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________________ ईदृशानामराजसु] श्लोकपादसूची [ईर्ष्या कामात्प्रभवति ईदृशानामराजसु 12.72. 324. ईदृशानां द्विजोत्तम 5. 116. 11'. ईशानां सहस्राणि 5. 166.70. ईदृशानि प्रजायन्ते 2. App. 28. 84 pr. ईदृशान्पुरुषांस्तात 12. 112. 1. ईदृशान्विद्धि ताल्लोकान् 13. 72. 80. ईशा ब्राह्मणेनोक्ताः 8. 30. 27". ईशा भिन्नमर्यादाः 9. 363*.2 pr. ईरशाश्च नरव्याघ्र 8. App. 37. 10 pr. ईदृशी भवता काचित् 2. 6.8. ईशीमापदं को नु 3. 138. 18%. ईशीमापदं प्राप्य 4. 66*. 1 pr. ईदृशीर्वदिता गिरः 2. 61.7. ईशी वदतां वर 7. App. 8. 134 post. ईदृशी सा सभा राजन् 2. 8. 38*. ईदृशीं तां सभां कृत्वा 2. 3. 34". ईदृशे तु परामर्दे 7.85.536 इंशेऽभिनिविष्टस्य 5. 354*. 1 pr. ईदृशे ह्यर्थकृच्छ्रेऽस्मिन् 5. 70. 77. इंटशैर्ब्राह्मणैर्भुक्तं 13. 409*. 1 pr. ईशैर्यद्यहं दुःखैः 8. 5. 24. . ईदृशैः कुसुमैर्दिव्यैः 3. 802*. 5 pr. ईदृशैः पुरुषश्रेष्ठैः 12. 162. 24". ईदृशैः स महादेवः 7. 173. 14". ईदृशो जापको याति 12. 190. 4. ईदृशो न हि राजेन्द्र 3. 193. 13". ईदृशो नौ समायोगः 12. 136. 61". ईदृशो भविता लोकः 3. 188. 19deg. ईदृशो मर्त्यधर्मोऽयं 9.64.22%. 14.60. 33%. ईदृशोऽयं केशवस्तात भूयः 5. 28. 14". ईदृशोऽसौ हृषीकेशः 12. 542*.2 pr. ईदृशो हि बलौघस्तु 6. 72. 21". ईदृश्यासादिता मया 1. 101. 234. ईप्सन्तः कीर्तिमेव च 7. 164. 134. ईप्सन्नथं च धर्म च 5. 127. 339. ईप्समानश्च संबन्धं 1. 212. 28*.. ईप्सितश्च गुणः स्त्रीणाम् 1. 194. 80. ईप्सितश्च वरो मम 3. 194. 21. ईप्सितस्ते ध्रुवः कामः 1. 187.80. ईप्सितस्येव संप्राप्तिः 12. 344. 36. ईप्सितं करवाण्यहम् 2. 312*. 1 post. ईप्सितं च मृगेन्द्रस्य 12. 112. 450. ईप्सितं तु करिष्यामि 2. 28, 34. ईप्सितं ते करिष्यामि 1. 223. 21. ईप्सितं दशभिर्गुणैः 13. 119. 11. ईप्सितं प्रतिपद्यते 13. App. 10. 435 post. ईप्सितं प्रददौ ताभ्यः 13. 80. 14. ईप्सितं भोजनवरं 12. 165. 15. ईप्सितं मनसः काम 3.81.31. ईप्सितं मनसा राजन् 9. 398*. 3 pr. ईप्सितं मनसो लब्ध्वा 12. 263. 296. ईप्सितं यस्य यस्य तत् 12. 59. 126. ईप्सितं यौनमीदृशम् 1. 94. 70deg. ईप्सिता देवरूपिणी 1. 1698*. 1 post. ईप्सिता देववर्णिनी 1. App. 79. 124 post. ईप्सितानीप्सितानि च 12. 28. 32. ईप्सितान्युपतिष्ठन्ति 7. App. 8. 346 pr. ईप्सितामीप्सितो नाथ 3. 61. 21'. ईप्सितार्था हि लाभेन 4. App. 6. 10A 3 pr. ईप्सिताल्लभते कामान् 3. 82. 111. ईप्सिताल्लभते सोऽर्थान् 12. App. 28. 433 pr. ईप्सितांश्च मनोरथान् 13. App. 14. 305A7 post. ईप्सितेन महाबाहो 7. 102. 50. ईप्सितेनाभिलाषेण 5. 105. 17. ईप्सितैर्नृपकन्यया 13. 2. 54deg. ईप्सितैश्च मनोरथैः 13. 101. 354. ईप्सितोऽयं वरो मम 3. 163. 47. ईप्सितो वरनारीणां 3. 50. 4". ईप्सितो ह्येष मे कामः 3. 38. 38. ईप्सेत मनुजो वसन् 4. 120*. 2 post. ईस्यत्यङ्गमङ्गानि 3. 31. 22deg. ईरयन्तं भारती भारतानां 5. 69.24. ईरयन्ति भवान्तिके 13. 15. 16. ईरिणां वैरिणां शतम् 2. 8. 22. ईरिणे निर्जले देशे 3. 881*. 2 pr. ईर्यमाणेन सततं 3. 27. 2". ईषुकः कटुकाक्षरम् 3. App. 3. 6 post. ईर्षुमत्यन्तमानिनम् 11. 26. 2. ईर्षुधूणी न संतुष्टः 5. 183*. 11 pr. ईर्पूणां मम पुत्राणां 11. 18. 16. ईग्रंकः कटुकाक्षरः 3. App. 4. 17 post. ईय॑या चापि संतप्तः 1. App. 83A. 22 pr. ईर्ण्यया चामिसंतप्तः 1. 129. 10. ईjया वहमाक्षिप्तः 12. 258. 48. ईय॑वो मानकामाश्च 13. 46. 80. ईर्ष्या कामात्प्रभवति 12. 157. 14". -431 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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