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________________ ईर्ष्या क्रोधयुता भृशम् ] महाभारतस्थ [ईशो मर्त्यः कथंचन ईर्ष्या क्रोधयुता भृशम् 13. App. 15. 4620 post. ईर्ष्याक्रोधामिभूतत्वात् 13. App. 1A. 54 pr. ईर्ष्या च द्रोह एव च 14. App. 4. 1696 post. ईर्ष्याजं व्यसनं प्राहुः 12. 258. 48". ईर्ष्या जुगुप्सा च मनुष्यदोषाः 5. 43. 8. ईर्ष्यातिच्छेदसंपन्नाः 12. 105. 32". ईर्ष्याद्वेषकृतानि च 13. App. 10. 399 post. ईर्ष्यापराः कोपनाश्च 13. App. 15. 2000 pr. ईर्ष्यामिभूता दुर्वृत्ताः 13. 153. 35deg. ईर्ष्यामिमानलोभेषु 12. 220. 103deg. ईर्ष्यामात्सर्यसंयुक्तः 14. App. 4. 330 pr. ईर्ष्या मानस्तथा क्रोधः 6. 11. 13". ईर्ष्यामुत्सृज्य मोहिनीम् 12. 313. 35. ईर्ष्या मोहोऽतिवादश्च 5. App. 2. 30 pr. ईर्ष्या मोहो विवित्सा च 5. App. 2. 2 pr. ईर्ष्यावेगश्च बलवान् 12. 152. 9". ईर्ष्याशोककुमापेताः 3. 247. 16. ईर्ष्यासमुत्थः सुमहान् 1. 1. 88deg. ईथुर्गन्धर्वराजः स 1. 158. 4. ईयुर्दुरात्मा मानी च 5. 67. 80. ईष्र्युः परसुखं दृष्ट्वा 13. 118. 24". ईयेप्सा पैशुनं युद्धं 14. 37. 3. ईशते नृपते सर्वे 12. 289. 25deg. ईशते भगवानेकः 5. 66. 13. ईशम्त्यात्मन इत्येतत् 13. App. 7. 7 pr. ईशनपि महायोगी 5. 66. 14". ईशस्त्वं सर्वभूतानां 3. 13. 52. ईशस्त्वमसि लोकानां 5. 102. 26". ईशस्त्वयं कस्य पराजितात्मा 2. 63. 21. ईशस्य चरितं शुभम् 13. App. 4. 15 post. ईशं भक्तानुकम्पितम् 12. App. 17B. 27 post. ईशं रुद्र पिनाकिनम् 3. 221. 24. ईशं लोकस्य भावनम् 12. 330. 57. ईशं शाश्वतमव्ययम् 13. App. 10. 475 post. ईशं ह्यसुर विद्मस्त्वां 3. 97.9. ईशः कर्ता कृतिदक्षः 13. 91. 33. ईशः कारणकारणम् 13. 14. 100%. ईशः कौरवनन्दन 9. 30. 58. ईशः शंभुः प्रजापतिः 1. 58. 43. ईशः स जगतो हरिः 12. 330. 634. ईशः सन्सोऽपि तेनैव 1. 171. 11. ईशः सर्वस्य भूतस्य 12. 231. 32deg. ईशान ईश्वरः कालः 13. 17. 72deg. ईशानचरितां कथाम् 13. App. 4. 20 post. ईशानवज्रसंघात- 12. App. 28. 244 pr. ईशानस्य महात्मनः 8. 24. 108"; 262*.2 post. ईशानस्य यथा ब्रह्मा 3. 25.76. ईशानहेतोः प्रतिनिर्मितां तां 9. 16. 44". ईशानं च स्थितं दृष्ट्वा 3. 108. 6. ईशानं जटिलं शिवम् 7. 173. 11. ईशानं ज्योतिरव्ययम् 12. 291. 156. ईशानं ज्योतिषां परम् 12. App. 290.87 post. ईशानं तु नमस्कृत्य 17. 10*. 4 pr. ईशानं न प्रपद्यन्ते 13. 189*. 3 pr. ईशानं परमेश्वरम् 7. 416*. 1 post. ईशानं ब्रह्म चाव्ययम् 12. 304. 171 ईशानं वरदं पार्थ 7. 173. 10. ईशानं वरदं प्रभुम् 1. 1846*. 1 post. 12. 327. 50'. ईशानं वरदं शिवम् 12. 328. 22. ईशानं शंकरं सर्वम् 14. 8. 276. ईशानं सर्वलोकस्य 2.7. 13. ईशानः प्रभुरव्ययः 13. 17. 146%. ईशानः प्राणदः प्राणः 13. 135. 21". ईशानः सर्वभूतेषु 5. 45.8deg. ईशानाध्युषितं नाम 3. 82.76. ईशानाय भगनाय 7. 57.50%. 13. App. 6.51 pr. ईशानायाप्रमेयाय 8. 24. 48%. ईशानाः सर्वलोकस्य 1. 93. 30. ईशानेन तथा सख्यं 3. 258. 16. ईशानो ज्योतिरन्ययः 12. 300. 134. 13. 15. 421. 1440.5. ईशानो ज्योतिषां वरम् 13. App. 3. 272 post. ईशानो वदतां वरः 1. 157. 11'. ईशानो विदधे देवः 4. 734*. 1 pr. ईशा रक्षःसु साध्व्यस्मि 1. 1556*. 6 pr. ईशाः सर्वस्य लोकस्य 13. App. 15. 4310 pr. ईशाः सुतानां च तथा स्नुषाणाम् 2. 60. 45. ईशाः स्म सर्वे तव राजपुत्रि 2. 63. 2. ईशित्वं च वशित्वं च 13. App. 11. 256 pr. App. 15. 4308 pr. 14. 38. 120. ईशे कारणकारणे 13. 14. 99. ईशो गोप्ता च देवानां 13. 86. 30. ईशो जनपदस्यास्य 1. 148. 3. ईशो नः पुण्यतपसां 2. 62. 336. ईशोऽभविष्यदपराजितात्मा 2. 63. 184. ईशो मर्त्यः कथंचन 3. 136. 13. -432 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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