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________________ असमस्तैः समस्तैश्च ] श्लोकपादसूची [ असंख्येयगुणो वीरः असमस्तैः समस्तैश्च 12. App. 15. 1873 pr. असमं मातरिश्वनः 12. 151. 13. असमागम्य भीष्मेण 5. 158. 120; App. 10. 1 pr. असमागम्य सर्वतः 12.224. 414. असमाप्ते ततस्तस्य 1. 126. 100. असमाप्ते तथा शौचे 13. App. 10. 71 pr. असमाप्ते परित्यज्य 12. 277.21. असमाप्तौ च यज्ञस्य 14. 95. 34". असमिद्धः प्रशाम्यति 12. 17.5. असमीक्ष्य प्रणीतस्तु 12. App. 2. 47 pr. असमीक्ष्य सदाचारैः 5. 126.7. असमीक्ष्यैव कर्माणि 12. 250. 9. असमीक्ष्यैव दाशार्हः 5. 83. 18d. असमुच्छिद्य चैबैनान् 12. 104. 4". असमृद्वान्समृद्धार्थः 3. 226. 14. असमृद्वास्त्वपि सदा 12.268.56. असमेत्य त्वया भीरु 3. 1342*. 1 pr. असमे भरतर्षभ 4. 363*. 1 post. असम्यक्च प्रतिग्रहः 12. 37. 32. असम्यक्चै यहत्तं 12. 37. 320. असम्यगनुदर्शनम् 12.293. 46". असम्यगायतो भूयः 12. 150.30deg. असम्यगुपयुक्तं हि 5. App. 1. 1 pr. असम्यग्दर्शने रतः 12. App. 29B. 232 post. असम्यग्दर्शनैःखं 12. 212. 14. असम्यबा महाभागाः 15. 14.36. असयः प्रत्यदृश्यन्त 7. 162. 12. असयः शक्यो भीमाः 3.43. 4. असयः शक्तिमुशल- 3. 83*. 1 pr. असयोऽत्र कपालानि 5. 139. 390. असरूपम्तथोच्यते 12. App. 29A. 47 post. असर्गप्रलयात्मकः 12. 291. 40deg. असर्गः सर्गमात्मनः 12. 293. 476. असर्वः पञ्चविंशकः 12. 294. 49". असहन्नी वसुंधरा 14.57. 25. असहन्ती विधारणे 9. 43. 9. असहन्तोऽभियानं तत् 3. 17. 9. असहायवता तात 12. 116. 13. असहायवतो यर्थाः 12. 267*. 1 pr. असहायश्च मे सुतः 7. 157.5. असहायस्य धीरस्य 12.25.236. असहायस्य लोकेऽस्मिन् 12. 142.80. असहायः पिता माता 13. 112. 12%. असहायः सहायार्थी 7.50. 46. असहाया नरेभ्यश्च 3. 62.24. असहायाश्च मे पुत्राः 1. 1955*, 4 pr. असहायेन रामेण 3.276. 104. असहायोऽसि कौन्तेय 4. App. 39.3 pr. असहायो हि को राजा 9. 30. 45. असह्यबलविक्रमः 6. 101. 24. असह्यमपि तं भारं 7.51.6. असह्यमसियुद्धाय 6.292*.1pr. असह्यमिति वा मत्वा 10.8.2. असह्यमुवीक्ष्य युगान्तकल्पम् 6.55. 1270. असह्यविक्रान्तमदीनसत्त्वं 7.94.50. असह्यं चाविधां च 7. App. 18.57 pr. असह्यं तमहं मन्ये 7. 122.76%. असह्यं तब शत्रुभिः 5. 155.214. असह्यं ब्राह्मणब्रुवम् 7. 168.25. असह्यं भुवि पातितम् 7. 3. 4. असह्यं मन्यमानास्ते 6.60.44. असह्यं मानवैयुद्धे 9.76*.2 pr. असह्यं शत्रुसंभवम् 2. 45.5. असह्यं सर्वभूतानां 5. 103. 114. असह्यं सात्यकिं मन्ये 7. 1061*. 1 pr. असह्यानि च नीचेन 8. App. 11. 14 pr. असह्यां विनिगृह्य ताम् 12.3.9. असंकल्पितमेव च 13. 115. 14. असंकल्पोऽधितिष्ठति 5. App. 2. 4G post. असंकीणं च यत्पात्रं 14. App. 4. 1192 pr. असंकीर्णाश्च गोत्रेषु 12. App. 19.69 pr. असंक्रन्द्व मना वाचा 7. 118.90. असंक्लेशेन लोकस्य 3. 200. 42. असंख्यातसहस्राणां 12. 127*. 11 pr. असंख्यातः स नित्यं हि 6. 13. 34. असंख्याता भविष्यन्ति 12.65.254. असंख्याता शरास्तदा 4. App. 45.43A post. असंख्यातैः पुरोत्तमैः 13. App. 20. 439 post. असंख्यानि जहार सः 2. App. 21. 1521 post. असंख्यानि ततस्ततः 2. App. 12.84 post. असंख्येयगुणं वीरं 3.71.9. असंख्येयगुणः श्रीमान् 1. 126. 5. असंख्येयगुणाजेय 6.61. 450. असंख्येयगुणा रुद्राः 12. App. 28. 380 pr. असंख्येयगुणो भर्ता 3. 62. 274 असंख्येयगुणो वीरः 5. 161. 10% . -259 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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