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________________ माधानादीनि कर्माणि] महाभारतस्थ [आनन्दो नन्दनो नन्दः माधानादीनि कर्माणि 12. 35. 12%; 61. 3. आधानोद्वासने चैव 1. 2086*. 2 pr. भाधाय चात्मनोऽङ्गेषु 1. 49. 25deg. भाधाय विपुलं क्रोधं 5. 60. 1 . भाधारनिलयो धाता 13. 135. 115. आधाररूपा पुनरस्य कण्ठे 3. 112. 30. आधारं तु प्रवक्ष्यामि 12, 338. 24. आधारं सर्वविद्यानां 1. 10*.2 pr. 12. 46. 17. आधारः सर्वविद्यानां 4. 18. 14. आधारे च धनुष्मताम् 6. 483*. 1 post. भाधार्यमाणेषु मया 3. 250*. 1 pr. आधावन्ति प्रधावन्ति 12. App. 28. 95 pr. आधावन्ते निवार्यन्ते 13. App. 15. 2720 pr. आधावन्नगरं प्रति 9. 28.740. आधावाभ्येहि मा गच्छ 6.55. 18%. आधिपत्यं ददौ शक्रः 5. 16. 34. आधिपत्यं परत्र च 12. App. 14.530 post. आधिपत्यं यथेप्सितम् 9. 43. 44. आधिपत्यं व्रजेन्मर्त्यः 13. 89. 96. आधिपत्यारिमर्दनः 13. App. 5. 30 post. आधिपत्यारिमर्दनात् 13. App. 5. 25 post. आधिपत्ये तथा तुल्ये 12. 308. 45". आधिपत्येन कैलासे 5. 109. 8. आधिपत्ये प्रतिष्ठितः 13. 5. 24. आधिपत्येऽभ्यषेचयम् 15. 5. 24. आधिमिर्दह्यमानस्य 3. 68. 10%; 72. 276. आधिमिर्दह्यमानायाः 9.62. 62. माधिभिर्व्याधिभिश्चैव 1. 58. 10. 13. 18. 34. आधिमिश्चैव बाध्यन्ते 3. 200. 14. आधिभौतिकमेव च 14. App. 4. 2626A 1 post. आधिमष्यवधीद्रामः 7. App. 8. 454A 2 pr. माधिराज्यं पुरस्कृत्य 14. 31. 13. माधिराज्यं महद्दीप्तं 5. 88. 310; 122. 37. आधिर्नास्ति मनुष्याणां 14. App. 1. 9 pr. आधिहृदयबाधनः 5. 70. 65. आधिव्याधिप्रतापाच्च 12. 284. 11. आधिव्याधिप्रशमनं 3. 2. 22". माधिश्चापि विवादश्च 14. App. 4. 1701 pr. आधुन्वतः सर्पमिवोग्ररूपम् 8. 62. 294. आधुन्वन्तौ गदे घोरे 9. 57. 22. आधूतं पुनरुच्छ्रितम् 7. 13. 52. आधूतां भीमसेनेन 9. 56. 30%. आधुन्वन्या विधून्वन्या 1. 723*. 1 pr. भाधुन्धस्व विधूम्वस्व 1.722*. 1 pr. आधूय वेगेन विसंज्ञकल्पां 2. 60. 37. आधेयं तु मया भूयः 12. 54. 27. आधेयोऽग्निर्नराधिप 14. App. 4. 2635 post. आधेयोऽग्निः सुरोत्तम 14. App. 4. 2546 post. आध्यात्मिकं चाधिदेवं 14. App. 4. 2626A 1 pr. आध्वर्यवं च ते कृष्ण 5. 139. 29. आनकानां च राधेय 8. 31. 47. आनकानां शुभान्नवान् 8. App. 6. 20 post. आनकाश्चाभ्यहन्यन्त 6. 47. 23". आनतांश्छन्नरूपिणः 1. App. 81. 15A 9 post. आनतेनाथ शूलेन 12. 278. 186. आननैर्विकृतैः पादैः 7. 173. 13. आनन्तर्यफलोदयः 12. 209. 181. आनन्तर्यमभिप्रेप्सुः 7. 233*. 1 pr. आनन्तये चारभते 5. 131. 13. आनन्तर्यात्तथा क्षत्रं 12.73. 12. मानन्तर्यात्तु जायन्ते 13. 48. 15. आनन्तिकां तां धनितां 12. 134. 5. आनन्त्यमनुयुते यः 12. 262. 3. मानन्त्यमुपसंप्राप्ताः 12. 262. 23deg. आनन्त्यस्य फलं विदुः 13. App. 15. 3605 post. आनन्त्यं च महञ्चैव 13. App. 15.3598 pr. मानन्त्य ते विश्वकर्मस्तवैवं 13. App. 1. 64. आनन्त्यं प्रतिपद्यते 12. 292. 36. भानन्त्यं ब्रह्मणः स्थानं 12. 262. 21. आनन्स्यं वदमानेन 12.714*. 1 pr. आनन्त्यानापचीयते 12. 203. 24". आनन्त्याय प्रपद्यते 13. App. 10. 429 post. आनन्त्याय भवेद्दतं 13. 88. 10%; App. 15. 3519 pr. आनन्त्यायोपतिष्ठन्ति 12. 61. 17. मानन्स्येन श्रुतेन च 12.262. 26deg. आनन्दगतचेतसम् 2. App. 21. 1357 post. आनन्दप्रीतिधारं च 14. 45.86. आनन्दमापश्यसि नैव पातं 2. 519*. 3. आनन्दयति मां भूयः 7. 164. 157. आनन्दश्च प्रमोदश्च 9. 44. 60deg. आनन्दः कर्मणां सिद्धिः 12. 267. 26". आनन्दः प्रीतिरुद्रेकः 14. 38. 24. भानन्दाश्रुपरिप्लुतः 7. 124. 1".. आनन्दाशुपरिप्लुताः 4. App. 61. 5 post. आनन्दितुं पर्यचरन् 2. App. 21. 1347 pr. आनन्दो नन्दनो नन्दः 13. 135. 69%, -330
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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