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________________ अग्निचित्याप्रवेशनम् ] महाभारतस्थ [अग्निराशिरिवोद्भासन् अग्निचित्याप्रवेशनम् 13. App. 15. 3775 post, अग्निचित्येषु भारत 6. 272*. 3 post. अग्निजिह्वाश्च भुजगाः 7. 150. 100%. अग्निजिह्वो दर्भरोमा 2. App. 21. 146 pr. अग्निज्वालासमप्रभाम् 14. App. 4. 1732 post. अग्निज्वालासमाभासं 13. 110. 250. अग्निज्वालासमावृतम् 12.314.20f. अग्निज्वालरिवाविद्धा 9. 11. 10. अग्निज्वालरिवाविध्य 9. App. 3.6 pr. अग्निज्वालोज्ज्वलच्छङ्गीं 14. App. 4. 1733 pr. अग्निज्वालो महाज्वालः 13. 17.79%. अग्नितीर्थ ततो गच्छेत् 3. 81. 1190. अग्नितीर्थ महाप्राज्ञः 9. 46. 12. अग्नित्रेता त्रयी विद्या 12.219*. 1 pr. अग्नित्वं विप्रनष्टं हि 3. 207. 10. अग्निदग्ध इव द्रुमः 3.60. 384. अग्निदग्धा इव द्रुमाः 7. 172.234. अग्निदत्तं च ते रथम् 5. App. 11. 29 post. अग्निदत्तं रथं गतः 2. App. 37. 13 post. अग्निदत्तश्च वै दिव्यः 8. 22. 48. अग्निदत्तेन दिव्येन 2. 23.7deg. अग्निदस्य भवेन्नृप 14. App. 4. 2246 post. अग्निदं च निशातयेत् 12. App. 3. 10 post. अग्निदाहान्मयं चापि 2. 44. T". अग्निदाहान्महाघोरात् 1. App. 86.66 pr. अग्निदाहे तु नियतं 1.2147*. 1 pr. अग्निदाहेन चोरैर्वा 12.2:21.77". अग्निदैर्गरदैश्चैव 12.59. 49". अग्निदो गरदश्चैव 4.651*.1pr. 5. 19*. 1 pr. अग्निधारां समासाद्य 3. 82. 127". अग्निना च तथेत्येवं 1.225. 1". अग्निना चोपयुक्तस्य 12. 179. 13. अग्निना तपसा चैव 3. 141. 1. अग्निना तामसं दुर्ग 12. 83. 40". अग्निना तु स्वयमपि 1. App. 95.9 pr. क्षग्निना तेन महता 13. App. 15. 70 pr. अग्निना प्रतिभाव्येन 4.711*.2 pr. अग्निना भगवस्तस्मै 1. 6. 11". अग्निनाभिपरिष्कृतः 3.274. 284. अग्निनाशाक्रियाभ्रंशात् 1.7.14. अग्निनेव गिरिः श्वेतः 11. 19.21. अग्निनेव प्रदग्धानि 6. 45.56". अग्निपुच्छामग्निखुरां 14. App. 4. 1734 pr. अग्निपुत्राय भारत 9. 44. 43d. अग्निपुत्रे सुदर्शने 13. 2. 48. अग्निपो मायिक इव 2. 369*.2 pr. अग्निप्रत्यागतप्राणः 12. 142. 32. अग्निप्रवेशं यश्चापि 14. App. 4. 815 pr., 1441 pr. अग्निप्रवेशनं चेच्छेत् 13. App. 15.3796 pr. अग्निप्रवेशे नियतं 13.57. 16. अग्निप्रस्कन्दनपरः 1.79.23; 830*.7 pr. अग्निबाधादिवर्जितम् 18. App. 1. 17 post. अग्निभावो यथा भवेत् 12. App. 21. 41 post. अग्निभिर्निचितां महीम् 3. 129.5. अग्निभूतं तदा व्योम 12. App. 29C. 137 pr. 13. App. 3. 324 pr. अग्निभृत्यातिथिस्तथा 13. 24. 69. अग्निभ्यश्च परं नास्ति 13. App. 3A. 4 pr. अग्निमध्यगतेनेदं 13.54. 37. अग्निमध्यं प्रविष्टं तं 12. 142. 420. अग्निमध्ये गवां मध्ये 13. 80. 410. अग्निमध्योद्भवां दिव्यां 14. App. 4. 1732 pr. अग्निमारुततोयानां 12. 175. 300. अग्निमारुततोयेभ्यः 12. 175.29. अग्निमारुतवद्राजन् 5. 167.7. अग्निमारुतसंयोगात् 12. 175, 14. अग्निमालभ्य तोयेन 13. 486*. 1 pr. अग्निमालां यथाचलः 7. 150.8d. अग्निमाहुतिभिस्तथा 7. 58. 13. अग्निमाहूय लोककृत् 1. 7. 17'. अग्निमिद्धमिव प्रभुम् 5. 82. 19'. अग्निमिद्धमिवोद्यतम् 1. 26. 8. अग्नियोगवहो ग्रीमे 13. 130. 434. अग्नियोगं व्रजन्ग्रीमे 13. App. 15. 654 pr. अग्निरों विषं शस्त्रं 1. 24. 4". अग्निराकाशमेव च 6.6.4. अग्निराग्रयणो नाम 3. 211. 136. अग्निराङ्गिरसश्चैव 3. 210. 1. अग्निरात्मभवं प्रादात् 3.54. 30". अग्निरात्मा च माता च 12. 281.220. अग्निरापस्तथाकाशं 3.275.24. अग्निरापस्तथा च भू: 3. 201. 16. अग्निरापस्तथा देवः 12. App. 28.344A2 pr. अग्निरापस्तथा मही 12.794*. 1 post. अग्निरापोऽनिलः पृथ्वी 13. App. 5. 17 pr. अग्निराशिरिवोद्भासन् 1. 20.5*.. - 16
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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