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________________ अविन्ध्यो नाम मेधावी ] महाभारतस्थ [अविषह्यतमं मत्वा अविन्ध्यो नाम मेधावी 3. 264.550. अबिन्ध्यो नाम सुप्रज्ञः 3.275.6. अविन्ध्यो रावणं तदा 3.273. 32. अविन्ध्यो हि महाबाहो 3. 266, 6". अविपश्चिद्यथा वाक्यं 7. 168.5". अविप्रणाशः सर्वेषां 15. 42.4". अविप्रमुक्तो निरये च दैत्य 12. 271. 41. अविप्रवासस्तस्येष्टं 13. App. 15. 539 pr. अविप्रेक्षन्नसंभ्रान्तः 13. App. 10. 113 pr. अविप्लुतब्रह्मचर्यः 14. App. 4. 464 pr. अविप्लुतब्रह्मचर्यैः 14. App. 4. 490 pr. अविब्रुवन्ती किंचित्तु 1. 78. 25". अविभकमेतद्भवतां 4. 1111*.9 pr. अविभक्तं च भूतेषु 6. 35. 16. अविभक्तं विभक्तेयु 6. 40. 20. अविभागगता बुद्धिः 12. 240. 10. अविभाव्यतनुविभुः 13. App. 3A. 85 post. अविभ्रान्ताः श्रियं दधुः 7.7. 10. अविमुक्तं चरिष्यामः 12.29. 13. अविनुक्तं समासाद्य 3. 419*. 1 pr. अविमुक्तोऽय पश्यसि 13. App. 3A. 153 post. अविमृश्य प्रदेशिन्या 4. 14. 12deg. अविमृश्य महाभागः 12. 707*.2 pr. अविमृश्यानुवर्तते 5. App. 1. 4 post. अविमृश्यैव च ततः 13 111.220. अविमोक्षात्पुनर्भवः 12. App. 29D. 211 post, अवियातो विधातस्य 4. 36. 11. अविरुद्धम्ततस्तस्य 12.271*.2 pr. अविरुद्धं च चेष्टितम् 4. App. 4F. 16 post. अविरुद्ध प्रभावते 12. 308. 94. अविरुद्वां त्रिवर्गेण 12. 136. 2070. भविरोधः परस्परम् 13. 379*. 3 post. अविरोधी तु यो धर्मः 3. 131. 10. अविरोधेन धर्मख 1.72. 150; 80.6". भविरोधेन भूतानां 12.260. 10. अविरोधेन सर्वेषां 2. App. 16.5pr. अविलम्बनकारणात् 1. App. 76.9 post. अविलम्बितमित्येवं 13. 317*. pr. अविलुप्यागमं कृत्स्नं 14.99. 11". अविलोपमिच्छतां ब्राह्मणानां 5. 28.5. अविलोपेन धर्मस्य 1. App. 75. 12A 1 pr. 5. 88. 101". अविवादोऽस्तु युवयोः 12. 192.75, 76". अविवाह्या हि राजानः 1.76. 17. अविवित्सानसूया च 12. 151, 16. अविवेकम्तथा मोहः 12.212. 286. अविवेकं तु केचन 12.230.5". अविकेन वाक्यस्य 2.61. 12. अविशङ्कश्च कुशिकः 13.52. 320. अविशङ्को नरपते 13.55. 23". अविशिष्टाश्च देवानाम् 1. 158. 44. अविशुद्धमनोमलाः 13. App. 19.15 post. अविशेषकरो यस्मात् 6. 7. 13. अविशेषगुणागुणः 12. 158.7". अविशेषमचूर्णयत् 7. 189*. 1 post. अविशेषाणि चान्यानि 14. 42. 16". अविशेषाद्विजन्तः 1. 189.6. अविशेषान्नियच्छति 12. 198. 178. अविशेषाश्च सन्त्युत 2. 19. 45. अविशेषेण चैव त्वं 7. App. 8. 126ATpr. 12.249. 20% अविशेषेण तस्याहं 3. 197. 29. अविशेषेण विन्दति 12. 130.8. अविशेषेण सर्वेषां 2. 12.7. अविश्रमं च शिक्षां च 4.53. 574 अविश्रम्भेषु वर्तन्ते 12. 261. 12". अविश्रान्तमनालम्बं 12.316. 340. अविश्रान्तमवर्तत 2. 21. 17t. अविश्वमिति तं विदुः 12. App. 29D. 40 post. अविश्वसन्न व्यसनी 13. 202*. 1 pr. अविश्वस्तेषु सर्वेषु 12. 139. 4". अविश्वासकथामेतां 12. 137. 3. अविश्वासश्च सर्वत्र 12. 81. 10. अविश्वासः परो मतः 12 136. 187'. अविश्वासः सुखावहः 12. 137. 24. अविश्वासः सुखोदयः 12. 137.66%. अविश्वासः स्वयं चैव 12.58. 11. अविश्वासात्परं हन्ति 12.324*. 1 pr. अविश्वासानस्य च 3. 146. 36%. अविश्वासो नरेन्द्राणां 12. 86. 33. अविश्वास्यं बुधैर्नित्यं 4. 1074*. 4 pr. अविश्वास्यं हि तं विदुः 12. 65. 11t. अविश्वास्ये विश्वसिषि 12. 220. 44". अविश्वास्योऽवसीदेसः 13. 577*. 1 pr. अविश्वो निष्कलस्तथा 12. 306. 37". अविषण्णश्च तो प्रादात् 1. 1396*. 1 pr. अविषण्णं महात्मानं 7. 165. 17. अविवह्यतमं मत्वा 13. App. 3A. 235 pr. -236 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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