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________________ आरुरोह प्रतिज्ञा सः] श्लोकपादसूची [ आरोग्याच्च शरीरस्य 8. 9. 334. आरुरोह प्रतिज्ञां सः 1. 47. 1. आरुरोह महद्वेश्म 3. 71. 16. आरुरोह महातेजाः 8. 26. 10. आरुरोह महाबलः 3. 157. 334. भारुरोह महाबाहुः 6.73. 67deg. 7. 1121*. 1 pr. 9. 9. 18. आरुरोह महायशाः 5. 89. 3. आरुरोह महारथम् 7. 60. 15*3; 87.644. 10. 11.27%; 13. 14. 14.78. 140% App. 4. 3423 post. भारुरोह यथा देवः 12. 38. 33%. आरुरोह रथश्रेष्ठं 1. App. 114.358 pr.6. 60. 8. आरुरोह रथं कृष्णः 3. 23. 44. आरुरोह रथं चापि 7. 142. 19%; 148. 7. 8. 17. 97. आरुरोह रथं चैव 6.92. 39. आरुरोह रथं तदा 8.270*.3 post. आरुरोह रथं तूर्ण 6. 45. 42%; 78. 18deg, 350; 82. 12%, 34%; 100. 226,26. 7. 98. 49%; 134.51%; 142. 28%; 143. 12% 146.23.8.44. 45.9.13. 41. आरुरोह रथं दिव्यं 3. 43. 26deg. भारुरोह रथं पार्थः 1. 216. 16. आरुरोह रथं पुनः 6. 102. 704. 7. 150. 94. भारुरोह रथं भ्रातुः 7.29.7%; 105.29%. भारुरोह रथं राजन् 6.74. 22. 7. 82. 25deg. भारुरोह रथं शीघ्र 3. 43. 19deg. 13. App. 1A. 388 pr. आरुरोह रथं शौरिः 5. 81, 21. आरुरोह रथं शौरेः 3. 224. 16. भारुरोह रथोत्तमम् 8. 50. 40'. आरुरोह विनिःश्वसन् 7. 122. 664. आरोह विशां पते 7. 146. 354. आरुरोह शचीपतिः 2. App. 21. 1393 post. भारुरोह शमीवृक्षं 4. 38. 14. आरुरोह शिनेः पौत्रः 7. 122. 44. आरुरोह स्वयं तुलाम् 3. 131. 2nd. भारुरोहाथ स मुनिः 5. 110. 4. भारुषी तु मनोः कन्या 1. 60. 450. भारुहेथा महामुने 3. 185. 29". भारुहेमां मम श्रोणी 1. 140. 50. भारुह्य काञ्चनं यानं 14. App. 4. 1301 pr.. भारुह्य घोरे व्यसने निमजेत् 2. 56.4%: भारुह्य च गवां लोकं 9. 49. 40". आरुह्य जवसंपन्नान् 9. App. 1. 19 pr. भारुह्य जवसंपन्नाः 9. 18.8. भारुह्य तं मज्जति वा 2. 55. 4. आरुह्य ता विचित्राणि 2. App. 37. 16 pr. आरुह्य ते स्म तान्यत्र 2. App. 41.7 pr. आरुह्य नागप्रवरं 14.74.69. मारुह्य पुरुषर्षभ 3. 135. 4. आरुह्य पुष्पर्क रामः 2. App. 21. 541 pr. आरुह्य भगवान्देवः 8. 271*. 1 pr. आरुह्य भगवान्प्रभुः 1. App. 100.35 post. आरुह्य यानं परिधावतां भवान् 7. 10.6%. भारुह्य यावदेतानि 4. App. 3.3 pr. आरुह्य रथिनां वरः 7. 1202*.5post. आरुह्य वातायनमेव शून्यं 12. 84. 540. भारुह्य वृक्षं माद्रेय 3. 296.50. मारुह्य शीलसंपन्नान् 6. 86. 23deg. आरुह्य स रथं दिव्यं 7. App. 25. 16 pr. आरुह्य स्वरथं वीरः 7. 98.53". आरुह्याचलसंनिभम् 9. 17.2. आरुह्यात्र महाराज 3. 114. 23. आरुह्यान्ये विचेतसः 7. 167. 13. आरुह्याश्वं नराधिपः 13. 12. 15. आरुह्येमां शमी वीर 4. 159*.2 pr.; 170*.2 pr. आरुखैरावतप्रख्यं 9. 173*. 13 pr. भारुखैरावतस्कन्धं 3. 216. 3. आरुह्येरावतं शक्रः 12.220. 10. आरुदैव नृशंसकृत् 3. 15.64. आरूढपतिताजातः 14. App. 4. 476 pr. आरूढपतिते दत्तं 3. App. 21A. 12 pr. आरूढपतितैश्च यत् 14. App. 4. 289 post. आरूढमूलाः पार्थाश्च 1. App. 104. 9 pr. आरूढः कामगं दिव्यं 14. App. 4. 1178 pr. आरूढः कामगामि च 14. App. 4. 2899 post. आरेभिरे महत्कर्म 1. 27. 11. आरेवकास्त्रिगाश्च 6. 47. 7. आरोक्ष्यावश्चितां तव 1. App. 68. 31 post. आरोग्यबलसंपन्नः 6. App. 1. 49 pr. आरोग्यमानृण्यमविप्रवासः 5. 183*.7. आरोग्यमायुश्च सुखं बलं च. 5. 37. 30. आरोग्यं च भविष्यति 4. App. 4D. 59 post. ; App. 4F. 61 post.; App. 4G. 75 post. आरोग्यं धैर्यमेव च 12. 28. 23. आरोग्यं पादजे ब्रूयात् 2. 220*. 3 pr. आरोग्य प्रियसंवासः 11.2. 159. 12.317. 14deg3 540*. 8pr. आरोग्याच शरीरस्य 12.220. 49. - 347 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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