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________________ अग्र एव महाभूतं] श्लोकपादसूची [ अग्रे चक्रे धनंजयम् अग्र एव महाभूतं 12.224.33%. अग्रगं धार्तराष्ट्राणां 8. 46.50. अग्रजस्यारिमर्दन 15.22. 14. अग्रज द्विजसत्तम 14. 53. 11'. अग्रज सर्वभूतानां 6.63. 100. अग्रजः प्रथमोत्पन्नः 12. App. 15.98 pr. अग्रजातेति तां कन्यां 1. 104. 30. अग्रजो बलसंमत्तः 4. App. 19. 30 pr. अग्रणीग्रामणीः श्रीमान् 13. 135. 370. अग्रणीयः कृतः पूर्व 13. 24. 190. अग्रणीः शत्रुतापनः 8.20.25. अग्रतश्च गजानीकं 7. 102.74. अग्रतश्च सहस्रशः 5. 197. 17. अग्रतश्चाभवत्प्रीतः 12.338. 12. अग्रतश्चैव मे पश्य 12.326. 490. अग्रतत्र्यवनस्य तत् 13.53. 20%. अग्रतस्तस्य गच्छन्ति 8.50. 45deg. अग्रतस्तस्य भगवान् 3. 221.5". अग्रतस्तस्य सा शक्तिः 3. 1073*.2pr. अग्रतस्तु द्विजं कृत्वा 3. 198. 16. अग्रतस्त्रिदिवं गतान् 17. 3.5*. अग्रतः पर्यवस्थितान् 8. App. 18. 69 post. अग्रतः पादुके कृत्वा 3. 275. 61. अग्रतः पुण्डरीकाक्षं 7.76. 38. अग्रतः पुरुषानीकं 12. 101. 40"; 231*. 1 pr. अग्रतः पृष्टतश्चैव 3. 221. 23. अग्रतः पृष्ठतोऽपि वा 13. App. 14. 205 post. अग्रतः प्रहसन्वाक्यं 2.457*.3 pr; App. 32.22. अग्रतः सर्वसैन्यानां 6. 16. 30%; 83.60395. 286,31; 104. 11.7.63, 19%; 64. 10. अग्रतः सूतपुत्रस्तु 4. 47. 190. अग्रतः स्यन्दनानीकं 7. 102.90%. अग्रतो देवदूतस्तु 18.2. 16". अग्रतो धर्मराजस्य 12. 38. 40*. अग्रतो ब्राह्मणान्कृत्वा 14. 63.8. अग्रतो मे कृतो राजा 8. 31.7. अग्रतो लक्षये यान्तं 7. 173. 4. अग्रतो वासुदेवस्य 5. 92. 336. अग्रतो ह्यस्य पाञ्चालाः 2. 156*. 1 pr. अग्रदाताग्रभोगी स्यात् 13. 101. 620. अग्रपादस्थितं चेमं 15.29. 174. अग्रभिक्षां च यो दद्यात् 14. App. 4. 911 pr. अग्रभक्ष्यमयाचते 14. App. 4. 915 post. अग्रभोज्याः प्रसूतीनां 13. 35. 9". अग्रमग्रे प्रतिज्ञाय 1. App. 43.6 pr. अग्रमुत्क्षिप्य निक्षिपेत् 13. 100. 144. अग्रशाखाग्रसलीनान् 1. 1300*. 2 pr. अग्रसत्तांस्तथाभूतं 10. 17*. 1 pr. अग्रसत्ताशरोत्तमान 7.75. d. अग्रसत्प्रतिपत्तिमान् 12. 135. 134. अग्रसत्सात्यकिः प्रभो 7. 117.24". अग्रसत्सुमहायशाः 7. 106.24. अग्रसत्सूतपुत्रस्य 7. 150.56. अग्रहस्तप्रमुक्तेन 14. 75.7. अग्रहस्तेन दन्ताभ्यां 13. App. 1A,256 pr. अग्रहारं च दास्यामि 3.65.36. अग्रहीलक्षणं स्त्रीणां 5. 193. 376. अग्रहीम धनं बहु 4. App. 46. 24 post. अग्रानी के भीमसेनो 5. 149. 500. अग्रानी के व्यपोथयत् 7. 88.10; 90.74. अग्रानीके व्यवस्थितौ 7. 63. 200. अग्रान्नं यस्तु वै दद्यात् 14. App. 4. 921 pr. अग्राम्यचरितां बुद्धिं 12. 94. 300. अग्राम्यपचनं काले 13. App. 15. 602 pr. अग्राम्यसमवच्छन्नैः 1. 176. 21". अग्राम्यसुखभोगाश्च 13. 132. 13. अग्रासनो जितक्रोधी 13. 487*. 1 pr. अग्राह्यमचलं शुद्ध 13. 151*. 14pr. अग्राह्यमनिबद्धं च 13. 147.. अग्राह्यममृताशिनं 14.50. 314, 334. अग्राह्यमव्यक्तमवर्णमेकं 12. 194. 23. अग्राह्यमिन्द्रियैः सर्वैः 13. App. 15. 4114 pr. अग्राह्यश्चक्षुषा सोऽपि 12. 19. 196. अग्राह्यं गुणगोचरम् 13. App. 5. 63 post. अग्राह्य येन जानन्ति 12.604*. 1 pr. अग्राह्यं शश्वदक्षरं 14.91*. 1 post. अग्राह्यः शाश्वतः कृष्णः 13. 135. 200. अग्राह्यावृषिशार्दूल 12. 302. 144. अग्राह्याश्चाप्रताश्च 12. App. 29D. +7 pr. अग्राह्यो निर्गुणो नित्यं 12. App. 1718.67 pr. अग्राह्योऽमृतो भवति 14.50.336. अग्राह्यौ पुरुषावेतौ 12.210. 10. अग्रिमाणां क्षितिभुजां 12. 40*. 2 pr. अग्रे गत्वा परंतपः 9.64. 16. अग्रेऽग्रणीर्यास्यति नः 6. 19.9. अग्रे चक्रे धनंजयम् 6. 46. 41". -21
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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