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________________ आकाशं ग्रसते यदा] महाभारतस्थ [ आकाशे समजायत आकाशं ग्रसते यदा 12.225.9%; App. 29C. 140 post. 13. App. 3. 327 post. आकाशं मन्सुवः पातैः 12. 323. 13. आकाशं च दिशः सर्वाः 4.917*. 24 pr. आकाशं च वृहत्तरम् 12. App. TTA. 105 post. आकाशं चाप्यहंकारात् 12.203.25%. आकाशं चाभवद्वृतम् 10. 18. 11'. आकाशं जगती चैव 12. 327.. आकाशं जायते तस्मात् 12.224, 35. आकाशं तदपानीयं 3. App. 21A. 99 pr. आकाशं तु बनाभ्याशे 12. 100. 14". आकाशं तेन प्रीणयेत् 13. App. 10. 125 post, आकाशं निर्मलं च ह 12. 141.24. आकाशं नोपलिप्यते 6. 35. 32. आकाशं पवनोऽभ्येति 12. 180.9%. आकाशं पवनो यथा 13. 40. 561. आकाशं पिबते नित्यं 6. App. 3.67 pr. आकाशं पूरयन्शरैः 8. 58. 4. आकाशं पूरयन्निव 12. App. 28.85 post. आकाशं पूरयन्सवं 12.812*. 1 pr. आकाशं पूरयामास 7.83.25. आकाशं पृथिवी तथा 3. 199. 27. 13. App. 15. 10:58post. आकाशं पृथिवीं ज्योति: 3. 187. 474. आकाशं प्रति गामिनीम् 4. App. 4D.6 post. आकाशं प्रतिपद्यते 12. 192. 1214. आकाशं प्रथमं भूतं 13. App.3.344 (subst.) 1 pr. ___14. 42. 276. आकाशं प्रदिशस्तथा 7. 135.40". आकाशं मारुतो ज्योतिः 12. 244. 20. आकाशं मुष्टिभिन्नतः 5. 37. 14. आकाशं युज्यते येन 12. 332. 10. आकाशं वायुरुप्मा च 12. 212. 8% App. 18. 16 pr. आकाशं शब्द लक्षणम् 12. App. 26.31 post. आकाशं शरवृष्टिभिः 4.53. 494. आकाशं श्रवणं तथा 14.42. 500. आकाशं समपद्यत 4. 1021*. 1 post. 7. 1300*.2 post. 8. 11.25. आकाशं समवस्तीर्य 1.217. 18. आकाशं ससुपागम्य 12. App. 17A. 108 pr. आकाशं समुपाश्रितः 13. App. 11. 484 post. आकाशं संवृतं वीरौ 4. 53. 38. आकाशाकृष्णपाण्डवौ 1. 218. 204. आकाशात्खलु याज्येपु 12.305*.7pr. आकाशात्तु विकुर्वाणात् 12. 224. 360. आकाशातु शरीरवान् 12. 487*. 1 post. आकाशात्पतितं तोयं 13. 639*.3pr. आकाशात्प्राणिनामेते 12. 177. 22. आकाशादपि वा राजन् 12. 125.6%. आकाशादभवद्वारि 12. 175. 14". आकाशादीरितां दिव्यां 6. App. 4. 243 pr. आकाशादेति याति च 1. 602*.8 post. आकाशानुगतत्वाद्धि 12. 180.5*. आकाशान्तरगामिनीम् 4. App. 4C. 6 post. ; App. 4E. 6 post. ; App. 4G. 6 post. आकाशान्ते पुनर्जलम् 12. 175. 281. आकाशान्मेदिनीतलम् 12. 324. 22. आकाशान्मेदिनीं प्राप्तः 13. 116.554 भाकाशे गरुडानिव 8. 31. 45". आकाशे च गतिः सदा 6. 16.9. आकाशे चत्वरे वापि 13. App. 14. 405A 31 pr. आकाशे च मनोनुगे 12. 335. 13. आकाशे च स्थितः पूर्व 12. App. 17A. 156 pr. आकाशे तिष्ट तिष्ठति 5. 108. 13. आकाशे ददृशे चैव 1. 446*. 4 pr. आकाशे दहशे ज्योतिः 12. 221. 11'. आकाशे दर्शयामास 6.74*.5 pr. आकाशे दुन्दुभीनां च 1. 114. 386. आकाशे देशमासाद्य 3. 63.90. आकाशे देवमानुषे 13. App. 11. 177 post. आकाशेन जगाम ह 2. App. 21. 202 post. भाकाशे नागमद्भुतम् 1. 40. 24. आकाशेनैव योगीशः 12. 338. 11. आकाशे पततस्तदा 3. 23. 32. आकाशे पतमानस्तु 12. App. 17C. 32 pr. आकाशे पर्यवर्तत 4. App. 53.8 post. आकाशे प्रत्यदृश्यन्त 7. App. 24. Do pr. आकाशे भरतश्रेष्ठ 7. 903*.2 pr. आकाशे महतीं गदाम् 3. 157.58. आकाशे मा पराक्रम 13. App. 8. 30 post. आकाशे वा अप्सु चैव क्रमः स्यात् 5. 47. 80". आकाशे विद्रुमे पुण्ये 9. 4. 49". आकाशे विहता गतिः 12. 324. 154. आकाशे वृत्रभूते च 14. 11. 154. आकाशे शब्द एव च 6. 6. 6'. आकाशे समजायत 7.7. 33.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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