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________________ अविध्यच्छीघ्रमाचार्यः] श्लोकपादसूची [ अविन्ध्याय परंतपः अविध्यच्छीघ्रमाचार्यः 7. 20.5. अविध्यत भुजान्तरे 7. 141. 3d. अविध्यत महारणे 6. 112.574. अविध्यत महाराज 6. 69. 32. अविध्यत रणे राजन् 6. 104. 48. 7.78.24. अविध्यत शरैस्तत्र 13.111.2. अविध्यत शिनेः पौत्रं 7.91. 30%. अविध्यत्कङ्कपत्रिभिः 7. 893*. 1 post. अविध्यत्कार्मुकं चास्य 9. 15.62. अविध्यत्कोपयन्भृशम् 7. 47. 14. अविध्यत्तनयस्तव 6. 106. 40'. अविध्यत्तनयं तव 7. 476*.6 post. अविध्यत्तावसंभ्रान्तौ 9. 9. 200. अविध्यतूर्णमभ्येत्य 8. App. 18. 25 pr. अविध्यत्तूर्णमव्यग्रः 6. 69. 18%. 7.67. 18; 78. 3. अविध्यत्रिभिराहवे 8.66. 458. अविध्यात्रिंशता बाणैः 6.57. 21. अविध्यत्रिंशता शरैः 7. 120.78. 8. 33. 17. अविध्यत्त्वरित क्रुद्धः 7. 147. 11'. अविध्यत्वरितो राजन् 7.39.24. अविध्यत्पञ्चभिर्बाणैः 7. 193*.2 pr. अविध्यत्पञ्चभिस्तूर्ण 7. 85.5deg. अविध्यत्परमेषुभिः 4.52. 84.9. 20. 164. अविध्यत्युण्डरीकाक्षः 8. 63.71". अविध्यत्पृथिवीं पार्थः 6. 116. 22. अविध्यत्फलगुनं राजन् 6. 69. 6". अविध्यत्स परंतपः 7. 181*. 1 post. अविध्यत्संगरे सोऽपि 7. 175*. 1 pr. अविध्यत्सात्यकिः क्रुद्धः 7. 145. 38. अविध्यत्साधुदान्तान्वै 7. 92. 32. अविध्यत्सायकैः शितैः 7. 137.84. अविध्यत्सारथिं चास्य 7. 820*.2 pr. अविध्यदजिनं हृष्टः 2. App. 21. 1342 pr. अविध्यदर्कप्रतिमैः पृषकैः 9. 19. 13. अविध्यदर्जुनो नागं 7. 221. 2 pr. अविध्यदश्वान्बाह्वोश्च 4.55. 17. अविध्यदसिचर्मणी 8. 32. 64. अविध्यदाचार्यसुतः 9. 10. 40. अविध्यदिन्द्रजित्तीक्ष्णः 3. 273. 190. अविध्य दिषुभिर्गा 7. 17. Ire. अविध्यदिषुभिः षड्भिः 6.69. 3. अविध्यदेनं दशभिः पृषकैः 7. 115.11. अविध्यदेनं निशितैः शराप्रैः 6. 50. 26". अविध्यद्दक्षिणं भुजम् 7. 101. 65deg. अविध्यदक्षिणे भुजे 8. 45. 84.. अविध्यद्दशभिर्बाणैः 6.69. 23deg. 7. 46.9. अविध्यद्दशभिर्भीष्मं 6. 114 23 अविध्यदशभिः शरैः 8. 32. 70. अविध्यदेवकीपुत्रं 7.28. 4. अविध्य द्वन्ततलयोः 7.78. 29. अविध्यह्राह्मणं संख्ये 7.93.25. अविध्यद्भरतर्षभः 9. 140*. 1 post. अविध्यद्भशसंकुद्धः 6. 60. 1. अविध्यद्रावणिं शरैः 3.278. 194. अविध्यन्न कुलं पट्या 8.32. 61. अविध्यन्नधभिव णैः 4. 32.26. अविध्यन्नवाभिः क्षेमं 7. 20.11. अविध्यन्निशिताश्च 7. 146*.2 pr. अविध्यन्निशितैर्वाणः 6. 43. 20'; 65. 22. 7. 636*. 1 pr. 9. 20. 15. अविध्यनिशितैः शरैः 7. 91.6. अविध्यन्मागधो वीरः 7. 91. 32. अविध्यन्मां पञ्चभिद्रोगपुत्रः 8. 47.6". अविध्यपमरेऽन्योन्यं 6.75.32. अविध्येतां पुनः पुनः 7. 29. 84. अविध्येतां महारथी 7.819*.5 post. अविध्येतां महावेगैः 7. 29. 3. अविश्येतां मुदान्विती 7.74. 18. अविनाशं संजय पाण्डवानां 5.29. 1". अविनाशितु तद्विद्धि 6.21.176. अविनाशिस्वरूपं च 6. 115*2pr. अविनाशी तथा नित्यं 15.42.7. अविनाशेन लोकत्य 5.20. 14". अविनाशोऽस्य सत्त्वस्य 12. 13. 6. 14. 13.50. अधिनीतमन्यं तत् 12.94.2. अविनीतश्च दुधात्मा 4.20.256 अविनीतः सुदुष्टात्मा 4. 401*.7 pr. अविनीतेन सर्वथा 5. 481*. 1 p st. अधिनी तेषु लुब्धेतु 12. 276.54. अविन्दन्यापमात्मनि 1. App. 72.33pst. अविन्दन्सुखमण्यपि 12. 59:*. 3 post. अविन्दमानास्त्वथ शर्म संख्ये 7.14.2. अविन्दं वै गुहागताम् 12. 330.5'. अविन्ध्यवचनादहम् 3.266.64'. अविन्ध्यः पापनिश्चयम् 3.278.28. अविन्ध्याय परंतपः 3.275. 30'. -235 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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