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________________ कच्चिन्मुखं न गोविन्द] महाभारतस्थ [कण्टकिद्रुमसंकुले कञ्चिन्मुखं न गोविन्द 14. 60. 11. कञ्चिन्मुख्या महत्स्वेव 2. 5. 320. कच्चिन्मुने कुशलं तापसानां 3. 111.70. कञ्चिन्मूलं दृढं कृत्वा 2. 5. 52. कच्चिन्मोदसि पाण्डव 12. 1. 11. कच्चिल्लवं च मुष्टिं च 2.5.540. कच्चिल्लोकत्रयस्यास्य 12. 46. 1". कचिल्लोकेषु कुशलं 5. 81. 62deg. कच्छपश्चापकुण्डश्च 1. 114. 60. कच्छपः कुञ्जरश्च सः 13. App. 1A. 247 post. कच्छपः संभविष्यसि 1.25. 171. कच्छपः स्थलमाश्रितः 13. App. 1A. 288 post. कच्छपी सुखशब्दां तां 9. 53. 176. कच्छपेन्द्रद्विरदयोः 13. App. 1A. 282 pr. कच्छपो दश वर्षाणि 13. 112. 54". कच्छा गोपालकच्छाश्च 6. 10. 550. कच्छे स नृपसत्तमः 15. 45. 18. कञ्चुकोष्णीषधारिणः 8. 17. 1094. कञ्चुकोष्णीषिणस्तत्र 6. 93. 320. कटकेषु स्थितांस्तथा 3. 155. 554. कटकैः कटिसूत्रकैः 14. App. 1. 24 post. कटदेशमरिंदमः 2. 270*. b post. कटंकटाय चण्डाय 12. App. 28. 209 pr. कटाक्षहावमाधुयः 3. 44. 32". कटाक्षेक्षणमाधुर्यैः 3. App. 6. 3A 1 pr. कटाक्षेण न्यवारयत् 4. 20.2%; 394*. 4 post. कटाक्षैनिर्दहन्तीव 1. 68. 21". कटाग्निना वा दग्धव्यः 13. App. 10. 262 pr. कटित्वान्मोचयामास 9. App. 3. 18 pr. कटिबन्धं च सूत्रं च 1. App. 108. 10 pr. कटिबन्धं तथैव च 1. 1167*. 1 post. कटिशीर्षास्तथापरे 9. 44. 87'. कटिश्च तस्यातिकृतप्रमाणा 3. 112. 4. कटिहृत्पृष्ठनासिके 2. 258*. 4 post. कटुकस्थमिवौषधम् 8. App. 11. 19 post. कटुकं परुषं घोरं 13. App. 15. 2881 pr. कटुकः शोणितोदकः 6. 66. 12. कटुकानि म पाण्डवान् 5. 139. 45. कटुकान्यभ्यभाषत 5. 135. 21". कटुकान्यभ्यभाषताम् 2.72. 174. कटुका ये न भाषन्ते 13. 132. 21". कटुकाः कण्टकान्विताः 13. 101. 29. कटुधूममपाययत् 7. App. 8. 839A 3 post. कटूनि च लघूनि च 12.82, 22. कट्याश्च पातवैबोधाः 6. 48*. 1 pr. कटुम्ललवणात्युष्ण- 6. 39. 9". कठिनश्चिक्कणः श्लक्ष्णः 12. 177. 34". 14. 49. 49. कठिनस्त्वपरो बिन्दुः 12. 335. 23. कठिनं च तथा करे 3. 1317*. 1 post. कठिनं पूरयामास 3. 281. 1". कठिनं विद्धि चापरम् 2. App. 21. 98 post. कठिनः कैटभः स्वयम् 2. App. 21. 100 post. कठिनानि समादाय 3. 91. 26. कठिने दृष्टिमादधे 3. 281. 1016. कठिनैश्चोपशोभितम् 3. 145. 274. कठोराणि न वाच्यानि 13. App. 15. 4558 pr. कठोरा नीचवृत्तयः 13. App. 15. 3719 post. कडङ्गद्वारकाणि स्युः 12. 69. 42". कडङ्गरायोमुसलानि पट्टिशाः 8. 68. 26. कडङ्गरैर्भुशुण्डीमिः 7. 183*. 4 pr. कणधूमभुजश्चान्ये 9. 227*. 1 pr. कणधूममपाययत् 2. App. 21. 447 post. कणपानां च सर्पलाम् 8. 36. 3. कणपान्कम्पनाशितान् 7. App. 20A. 10 post. कणपिण्याककुल्माष- 12. 208. 21". कणपेषु च सर्वशः 6.72.6deg. कणपैरङ्कुशैरपि 6. 53. 19". कणशोमितजानुकम् 12. App. 15. 111 post. कणानां भक्षणे युक्तः 12. 289. 430. कणान्कदाचित्खादामि 12. 172.21". कणिक मत. चक्ष्व 1. App. 81.7 pr. कणिकस्य च क्यानि 1. 1444*. 2 pr. कणिकं मत्रिणां श्रेष्ठं 1. App. 81. 4 pr. कणिकः स्वगृहं ततः I. App. 81. 191 post. कणिक तत्त्वमाचक्ष्व 1. App. 81. 7A 6 pr. कणिङ्कमुपसंगम्य 1. App. 81.7A 2 pr. 12. 138. 4. कण्टकप्रवरे घोरे 9. 226*. 4 pr. कण्टकप्रस्तरे तथा 12. 292.9". कण्टकाकीर्णमार्गेण 14. App. 4. 652 pr. कण्टकाचितभूतृणैः 1. App. 117. 16A 2 post. कण्टका नरके बहु 13. App. 14. 402A 4 post. कण्टकान्कूपमग्निं च 12. 158.2". कण्टकानोद्धरामहे 12. 173. 12. कण्टकाफलकाश्रितः 13. App. 15. 663 post. कण्टकावनसंज्ञितम् 13. App. 15.2701 post. कण्टकिद्रुमसंकुले 3. 881*. 2 post. -610
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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