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________________ भारोग्यायुःप्रमाणाभ्यां ] महाभारतस्थ [आर्जवे च तथा शूराः आरोग्यायुःप्रमाणाभ्यां 6. 13. 27deg. आरोचिता नः सुमहान्स धर्मः 12. 60. 44. आरोढव्यस्त्वया स्वर्गः 3. 42. 37. भारोढुं कृत एव तु 3. 43. 17'. आरोढुं वापि कौन्तेय 3. 109. 14. भारोढुं सुमहाप्राज्ञ 1. 173*. 2 pr. आरोधनेन भक्तस्य 12. 59. 50deg. आरोपयञ्चात्मरथं महात्मा 6.73. 38. आरोपयतु शीघ्रं वै 1. 1841*. 4 pr. आरोपयद्रथं तूण 6. 70. 29%; 80. 32. आरोपयद्रथं राजन् 6. 75. 18... आरोपयन्ति वै कांश्चित् 13. App. 15. 2666 pr. आरोपयितुमारेभे 16. 8. 52". आरोपयेच्छतघ्नीश्च 12. 69. 43deg. आरोपितं समुद्वोढुं 5. 448*. 1 pr. आरोप्य कृष्णामथ कीचकेन 4. 462*. 3. आरोप्य च महावीर्यः 9. 20. 19. आरोग्य च रथे कण 5. 135. 24deg. आरोष्य चैनं स्वरथं 9. 15. 65. आरोप्य पृष्ठं काकं तं 8. 28. 530. भारोप्यमाणस्तद्वाजा 1. 1833*. 13 pr. भारोप्य विस्मिता राजन् 3. 62. 22deg. भारोप्य वै रथे सूत 7. 56. 32. आरोग्य स पितुर्ग्रहात् 1. App. 14.5 post. भारोप्य स्वरथं वीरः 6. 356*.2 pr. भारोप्य स्वरथे तूर्णं 8.32.66deg. आरोप्य स्वं महाराज 3. 1114.2 pr. भारोप्यः श्वा स्वकारस्थानात् 12. 119. 2. भारोप्याङ्के रुदन्त्येताः Il. 25. 22deg. भारोप्यारोप्य गच्छन्ति 8. 33. 56deg. आरोह जघनं मम 1. 1525*. 2 post. भारोहणं कुरुश्रेष्ठ 2. App. 28, 16 pr. भारोहणं तत्कृतमेव विद्धि 12. 271. 36deg. आरोहणं निषादानां 13. 320*. 1 pr. आरोहणैर्महामात्रैः 8. 405*. 1 pr. मारोहणो निरोहश्च 13. 17. 121. भारोहत यथाकामं 14. 93. 80deg. भारोहति महद्यानं 13. 110. 44. भारोहतु भवाशीघ्र 3. 43. 11. भारोहतु रथं पाथैः 5. 522*. 1 pr. मारोह त्वं मया साधं 3. 43. 14. भारोहन्दमयंश्चैव 1. 68.6. भारोहमाणा भीष्मस्य 1. 133. 10. आरोहमाणांस्त्रिदिवं 13. 51. 41". आरोहयद्धयं तूर्ण 6. 93. 19". आरोहवरसंपन्नः 2. App. 21. 906 pr. आरोह स्यन्दनं वीर 5. 180. 26. आरोहस्व रथोत्तमम् 3. 43. 15. भारोहस्वेति वै द्विजम् 5. 110. 4. आरोहिष्ये कथं त्वश्वं 13. 12. 11". आरोहेण प्रमाणेन 13. App. 16. 29 pr. आरोहेत विचक्षणः 13. App. 3. 108 post. ' आरोहेति सुरोत्तमः 8. App. 3. 2 post. आरोहेत्पाण्डुरं गृहम् 13. 110. 21". आरोहेत्यब्रवीच्च तम् 17. 3. 1'. भारोहेत्संमतोऽस्मीति 4. 4. 10deg. आरोहेत्सान्वितोऽस्मीति 4. 120*. 19 pr. आरोहे पर्यवस्कन्दे 6.72. 80. 7. 89. 5. आर्कायणैः षोडश मिश्च ब्रह्मन् 13. 106. 31. आझे संवरणे राजन् 1. 89. 31". आर्चीकपर्वतश्चैव 3. 125. 136. आर्चीकपर्वते तेपुः 3. 125. 17. आर्चीको जनयामास 12. 49. 29% मार्छतां मामकान्युद्धे 7. 1242*. 13 pr. आईत्पार्थो गुरुं भारं 7. 27. 196. मार्छदारत वाहिनीम् 6. 50.5. आर्छद्रुक्मरथं रणे 4. 31. 186. आर्छन्नेतं क्षुद्रकर्मातिहीनं 6. 305*. 1. आर्छतामर्जुनः संख्ये 7. 29.2". . आर्छतां बहु संरब्धौ 4. 31. 15. आर्जवं चैव नित्यदा 12. 221. 45'.. आर्जवं चैव राजेन्द्र 13.23. 19. 14. App. 4. 2215 pr. आर्जवं तीर्थमुच्यते 14. App. 4.3136 post.,3137A 1 post. आर्जवं धर्म इत्याहुः 13. 130. 30deg. आर्जवं प्रकृति सत्त्वं 12. 118. 2. आर्जवं प्रतिपद्यस्व 5. 35. 30%3 85.56. आर्जवं ब्रह्मणः पदम् 12,80. 20. 14. 11.4. आर्जवं भृत्यभरणं 12.60.8". आर्जवं वा विशिष्यते 5. 35. 24. 13. 130. 294. आर्जवं समचित्तता 3. App. 19. 12 post. App. 32.. 8 post. भार्जवं सर्वकार्येषु 12. 56. 20%. आर्जवं हीरचापलम् 3. 298.7. भार्जवात्सव्यपत्रपम् 5. 39. 49. मार्जवान विवक्षया 12. 261. 384. आर्जवे च तथा शूराः 13.74. 24. -348 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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