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________________ कच्चिद्विदित्वा पुरुषान् ] लोकपादसूची [कच्चिम्मा नाभिशङ्कसे कच्चिद्विदित्वा पुरुषान् 2. 5. 64". कच्चिविद्याविनीतांश्च 2. 5. 436. कच्चिद्विद्वान्कुशली सूतपुत्र 5. 23. 9". कच्चिद्विनयसंपन्नः 2. 5. 29. कश्चिद्विशुद्धभावोऽसि 15. 35.8. कच्चिद्वीर्यं तदेव ते 8. 40.-1244. कञ्चिद्वीयं यथापूर्व 8. 533*. 1 pr. कच्चिद्वृत्तिमुदासीने 2. 5. 15. कञ्चिद्वृत्तिर्वर्तते वै पुराणी 5. 30. 389. कञ्चिद्वृत्तिं श्वशुरेषु भद्राः 5. 30. 33deg.. कच्चिद्वेत्सि चिकीर्षितम् 2. 63*. 1 post. कच्चिद्वैद्याश्चिकित्सायां 2. 5. 80%. कच्चिद्वौ प्रथमौ यामौ 2. 5. 756. कच्चिद्व्यसनिनं शत्रु 2. 5. 47". कच्चिद्रतं तस्य भग्नं त्वयाद्य 8. 653*. 4. कच्चिन्न कुरवो भीताः 6. 15. 23deg. कञ्चिन्न कुरुषे भावं 3. 156.7deg. कञ्चिन्न कुरुषे व्यथाम् 8. 1. 30, 31, 324. . कञ्चिन्न कुशलं तव 13. 28. 180. कच्चिन्नगरगुप्त्यर्थ 2. 5.71". कच्चिन्न तर्दूतैर्वा 2. 5. 14". कच्चिन्न तैरवाप्तोऽयं 18. 2. 5". कच्चिन्न दुःखैर्बुद्धिस्ते 1. 150. 11". कच्चिन्न निहतः परैः 14. 60. 11'.. कच्चिन्न निहतः शूरः 8. 5. 22. कञ्चिन्न निहतः शेते 7. 50. 22. कञ्चिन्न निहतः सूत 8.5. 46deg. कञ्चिन्न नीचाचरितं 8. 5. 47". कच्चिन्नन्दसि दृष्ट्वैतान् 15. 35.89. कच्चिन्नन्दसि पुत्रक 1. 172. 11'. कच्चिन्न पतितौ क्षितौ 10. 26*. 1 post. कच्चिन्न परवित्तेषु 5. 33. 14. कञ्चिन्न पाने द्यूते वा 2. 5. 590. कञ्चिन्न पापं कथयन्ति तात 5. 23. 190. कच्चिन्न पापैः सुनृशंसकृद्भिः 3. 253. 11. कच्चिन्न बहुभिः सह 2. 5. 19deg. कच्चिन्न बालो युष्मामिः 7. 50. 21". कञ्चिन्न भीमः पाञ्चालि 3. 153. 10. कञ्चिन्न भेदेन जिजीविषन्ति 5. 23. 180. कच्चिन्न मानान्मोहाद्वा 2.5. 81". कञ्चिन्न मुच्यते स्तेनः 2. 5. 94. कच्चिन्न रथभङ्गोऽस्य 6. 105. 4. कच्चिन्न रैभ्यं पुत्रो मे 3. 138.5".. कञ्चिन्न लुब्धाश्चौरा वा 2. 5. 65. कञ्चिन्न लुब्धैश्चौरैर्वा 2.5. 66*. कञ्चिन्न लोभान्मोहाद्वा 2. 5. 82deg. कच्चिन्न वाचा वृजिनं कदाचित् 13. 105. 55. कञ्चिन्न वाचा वृजिनं हि किंचित् 5. 30. 1. कञ्चिन्न वामो मम मूर्ध्नि पादः 1. 184. 16. कञ्चिन्न वारितौ क्षुद्रैः 10. 8.26. कच्चिन्न विकृतो बालः 14. 60. 13". कञ्चिन्न विद्यते राष्ट्रे 2. 67*. 1 pr. कञ्चिन्न शूद्रेण न हीनजेन 1. 184. 150 कञ्चिन्न श्रद्दधास्यासां 2.5. 73deg. कञ्चिन्न सर्वे कर्मान्ताः 2. 5. 21". कञ्चिन्न संक्षयः प्राप्तः 1.217. 16. कञ्चिन्न सागरं तीर्खा 7. 116. 33. कञ्चिन्न हेतोरिव वर्त्मभूतः 5. 23. 16. कञ्चिन्नाद्य विमुह्यसि 8. 1.29. कञ्चिन्नापानुदद्रोणात् 7. 9. 20deg. कञ्चिन्नायं वचनात्सौबलस्य 3. 6.89. कञ्चिन्नासीत्पराङ्मुखः 7. 100. 250; App. 19. 6 post. कञ्चिन्नास्वपतां क्षितौ 10. 8. 4. कच्चिन्नाह भविता वै यथेमे 1. 189. 200. कञ्चिन्निद्रावश नैषि 2.5. 180. कञ्चिन्नु तपसि स्थितः 15. 33. 14. कच्चिन्नेदं श्रुतं पार्थ 14. 19. 52. कच्चिन्नेमौ तव कौँ विनष्टौ 8. 826*. 4. कच्चिकः परित्यक्तः 8. 5. 59*. कञ्चिन्नको बहूनर्थान् 2. 5. 41". कञ्चिन्नैको हतः परैः 7. 63*.2 post. कच्चिनैनं भयात्क्षुद्राः 7. 65*. 1 pr. कञ्चिन्नैनं भयान्मन्दाः 7. 63*. 1 pr. कञ्चिन्नैष परैर्हतः 7. 65*.2 post. कञ्चिन्नोग्रेण दण्डेन 2. 5. 340. कञ्चिन्नो न दिधक्षसि 1. 20. 74. कच्चिन्नो भयविभ्रष्टः 6. 28. 386. कञ्चिन्मनस्ते प्रीणाति 15. 35. 2. कञ्चिन्मनोज्ञाः परिचारकास्ते 14. 9. 1. कञ्चिन्मन्त्रयसे नैकः 2. 5. 19". कच्चिन्मो मृतो राजन् 12. 383*. 2 pr. कञ्चिन्मह्यं प्रत्यवधीस्त्वमद्य 8.656*. 16. कञ्चिन्मानं तात लभन्त एते 5. 23. 11:.. कञ्चिन्मार्जार जीवसि 12. 136. 48. कञ्चिन्माला पतिता न श्मशाने 1. 184. 154. कच्चिन्मां नामिशङ्कसे 12. 136. 1190. पादसूची-77 - 609 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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