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________________ कणं दृष्ट्वा विशां पते] महाभारतस्थ [कर्ण समाप्ति नयतां यमाय कणं दृष्ट्वा विशां पते 8. App. 6. 3 post. कर्ण मूर्धन्यताडयत् 7. 911*.2 post. कर्ण द्रक्ष्यति कुन्ती च 15. 39. 2". कर्ण यान्तु महारथाः 7. 152. 344. कर्ण द्रौणिं कृपं शल्यं 7. App. 16. 67 pr. कर्ण युद्धेन मारिष 8. 45. 50". कर्ण द्वात्रिंशता शरैः 7. 1006*. 11 post. कर्ण योढुं न प्रसहे नृपेति 8. 48.26. कर्ण द्वादशमिर्विवा 7. 79. 24", 29". कर्ण रणे नाशयितास्मि बाणैः 8. 730*. 4. कर्ण धैर्यादकम्पितम् 5. 144. 234. कर्ण रणे बाणगणैः प्रमोह्य 8. App. 20. 42. कर्ण न चेदद्य निहन्मि राजन् 8. 47. 13". कर्ण रणे महाराज 8. App. 12.2 pr. कर्ण नरवरश्रेष्टं 1. 564*. 3 pr. कर्ण रथवरश्रेष्ठं 8.56.28. कर्ण न हन्यादिति चाब्रवीच्च 8. 709*. 6. कर्ण राजाब्रवीत्पुनः 3.241. 17. कर्ण निघ्नम्वरान्रथान् 8. 865*. 1 post. कर्ण राजा युधिष्ठिरः 8. 69. 30%; 1224*. 47 post. कर्ण निर्भिद्य मारिष 7. 106. 53. कर्ण राजा सुयोधनः 7.994*.1 post. कर्ण निहतमेवाजौ 7. 155. 12". कर्ण राज्ञोऽगमन्मनः 8. 22. 134. कर्ण नेष्यन्ति मृत्यवे 8. 52.8. कर्ण लोके यशसा योजयित्वा 3. 294. 39. कर्ण पञ्चाशता शरैः 7. App. 16. 26 post. कणं ववधूणिौधैः 8. 59. 43. कर्ण परबलार्दनम् 8. App. 12. 20 post. 18. 2.8". कर्ण वाक्यमथाब्रवीत् 3. 294. 224. कर्ण परिष्वज्य मुदा 1. 126, 13. कर्ण वा जन्नतुः कृष्णौ 8. 27. 104". कर्ण पश्य च संग्रामे 8, App. 16.6 pr. कर्ण विड्वा त्रिभिः शरैः 7. 846*. 1 post. कर्ण पश्य महारङ्गे 8. 41. 20. कर्ण विद्धा शितैः शरैः 8.21.24. कर्ण पाण्डुसुतस्तदा 8.33. 13. कर्ण विनिहतं दृष्ट्वा 8. 5. 94. कर्ण पार्थ वधिष्यसि 8. 629*.2 post. कर्ण विनेदुः सहिताः पृषत्कैः 8. 60. 150. कर्ण पार्थ हितेप्सया 8. App. 9. 10A 3 post. कर्ण विव्याध चासकृत् 4. 973*.7 post. कर्ण पुनरुवाच ह 8. App. 18. 107 post. कर्ण विव्याध चोरसि 7. 106. 524. कर्ण पुरस्कृत्य नदन्ति सर्वे 8. 1057*. 1. कर्ण विव्याध पत्रिणा 7. 114. 154. कर्ण पुरस्कृत्य विदुर्हि सर्वे 8. 65. 17. कर्ण विव्याध मारिष 7. 120. 60. कर्ण प्रति जनेश्वर 7. 149. 36. कर्ण विव्याध विंशत्या 7. 142. 4. 8. 17.59. कर्ण प्रति महद्भयम् 3. 284.3. कर्ण विव्याध सप्तत्या 8.42. 10%. कर्ण प्रति महारथम् 7. 150. 730; 157. 300. 8. 570*. कर्ण विव्याध सप्तमिः 8. App. 12. 6 post. 1 post. कर्ण विव्याध समरे 8. 44. 19deg.. कर्ण प्रति महेष्वासं 8.57. 9. कर्ण विव्याध सायकैः 8. 33. 23%; 56. 17'. कर्ण प्रति स वै तदा 8. 68*. 1 post. कणे वैकर्तनं कृपम् 4. 34. 6. कर्ण प्रत्यर्पयद्रणे 7. 104. 17. कर्ण वैकर्तनं चैव 11. 26. 36. कर्ण प्रभ्राम्य चार्जुनः 8. 66. 53. कर्ण बैकर्तनं जहि 8. 754*.6 post. कर्ण प्रहर्षयन्तश्च 8. 63. 10deg. . कर्ण वैकर्तनं ततः 7. 150. 106. कर्ण प्राच्छादयद्वाणैः 7. 150. 45deg. कर्ण वैकर्तनं तदा 8.82. 14. कर्ण प्राप्य रणे सूत 7. 108. 5. कर्ण वैकर्तनं धीमान् 1. 181. 9. कर्ण भारत सात्यकिः 8. 35. 43. कर्ण वैकर्तनं प्रति 7. 156. 30deg. कर्ण भिक्षितुमुद्यतः 3. 284.54. कर्ण वैकर्तनं मया 8. App. 25.7 post. कर्ण भीमेन निर्जितम् 7. 110. 19. कर्ण वैकर्तनं युधि 8. 2. 10. कर्ण भ्रातृसमूहस्य 1. 126. 17deg. कर्ण वैकर्तनं रणे 7. 120. 63. 8. 23. 17% App. 5. कर्ण मद्रेश्वरः पुनः 8. 27. 300. 22 post. कर्ण मन्ये कथंचन 8. 24. 159. कर्ण शल्यं च युगपत् 8.471*.1 pr. कण मन्ये महारथम् 8.747*. 2 post. कर्ण शस्त्रभृतां वरम् 18. 4.4. कर्ण महाबाहुमदीनसत्त्वं 11. 21. 12. कर्ण समाप्तिं नयतां यमाय 8.67. 22. -652 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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