7. 133. 24deg. कर्णः प्राच्छादयत्क्रुद्धः 7. 114. 31deg. कर्णः प्राह युयुत्सया 8. 26. 72". कर्णः प्राहातिमन्युमान् 8. 31. 56'. कर्णः प्रियरणः सदा 1. 126. 12. कर्णः प्रोवाच बुद्धिमान् 4. 662*. 1 post. कर्णः शकुनिना सह 3. 226. 22. कर्णः शक्त्या महामृधे 7. 156. 25deg. कर्णः शत्रुगणान्बहून् 8. 46. 13. कर्णः शत्रुनिषूदनः 8. 56. 4. कर्णः शरगभस्तिमान् 8. 26. 15. कर्णः शरशतैश्चापि 7. 145. 35. कर्णः शरौ धैर्न शशाक हन्तुम् 7. 154. 29. कर्णः शल्यं संधितेषुः प्रसह्य 8. 66. 8. कर्णः शस्त्रभृतां वरः 3. App. 24. 89 post. 8.919*. 1 post. कर्णः शस्त्रभृतां श्रेष्ठः 12. 4. 14. कर्णः शिनीनामृषभं जिघांसुः 8. 60.7". कर्णः शुश्राव भारतीम् 5. 144. 1. कर्णः शूरो मनोरथैः 4. App. 42, 8 post. 7. 133. 234. कर्णः शोकसमाविष्टः 7. 122.56deg. कर्णः श्रुत्वा हितं शुभम् 5. 141. 1'. कर्णः स च सुयोधनः 8. 772*. 1 post. कर्णः सदा पाण्डवानां 5. 142. 17. कर्णः सभायां कुरुवीरमध्ये 8. 46. 39deg. कर्णः स सुमहावीर्यः 3. 42. 20deg. कर्णः सात्वतमभ्ययात् 7. 1038*. 1 post. कर्णः सायकवृष्टिभिः 7. 122. 55". कर्णः सुघोरेष्वसनं दृढज्यं 8. 1078*. 1. कर्णः सूतकुलोद्भवः 8. 294*.2 post. कर्णः स्थातुं रणेऽग्रतः 8. 51. 72". कर्णः स्मरतु दुष्टात्मा 8. 51. 83deg. कर्णः स्मृत्वा महारथः 8. 451*. 1 post. कर्णः स्वमं न्यवेदयत् 3. 286. 17". कर्णः स्वरथमुत्तमम् 8. 26. 11. कर्णाख्यानमनुत्तमम् 8. 1220*. 6 post. कर्णाख्यानं शृणोति हि 8. 1220*. 2 post. कर्णाग्निना रणे तद्वत् 8. 40. 61. कर्णाग्निरवानिलभीमवेगः 4. App. 44. 44A 3. कर्णाग्निः समरे तद्वत् 8. 1191*. 3 pr. कर्णाच्छरो वाङ्मयस्तिग्मतेजाः 5. 29. 37. कर्णाटाः कांस्यकुटाश्च 2. 475*. 3 pr. कर्णादृयन्त्रदुर्धर्षाः 3. 268. 4". -653 -