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________________ अग्रे जग्मुर्नराधिप] महाभारतस्थ [अङ्गदोषकरा ये तु अग्रे जग्मुर्नराधिप 9. 45.57d. अग्रेदिधिषुरेव च 12. 35.4" अग्रे पुढे च संसक्ताः 8. 2. 199. अग्रे प्रयान्तु नगरं 4. 1056*. 1 pr. अग्रे प्रस्थाप्य यानैः सः 3. 261. 356. अग्रे बभूवुः कृष्णस्य 5. 129.9". अग्रे भवन्तं दृष्ट्वा नः 7. 5. 30deg. अग्रे यातः परंतपः 10.9.14. अग्रे याति परंतपः 11. 17. 10. अग्रे यात्वा रणे शूरः 10. 47*. 3 pr. अग्रे राज्ञो ययुस्तदा 2. App. 37. 17 post. अग्रे रेतः कुरूत्तम 3. 214. 15. अग्रे वयसि वर्तन्ती 13. App. 20. 87 pr. अग्रे सर्वेषु यज्ञेषु 12. 136*. 1 post. अग्रे सैन्यस्य मानद 8. App. 5.52 post. अग्र्यमग्रे प्रतिज्ञाय 1. 104.20.3.287.24. अग्यं रथं सुयन्तारं 7. 122. 84. अग्र्यः प्रहरणानां च 12. 160,836. अग्र्यः सर्वेषु वेदेषु 13. 90. 28. अग्र्या गृष्टयो धेनवः सुव्रताश्च 13. 94. 15. अग्र्यानुग्रहकाङ्गिणे 1. 104.30. अग्या बुद्धिर्मनसा दर्शने च 13. 18. 50". अग्र्या भवति संततिः 13.57.23d. अग्र्याः परमसंपदः 3. 159.18. अग्र्यो मोक्षविदुच्यते 14. 46. 394. अग्र्यो हि ब्राह्मणः प्रोक्तः 12.74.29. अघमेवाभिवर्धते 7. App. 8. 903 post. अघातयं च यत्कणे 12.27. 1. अघायुरिन्द्रियारामः 6. 25. 160. अघृणा किं नु वक्ष्यामि 1. App. 48. 98pr. अघृणी च पुनः पुनः 1. 155. 18. अघोरघोररूपाय 12. APP. 28. 214 pr. अघोषयत्तदा चापि 14.69.20%. अघोषयन्त पुरुषाः 16. 3. 2:20. अघोषयश्च नगरे 16.2. 17. भनन्देवान्सगन्धर्वान् 2. App. 216.31 pr. अन्या इति गवां नाम 12.254. 450. भघ्राणमवितर्कं च 12. 197. 18. अङ्कमानीय धर्मात्मा 3. 144, 9. अङ्कमारुह्य मन्दायाः 7. 397*. 2 pr. अङ्कमारोपयत्तदा 6. 426*.2 post. अङ्कमारोपयामास 3.44. 21. अङ्कमारोप्य तं पुत्रं 14. 68.59. अङ्कमारोप्य तं बालं 3. 293.78. अङ्कमारोप्य पाञ्चालीं 1. 1700*. 3 pr. अङ्कयामास वत्सांश्च 3. 229. 50. अङ्कितः स्वैः शुभैः पुण्यैः 14. 17. 28. अङ्कुरं तं स कृतवान् 1. 39. 10% अङ्कुरात्वर्णसंभवः 13. 36*. 1 post. अङ्कुराधास्तथा वाः 13. 91. 40". अङ्कुशं शौचमित्याहुः 1. App. 81. 40 pr. अङ्कुशाङ्गुष्टचोदिताः 9. 18.9". अङ्कुशाङ्गुष्टनुदितः 6. 91. 52f. अङ्कुशानां च विभ्रमैः 6. 399*. 3 post. अङ्कुशेन च वीर्यवान् 7. 228*.5 post. अङ्कुशेन समाचरन् 7. 25. 26'. अङ्कुशैरपविद्वैश्च 6. 110. 16. 7. App. 21. 9 pr. अङ्कुशैरभिचोदितान् 7. 65. 10. अङ्के कुरु व राजानं 5.62. 31". अङ्केनाच संक्रम्य 12, 149. 3. अङ्के निवेश्य मुदिता 1. App. 116. 2 pr. अङ्के शिरः समाधाय 12. 149. 65%. लक्षश्च ताः सर्वाः 3. 229. 4. अङ्कोल गिरिकर्णी च 14. App. 4. 1646 pr. अकोलास्तिलतिन्दुकाः 2. App. 21. 1303 post. अकोलैरतिमुक्तकैः 1. App. 114.5. post. अङ्कोलैश्च सुपुष्पितैः 1. 199. 41". अङ्कोलैः करवीरैश्च 2. App. 15. 21 pr. अङ्गचूडः शिखावर्तः 2. 10. 16. अङ्गदस्त्वथ लङ्कायाः 3. 268.7. अङ्गद कृतकर्माणं 3.275.5. अङ्गदं नाम पर्वतम् 2. App. 39. 210 post. अङ्गद पञ्चभिवाणः 7. 181*. 1 pr. अङ्गद रावणात्मजः 3.272. 16. अङ्गदान्यथ चित्राणि 6. 83. 14. अङ्गदी बद्धमुकुटः 3.290.8.6.93. 20%. अङ्ग दुर्योधनं कृष्ण 5. 122.3. अङ्गदे कुण्डलानि च 1. 110. 364. अङ्गदे मुकुटं क्षत्तः 1. App. 108. 8 pr. अङ्गदैर्हस्तकेयूरैः 11. 16. 22". अङ्गदैः कुण्डलैर्निकैः 7. 129. 27. अङ्गदैः पारिहार्यश्च 5. App. 12. 21 pr. अङ्गदो दशभिर्बाणैः 7. 181*. 2 pr. अङ्गन्दोऽभिमुखः शूरं 7.21. 36". अङ्गदो रजनीचरान् 3. 268. 100 अगदोषकरा ये तु 13. App. 15. 1899 pr. -22 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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