SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 32
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अङ्गुलीषु पुनर्दश ] महाभारतस्थ [अचलेवप्रकम्पेषु अङ्गुलीषु पुनर्दश 14. App. 4. 3315 post. अमुल्यग्राणि ददृशे 11. 15. 6". अङ्गुल्यग्रेण राजेन्द्र 3. 81. 106. 9.अ. 41. अङ्गुल्यग्रे स ताडितः 1. 1833*. 14 post. अङ्गल्यग्रे स्थित पिण्डं 14. App. 4. 2801 pr. अङ्गुल्यङ्गुष्ठमात्रेण 12. 228. 22deg ; App. 27. 28 pr. अष्टपर्वमानं तत् 13. App. 11. 247 pr. अङ्गुष्ठपर्वमात्राणां 1. 107. 19". अङ्गुष्टपर्वमात्रास्ते 13. 129. 410. अङ्गुष्टमात्रं पुरुषं 3. 281. 16. अङ्गुष्टमात्रः पुरुषोऽन्तरात्मा 5. 300*. 1. अङ्गुष्टमात्रः पुरुषो महात्मा 5. 45.240. अङ्गुष्ठमात्रास्त्रिदशाः 5. 129. 4". अङ्गुष्टमात्राः सुश्रोणि 13. App. 15. 720 pr. अङ्गुष्ठमात्रो भूत्वा च 7. 150. 590. अङ्गुष्ठमात्रो भूत्वा वै 12. App. 29 C. 48 pr. 13. App. 3. 223 pr. अङ्गुष्ठस्यान्तराले च 13. 107. 960. अङ्गुष्टस्य च यन्मध्य 13. 107. 976. अङ्गुष्ठं चरणस्याथ 13. 107. 93. अङ्गुष्टं तस्य धर्मराट् 4. 15. 12. अङ्गुष्ठादसृजब्रह्मा 12. 200. 196. अङ्गु टाइक्षमसृजत् 1. 898*. 1 pr. अङ्गुष्ठेन वियोजितः 7. 156. 17. अङ्गुष्टोदरपर्वणः 1. 27.8". अङ्गे ब्यङ्गुलमन्तरम् 12.78. 27. अङ्गेनाङ्गं समापीड्य 2. App. 7. 13 pr. अङ्गेनैकेन यज्वनः 12. 159.6. अङ्गेभ्यः क्षिप्रमागमत् 13. 42.74. अङ्गेमं प्रतिपद्यस्व 1. 158. 34". अङ्गेमामन्धवेक्षस्व 12. 140. 24 : अङ्गेमां समवेक्षस्व 5.57.50. अङ्गेषु नरशार्दूल 12.5.6%. अङ्गेषु राजा द्युतिमान् 12. 122. 1. अङ्गेषु रुधिराक्तास्ते 3. 21. 27. अङ्गेषु वर्तते कर्ण 8. 30. 83deg. अङ्गेवालक्ष्यतेऽनघाः 13. 81. 200. अङ्गैरङ्गेष्विवाहितान् 1. App. 35. 26 post. अङ्गो नाम नृपो राजन् 13. 139. 1. अङ्गो मातङ्गमास्थितः 7. 25. 14. अङ्गोऽरिष्टश्च वेनश्च 2. 8. 14. अङ्गो वङ्गः कलिङ्गश्च 1. 1042*. 1 pr. अङ्गो वङ्गः सुमित्रश्च 2., 48*. 1 pr. अङ्गिको नैकभृञ्चैव 13. 4. 536. अचक्षुरिति तत्रासीत् 1. 103. 11". अचक्षुर्लभते चक्षुः 5.62.256. अचक्षुर्विषयं प्राप्तं 13. 112. 19". अचतुर्वदनो ब्रह्मा 1.8*. 1 pr. अचरत्तत्र भारत 1.311.74. अचरत्तप उत्तमम् 5.97. 12d. अचरत्याकशासनः 5.75*. Dpost. अचर दैत्यसंघेषु 12. 160. 554. अचरगीमसेनस्तु 9.56. 176. अचरद्रथवृन्देषु 4. 66. 12. अचरन्त तपस्तीवं 3.210.26. अचरश्चरमात्मनः 12.292. 46. अचरं चरमेव च 6. 35. 15. अचराण्यपि भूतानि 14. 42. 20deg. अचरेभ्यश्च भूतेभ्यः 13.76. 136. अचर्मितः सुयोधनः 8. 767*. 1 post. अचलपरमशान्तं ज्योतिराकाशसारं 6. App. 2. 34. अचलमनिधनं शिवं विशोकं 12. 172.250. अचलश्चानिकेतश्च 14. 43, 40". अचलं चलमेव च 12. 306. 29". अचलं ज्ञानमप्राप्य 12.576*. 1 pr. अचलं ते मनः कृत्वा 12.521*. 1 pr. अचलं दिव्यमक्षरम् 14. 19. 13". अचलं नाम वज्राख्यं 6. 19.76. अचलं वृधकं चैव 11. 26. 359. अचलं शाश्वतं पुण्यं 5. 121. 9". अचलं स्थानमारुह्य 5, 121.34. अचलं स्थानमासाद्य 3. 169. 14". अचलः कनकाक्षश्च 9.44. 694. अचलः स पुरा भूत्वा 7.650*. 1 pr. अचला केशवे भक्तिः 5. App. 4. 9 pr. अचला तत्त्वदर्शिनी 12.220.90%, 1018 अचलानचलानिव 12. 57. 24. अचलानां प्रकम्पश्च 2. App. 27. 11 pr.; App. 28. 45 pr. अचला शब्दलक्षणा 14.55*. 2 post. अचला ह्यक्षया भूमिः 13. 61.20; App. 15. 3314 pr. अचलां द्वादशायताम् 2. App. 21. 1203 post. अचलां श्रियमाप्नोति 13. 135. 126deg. अचलितमतिरच्युतः स्वधर्मात् 12. 172. 26". अचले चाप्यनन्ते च 5.74.7. अचलेनामृतेन च 12. App. 29 D. 26 post. अचलेष्वप्रकम्पेषु 13. 110. 137deg. -24
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy