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________________ 'भाराधयितुमुत्तमम् ] महाभारतस्थ [भारुरोह परंतपः आराधयितुमुत्तमम् 12. 161. 12. आरावः सुमहांश्चासीत् 3..App. 12. 1 pr. आराधयित्वा त्वां देवाः 3. 192. 19%. आरिराधयिषुर्गङ्गां 3. 107. 4". आराधयिष्यन्द्रुपदः 1. 155. 13deg; App. 79. 35 pr. आरिराधयिषुर्देवं 1. 114. 21". भाराधितः सदारेण 7. 10. 9. आरिराधयिषुर्धर्मः 2. App. 18. 35 pr. आराधितः स भृत्येन 15. 8. 16. आरिराधयिषुर्विष्णुं 3. 192. 9. आराधितो द्विजश्रेष्ठ 3. 186. 6deg. आरिराधयिषुः कृष्णं 12. 47. 10%. भाराधितोऽभूद्भक्तेन 13. 16. 12%394*.2 pr. आरिराधयिषुः शिखिम् 13. 19*. 2 post. आराधितो महातेजाः 13. 14. 73. आरिराधयिषुः सूर्य 1. 162. 11. आराधितो यदि मया 4. App. 26. 13 pr. आरुकाश्चैव दोहाच 13. App. 10. 37 pr. भाराध्य तपसा देवं 12. 322. 31". आरुग्णमपि यद्भवेत् 9. 42. 214.. आराध्य तपसोग्रेण 12.335.71". आरुग्णः सिन्धुवेगेन 6. 50. 37. आराध्य तु जगन्नाथं 1. App. 19. 1 pr. आरुग्णाश्च यथा वीराः 7. 250*. 1 pr. माराध्य त्र्यम्बकं यत्नात् 9. 5. 15. आरुजनगणशो वृक्षान् 5. 82. 10. आराध्य दत्तात्रेयं हि 2. App. 21. 387 pr. आरुजन्तमभीतवत् 7. 46. 134. आराध्य देवताः सर्वाः 1. App. 67. 31 pr. आरुजन्तं रथश्रेष्ठान् 7. 39. 25. आराध्य पशुभर्तारं 9. 256*. 3 pr. 13. 14. 16. आरुजन्दारुगुल्मांश्च 1. 138. 2. आराध्य बहुभिः स्तवैः 13. 16. 47. आरुजन्निव मे प्राणान् 7. 47. 21". आराध्य वरदं देवं 1. 103. 9. आरुजन्पर्वताप्राणि 2. App. 21. 1136 pr. भाराध्य वरदं विप्रं 3.287. 28. आरुजन्पुरुषव्याघ्रः 5. 50. 34. आराध्य स तु देवेश 13. App. 5. 22 pr. आरुजन्प्ररुजन्भञ्जन् 7. 24.56%. आराध्य स महादेवं 13. 88*.2 pr.; 94*. 3 pr. आरुजन्विरुजन्पार्थः 7. 102. 66*. आराध्य हि महादेवं 2. 13. 63. आरुज्य तरसा द्रुमम् 3. 12. 39. 4. 22. 18. आराध्यं सर्वदा ब्रह्म 13. App. 13. 29 pr. आरुज्य वृक्षान्निर्मूलान् 5. 73.8". आरामं देवगोष्ठानि 13. App. 15. 3616 pr. आरुज्यारुज्य तौ वृक्षान् 3. 154. 47". आरामाणां तडागानां 13. 99. 1". भारुणिर्वारुणिश्चैव 1. 59. 39. आरामान्वृक्षषण्डांश्च 14. App. 4. 761 pr. आरुरुक्षुरिव द्विपः 3. 146. 40*. आरामाश्चैव चैत्याश्च 3. 189. 80. आरुरुक्षुर्यथा मन्दः 5. 158. 12% App. 11. 2 pr. आरामांश्चैव रोपयेत् 13. 99. 33. आरुरुक्ष रथं सत्यां 3.224.2. आरामांश्चैव वृक्षांश्च 3. 188. 56". आरुरुक्षोर्मुनेर्योगं 6. 28. 3. आरामे तु यतिः श्रीमान् 1. App. 114. 169 pr. आरुरोह क्षुधान्वितः 14.57. 194. आरामे तु वसेद्धीमान् 1. App. 114. 43 pr. आरुरोह गरुत्मन्तं 2. App. 21. 1480 pr., 1532 pr. आरामेषु तथोद्याने 12. 69. 126. आरुरोह ततः पार्थः 6. App. 1. 40 pr. आरामोद्यानचैत्यस्थाः 1. 1659*. 2 pr. आरुरोह ततः सर्वे 2. 43. 9. आरालिका वा सूदा वा 4. 38*. 1 pr. आरुरोह ततो मध्यं 6. 50. 35*. आरालिकाः सूपकाराः 15. 1. 17". भारुरोह ततो यानं 6. 79. 46deg; 80. 37. आरालिको गोविकर्ता 4.2.76. भारुरोह तदा यत्तः 8.24.93%. आरावं तुमुलं कुर्वन् 7. 31. 50; 76*. 1 pr. भारुरोह तदा स्थाणुः 8. App. 3. 4 pr. आरावं परमं कृत्वा 7. 65. 11. आरुरोह त्रिविष्टपम् 3. 647*. 3 post. आरावं मातृवर्गस्य 1. 171.. आरुरोह त्वरान्वितः 6. 109. 16. भारावं विपुलं कुर्वन् 7. 9. 26. आरुरोह दिवं तदा 1. 121. 11'. . आरावः सुमहानभूत् 8.55. 12. आरुरोह दिवं पुनः 3.647*. 1 post. आरावः सुमहानासीत् 3. App. 10. 38 pr.; App. 11. आरुरोह नृपाज्ञया 4. App. 42. 30 post. 28 pr. 4. 33.6. आरुरोह परंतपः 6. 54.84.7. 105. 35%821*. 1 post, - 346 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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