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________________ मानिन्युभरतर्षभ महाभारतस्थ [आनृण्यं वा कथं माः आनिन्युर्भरतर्षभ 12. 49. 40'. आनिन्ये स महाबाहुः 1. 1018*. 1 pr. आनीतमिव दृश्यते 2. App. 21. 362 post. मानीतस्तव शासनात् 1. App. 114. 345 post. आनीतं गृहकर्मणि 1. 134. 14. आनीतं वशमात्मनः 7. 11. 20. आनीतं विबुधादींश्च 2. App. 17. 34 pr. आनीतः पृथिवीपते 3. 177.94. आनीता च सभां साध्वी 7. 283*. 10 pr. आनीता नृपशासनात् 14. 165*. 1 post. आनीतामेकवाससम् 2. 61. 34. आनीतायां सुरायां तु 4. 289*. 3 pr. आनीता व्रजयोषितः 1. App. 115. 62 post. आनीता स्वपुरं सीता 3. 149. 20%. आनीतां द्रौपदी कृष्णां 3. 276. 9". भानीतोऽपि निजं गृहम् 1. App. 49. 13 post. आनीतो वै सरस्वतीम् 9. 38. 27. आनीतौ विदुरेणेह 5. 359*. 2 pr. भानीय कृष्णामतिकृष्णकेशीम् 2. 60. 24. भानीय च सभां वक्तुं 5. 126.80.. भानीयतामपरस्तिग्मतेजाः 3. 190.75deg. भानीयतामिति मुनिः 13. 53. 150. भानीयतामेष यतोऽहमारात् 1. 189. 17. भानीयतां बृहन्तश्च 5. 4. 130. भानीयतां वै कृष्णेति 1. 192. 20deg. भानीयतां स्थूण इति 5. 193. 39". भानीय द्रुपदात्मजम् 1. App. 79. 143 post. भानीय नः शत्रुमध्यं स कस्मात् 8. 48. 3deg. भानीयन्तां सभाकाराः 5. 8. 10. भानीय पाण्डवान्साधून् 1. App. 104. 24 pr. भानीय पृथिवीपतिः 3.96.30. भानीय भरतर्षभ 1. 132. 29. 3. 170. 404. भानीय मधुपकै मां 9.61. 23. भानीय मधुमूलानि 1. 1475*. 2 pr. भानीयमानं क्षिप्रं वै 3. 805*. 2 pr.. भानीय मालामवबध्य चाङ्गे 7. 2. 29. भानीय विवशं वशम् 4. App. 32.5 post. भानीय वै स्वके गेहे 1. App. 89.8 pr. भानीय सर्वथा त्वेनां 4. App. 6.8 pr. भानीय स्वं निवेशनम् 1. App. 114. 237 post. भानीय स्वं विवेशनम् 1. 155. 51. भानीयापः परिनिर्णिज्य पादौ 5. 38. 2. भानीयापाहरत्तदा 2. 349*. 1 post. आनुकूल्यं प्रियं वदेत् 4. 1078*. 9 post. आनुकूल्येन कार्याणां 4. 44. 4". आनुकूल्ये वर्तमानां 1. 107. 4. आनुपूर्त्या च दण्डोऽसौ 12. 122. 420. आनुपूर्व्या च मे शंस 1.71. 2. आनुपूर्व्याच्च मे शंस 2. 281*. 4 pr.; App. 15. 4 pr.; ___App. 39. 15 pr. आनुपूर्यावयोहीनौ 13. 48. 4. आनुपूर्व्याद्विनश्यन्ति 6. 6. 9". 12. App. 18. 79 pr... आनुपूर्व्या नुदशूरः 13. App. 47.7 pr. आनुपून्मिया सम्यक् 13. App. 7A. 56 pr. आनुपूर्व्यान्महाभुजः 3. 172.6. आनुपूर्व्या विनश्यन्ति 3. 202. 10. 12. 211. 40. आनुपूर्व्याश्रमान्राजन् 12. 63. 21. आनुपूर्येण कस्तेषां 13. 47.56. आनुपूर्येण कीर्तय 1. 108. 1% App. 41. 3 post. .. आनुपूर्येण तीर्थानि 1. 207.6". आनुपूर्येण पाण्डवः 1. 187. 14.. आनुपूर्येण पिण्डानां 13. App. 14. 56 pr. आनुपूर्येण यातानि 12. App. 29E. 47 pr. आनुपूयेण ये चान्ये 1. 870*. 2 pr. आनुपूर्येण लोकांस्तान् 9. 49. 49. आनुपूर्येण वाक्यानि 5. 138. 4". आनुपूर्येण वार्ष्णेय 14. 17. 5. आनुपूर्येण विधिना 12.328.50%. आनुपूर्येण सर्वाणि 3. 114. 16. आनुपूर्येण सर्वेषां 1. 187. 25deg. ll. App. 1. 12 pr. आनुपूर्येण संप्राप्ताः 1. 176.5%. आनुपूर्येण सान्त्वेन 12. 89. 11'. आनुशासनमुत्तमम् 1.2.201. . आनुशासनिकं परम् 1. 2. 65. आनुशासनिकं पर्व 1. App. 1. 52A 1 pr. 13.729*.9 आनुशासनिकं शुभम् 13.729*. 1 post. भानृण्यमगमत्कामान् 15. 2. 12... भानृण्यमय गच्छामि 9. 31. 21". भानृण्यमय यास्यामि 2. App. 28. 147 pr. आनृण्यमाप्नोति नरः 3. 33. 53. आनृण्यं गच्छ कौन्तेय 12. 25. 6. आनृण्यं च भविष्यति 5.91. 14". आनृण्यं प्राप्य वैरिषु 12. 42. 12. आनृण्यं याति धर्मस्य 12. 56. 13. आनृण्यं यातु वैरस्य 9. 59. 21. आनृण्यं वा कथं माः 13. App. 14. 142 pr. -332
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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