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________________ अगुरूत्तमवासितैः] श्लोकपादसूची [अग्निचित्कपिला सत्री अगुरूत्तमवासितैः 1. 176. 21". अगूढविभवा यस्य 12. 57. 310. अगृहीतान्यनुस्मृत्य 8. 1.30. अगृह्णतां भारतमुख्य पादौ 1. 183. 54. अगृहाच्च वरं तस्मात् 3. 107. 25. अगृह्णाच्यवनः सोमं 3. 124. 8. अगृहात्परिरभ्यैनं 1. App. 93.33pr. अगृह्णात्याणिना पाणिं 3. 13. 93. अगृह्णात्पितरं तदा 6.251*.3 post. अगृह्णात्फल्गुनात्मजः 7. 292*. 4 post. अगृहात्स पितुस्तदा 1. 143. 33. अगृह्णात्सर्वमेव तत् 2. 3. 16. अगृह्णात्स वरानिमान् 2. App. 21. 387 post. अगृह्वात्सुरभिस्तदा 13. App. 9.44 post. अगृह्णादरणीसुतः 12. 314. 28. अगृह्णाद्यज्ञभूत्यर्थ 2. App. 12. 91 pr. अगृह्णाद्रथिनां रथी 11.27. 16. अगृहाब्यथितो भृशम् 7. 131. 400%; 150. 42d. अगृहीतां च चरणौ 8. 69. 10. अगृहीतां वरं ते तु 3. 170.70. अगृह्यानुनयं तस्य 12.112. 860. अगोचरत्वं वचसां 12. App. 19.212pr. अगोत्रचरणो मुनिः 1. 86. 12. अगोपमिव चोहान्तं 6. 15. 49. अगोपा गाः समागताः 1.705*.2 post. अगोपाश्चागता गावः 1.71. 28. अगोपाः पशवो यथा 12. 68. 13d. अगोपाः पशवोऽरण्ये 7.70.236. अगोपाः स्वं निवेशनम् 1. 71. 27. अगोप्तारश्छलद्रव्याः 13.24.784. अगोप्स्यं तं महारणे 7.353*. 1 post. अगोमी गोप्रदातॄणां 13. 70. 36. अग्नयश्च तथैव हि 13. App. 14. 221 post. अग्नयश्च न भासन्ते 4. 41. 20. अग्नयश्च महायशाः 13. App. 14. 221-224A 1 post. अग्नयश्च विराजन्ते 1. App. 103.95 pr. अग्नयश्चापि हूयन्तां 5. 192. 12. अग्नयस्तस्य कुप्यन्ति 13. App. 14. 328 pr. अग्नयस्त्रिदशाश्चैव 13. App. 15. 1376 pr. अग्नयः कारयित्वेष्टिं 15. 47. 2. अग्नयः पार्थ तुष्यन्ति 3. App. 21A. 45 pr. 14. App. 4. 943 pr. अग्नयः सहदेवेन 3. 88.60. अन्नयः सुहृतास्त्वया 7.52.28. अग्नयो ऋषयम्तथा 14. App. 4. 1241 post. अग्नयो दश भामिनि 14.53*. 6 post. अग्नयो नात्र संशयः 13. App. 14. 407A2 post. अग्नयो नैव दीप्यन्ते 12. App. 28. 89 pr. अग्नयोऽप्यनुगच्छन्ति 13. App. 14. 407A 1 pr. अग्नयो मांसकामाश्च 3. 199.94. अग्नयो वेदपारगैः 15.24.17. अग्नावग्निमिवाधाय 11.23. 41". अग्नावग्निरिवाहितः 13. 42. 29. अग्नावग्निरिव न्यस्तः 7. 171. 3. अग्नावेनां परिक्षिप्य 1. 180.7deg. अग्निकन्यापुरे वसेत् 13.123*. 1 post. अग्निकल्पान्प्रबाधितुम् 5.56. 39". अग्निकल्पैर्दुराधर्षेः 7.87.50%. अग्निकल्पैः प्रहारिभिः 5. 88. 45. अग्निकाम इवारणिम् 1. 750*. 1 post. अग्निकार्यचिकीर्षया 1. 206. 12. अग्निकार्यपरा नित्यं 13. 131. 450; App. 3A. 422 pr. अग्निकार्यपरो नित्यं 13.131*. 1 pr. अग्निकार्य कृतं तेन 13. App. 14. 280 pr. अग्निकार्य च कर्तव्यं 13. App. 11. 31) pr. अग्निकार्य व्यहं कुर्यात् 13. AP1. 14. 333 pr. अग्निकार्य परं हि यत् 13. App. 14. 335A 14 post. अग्निकार्य परो धर्मः 13. App. 15. 484 pr. अग्निकार्य स कृत्वा तु 1. 206. 16. अग्निकार्याणि समिधः 13. 102.11. अग्निकार्यार्थमेव च 13. App. 15.644 post. अग्निकार्येषु वै तेषां 13. App. 14. 131 pr. अग्निका लक्षणा क्षेमा 1. 114.51'. अग्निकुण्डमिति ख्यातं 13. APP. 15.2704 pr. अग्निकुण्डात्परमन्त्रः 14. App. 4. 1968pr.. अग्निकुण्डात्समुत्थितः 5. 149. 20. 12. App. 28. 140 post. अग्निकुण्डात्समुद्भूता 4. 357*.2 pr. ; 1134*. ' pr. अग्निकुण्डानि शुभ्राणि 6. 50. 50*. अग्निकुम्भं च दारुणम् 13. 112. 81. अग्निकोपप्रसादीयः 12. App. 28. 344A 1 pr. अग्निग्रीवां ज्वलत्प्रभाम् 14. APP. 4. 1735 post. अग्निचक्रमिवाविद्धं 4. 19, 120.6.50. 39.7.637*. 1 pr. अग्निचक्रवदाघूर्णन 8. 15*. 2 pr. अग्निचक्रोपमं घोरं 4. 43. 340. 7. 114. 230. अग्निचित्कपिला सत्री 14. App. 4. 2480 pr. - 15 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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