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________________ आनन्दो नः सह दासीभिरस्तु] श्लोकपादसूची [आनिनाय स काश्यस्य आनन्दो नः सह दासीमिरस्तु 2. 59. 1". आनयच्च परिक्षितम् 15. 43. 64. आनयत्तत्सरो दिव्यं 13. 140. 23deg. आनयत्यमितद्युतिः 12. 326. 71'. आनयध्वमिति ब्रुवन् 13. 337*.7 post. आनयध्वमिहैव ताम् 4. App. 6. 4 post. आनयध्वमुपायतः 3. 110. 31. आनयध्वं द्वारकायाः 9.34. 15. आनयन्तां पुरोहिताः 1. App. 108. 12 post. आनयन्तु सुधन्वने 5.35. 20. आनयस्व च पार्थिव 3. 110.25. भानयस्व पितरं संशितव्रतं 5. 65. 6. आनयस्व ममान्तिकम् 1. 139. 9. आनयस्वान्तिकं मम 9. 254*. 3 post. आनयस्वामरश्रेष्ठ 1. 93.23%. आनयान्यान्महाभाग 12. App. 20. 160 pr. आनयामास काश्यस्य 1.96. 43. आनयामास गान्धारी 5. 127.6. आनयामास तत्पुरम् 1. 163. 18. आनयामि तवान्तिकम् 3.750*. 1 post. आनयामि समृद्धिं तां 2. 448*. 3 pr. आनयामेह पाण्डवान् 1. 194. 194. आनयित्वा कुरुश्रेष्ठः 15. 19. 12. आनयित्वा ततश्चैनां 1. 66. 126. आनयित्वा प्रदर्शय 3. App. 25. 103 post. आनयित्वा स्वकाद्वर्णात् 13. App. 7A. 94 pr. आनयिष्यति पाण्डवः 1. 1221*. 6 post. आनयिष्यति भोजनम् 1. App. 89. 11 post. आनयिष्यति वेगेन 9. 41. 11: आनयिष्यद्यदा गङ्गां 3.511*. 1 pr. आनयिष्यामहे गृहान् 5. 191.71. मानयिष्यामि ते राजन् 7. 11. 26deg. आनयिष्यामि स्वं स्थानं 12.326. 720. आनयिष्याम्यहं पार्थान् 3.240. 39deg. आनयेति पुनः पुनः 2. 611*. 1 post. आनयेह तया साधं 5. 127. 2. आनयेह ममान्तिकम् 3. 290*. 1 post. आनयेह सुतं क्षिप्रं 5. 127. 100. भानयैनं ममान्तिकम् 3. 13. 90%. आनाह्मणाः सर्वे 3. 180. 40. भानचुस्तं महागुरुम् 18. App. 1. 6 post. भानचुस्तं महाभुजम् 3. 275.24. भानचुः पुण्डरीकाक्षं 3. 180. 12deg. आर्छतुः शरैघोरैः 6. 43. 12. आनर्छन्नवमिः शरैः 6. 48. 41. आनर्तकावर्तकाः पार्वतीयाः 8. 817*. 8. आनर्तनगरं मुक्तं 3. 21. 1". आनर्तनगरी रम्यां 5.7.4. आनर्तनगरी वीरः 14. 51. 41. आनर्तमेवाभिमुखाः शिवेन 3. 180. 250. आनर्तयोधाशतशः 8. 4.7. आनर्तवासी हृदिकात्मजोऽसौ 8. 4. 920. आनतं च दुराधर्ष 9. 16. 80. आनत पर्यवारयन् 7. 116. 24. आनर्तानवलोक्य त्वं 14. 51. 46*. भानानां महाराज 3. 17. 29. आनन्किालकूटांश्च 2. 23. 140. आनन्पुिनरागम्य 3. 23. 40. आनर्ताश्च तथा सर्वे 3. 16. 14". आनर्ताः सत्यमाख्यात 3. 15.9. आनतेभ्योऽपि दाशार्हान् 4.67. 150. भानर्तेषु विमर्दै च 3. 15. 180.. आनों ब्याधिरहितः 13. 109. 51". भानर्दै नर्दतः सम्यक् 5. 139. 47deg. भानह्य चर्मणा तेन 2. 19. 16. आनामि निरमजंश्च 7. App. 16. 55 pr. भानाम्य फलिनी शाखां 1. App. 81. 41 pr. नायितामनार्येण 5. 88.50%. आनाय्य कृष्णं दाशाह 5. 145. 4. आनाय्य च जनार्दनम् 3. 49. 15. भानाय्य च तथा वीरं 14. 91. 33". आनाय्य तु महानृषिः 1. 1137*. 1 post. आनाय्य त्वं चैव सुयोधनश्च 8. 67. 2. आनाय्य नलशासनात् 3.57. 4. आनाय्य नृपतिस्तत्र 5. 556*.6 pr. आनाय्य पुरुषर्षभः 1. 106. 13. आनाय्य भरतं देवी 3. 261. 30%. आनाय्य स यदूद्वहः 3. App. 25. 104 post. आनाय्य सा तदा तस्मै 13. 97.7. आनाय्यौषधयो दिव्याः 3. 1290*. 8 pr. आनाहात ततो दृष्ट्वा 3. 122. 18%. मानिनाय क्रियार्थेऽनीन् 1. 70. 21. आनिनाय जनार्दनम् 4. 67. 15. आनिनाय पुनः पार्थः 5. 53. 9. आनिनाय महद्धनम् 4. App. 36. 13 post. मानिनाय स काश्यस्य 1. 1002*.2 pr. -331 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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