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________________ कण्टकीकुञ्जगुल्मैश्च] श्लोकपादसूची [कतरत्तदलं कृष्ण कण्टकीकुञ्जगुल्मैश्च 1. App. 117. 16A 2 pr. कण्टकेनैव कण्टकम् 12. App. 10. 15 post. कण्टके सूद्धृते मया 1. 1651*. 7 post. कण्टकैरिव शाल्मली 7. 144. 44. कण्टकोऽपि हि दुश्छिन्नः 12. 138. 60deg. कण्टको ह्यपि दुश्छिन्नः 1. App. 81. 19 pr. कण्टशर्करसंयुक्ते 13. App. 15. 660 pr. कण्ठत्राणं च कीदृशम् 7. 150. 30. कण्ठत्राणेन च बभौ 7. 102. 56deg. कण्ठदनाः समन्ततः 7. App. 8. 515A 3 post. कण्ठपावन्तिरस्थेन 1. 1098*. 1 pr. कण्ठसूत्रं च भास्वरम् 7. 91. 26". कण्ठसूत्रं महच्चापि 7. 1225*. 2 pr. कण्ठसूत्राङ्गदानां च 8. 19. 26deg. कण्ठसूत्रैरङ्गदैश्च 7. 123. 360. कण्ठं तस्य वृकोदरः 3. 12. 64*. 4. App. 24. 5 post. कण्ठं माता पिता चास्य 3. 1332*.2 pr. कण्ठान्तरगताम्हारान् 11. 16.40deg. कण्ठायासं च वर्जयेत् 12. 104. *. कण्ठासक्तमहाधनुः 8. 17. 92. कण्ठे गृहीत्वा प्राक्रोशत् 5. 88. 2deg. कण्ठे चैनं परिष्वज्य 3. 238. 26deg. कण्ठे चैव निरञ्जनः 6. App. 3. 91L post. कण्ठे चोरसि चोभयोः 10. 8. 18. कण्ठे चोरसि चौजसा 10. 8. 33. कण्ठे जग्राह देवेन्द्रं 12. 273. 15. कण्ठे जग्राह पाणिना 12. 330. 474 कण्ठे धारय वै प्रभो 1. App. 10. 12 post. कण्ठेन क्रोशतस्तदा 3. 126. 13. कण्ठेनायतलोचना 5. 80. 42deg. कण्ठे बद्धः पशुर्यथा 4. 289*. 1 post. कण्ठे बवा महाशिलाम् 4. 44. 15. कण्ठे बवा यथा शिलाम् 8. 27. 25deg. कण्ठे बध्नाति मृत्युराट् 12. 12. 14. कण्ठे बर्हिनिभा शुभे 13. App. 15. 315 post. कण्ठे भारतमेव च 18. App. 3. 45 post. कण्ठे मणितलप्रभः 13. App. 9. 89 post. कण्ठे समाक्रम्य च वेपमानम् 8. 61.6; App. 30. 49 ; ___App. 32. 15 (subst.) 12. कण्ठे स्थापितवान्देवः 1. App. 9. 16 pr. कण्ठे स्थिता वक्षसि घूर्णमाना 3. 550*. 3. कण्ठे हालाहलं घोरं 1. App. 10. 14 pr. कण्डरा च शतोदरी 9. 45. 150. कण्डरीकोऽथ राजा च 12. 330. 390. कण्डुरुद्दालकस्तथा 2. 44*. 2 post. कण्डूतिः कालिका चैव 9. 45. 13. कण्डूयेज्जातु वै शिरः 13. 107. 36. कण्वस्त्वालोक्य मां प्रीतः 1. App. 51.6 pr. कण्वस्य च तपस्विनः 1.96*. 1 post. कण्वस्य वचनं श्रुत्वा 1. App. 47. 3 pr. कण्वस्याहं भगवतः 1. 65.15. कण्वं हि पितरं मन्ये 1.66. 17". कण्वः कात्यायनो राजन् 2. 84*. 1 pr. कण्वः पुण्यकृतां वरः 1. 68. 3. कण्वः शिष्यानुवाच ह 1. 68. 10. कण्वाय बहुदक्षिणाम् 1. 894*. 14 post. कण्वाय भरतो ददौ 1. 69. 481; 894*.7 post. 7. App. 8, 750 post. 12. 29. 44. कण्वाश्रमनिवासिनः 1. 68.7%; 624*. 9 post. कण्वाश्रमपदं प्रति 1. 68.5, 17t. कण्वाश्रमं समासाद्य 3. 80.64. कण्वेन च विवर्धिता 1. 684*. 4 post. कण्वेन सहिता दृष्ट्वा 1. 630*. 1 pr. कण्वोऽथ देवहोत्रश्च 12. 323. 90. कण्वो धर्मभृतां वरः 1. 621*. 1 post. कण्वो नाम महामुनिः 13. App. 15. 322 post. कण्वोऽपि भगवानृषिः 5. 95. 1. कण्वोऽप्याश्रममागमत् 1. 67. 23. कण्वो बर्हिषदस्तथा 12. 201. 26deg. 13. App. 18. 65 post. कण्वो बर्हिसुतस्तथा 1. App. 37. 20 post. कण्वो मेधातिथिः कृशः 13.27.7". कण्वो रामस्तथानधः 6. App. 1. 54 post. कण्वो वचनमब्रवीत् 1. App. 46. 1 post. कण्वो वर्धयिता पिता 1. 657*. 3 post. कतमदैवतं नु तत् 12. 263. 5. कतमद्वैरथं युद्ध 4. 45.90. कतमद्यास्यसेऽनीकं 4.50.39. कतमस्तदनन्तरः 1. 224. 22. कतमस्मिञ्जनपदे 4. 15*.2 pr. कतमस्यैष भोगिनः 5. 101. 20. कतमं यास्यसेऽनीकं 4, 40. 1'. कतमः स्वर्गजित्तमः 12. 262. 32. कतमेन पथा याताः 8. 49. 44. कतमोऽत्र युधिष्ठिरः 15. 32. 3. कतमोऽस्यार्जुनो भ्राता 4. 66. 1. कतरत्तद्बलं कृष्ण 8. App. 25. 4 pr. -611 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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