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________________ अग्निरास्यं क्षितिः पादौ] श्लोकपादसूची [ अग्निष्टोममवाप्नोति अग्निरास्यं क्षितिः पादौ 3. 187.. अग्निरास्यादजायत 5. 129.. अग्निरित्येव तत्पाहुः 13. 85. Gr". अग्निरिन्द्रश्च सोमश्च 8.63. 30%. अग्निरीशः प्रजापतिः 13. 81.794. अग्निरूपाय कान्ताय 13. App.6.28 pr. अग्निरेकोऽथ वीर्यवान् 3.209.34. अग्निरेव धृतव्रत 12. App. 295. 411 post. अग्निरेव महाबल: 3. 1049*. 1 post. अग्निरेष महार्चिमान 5.96. 180. अग्निरोमप्रभान्विताम् 14. App. 4. 173 post. अग्निहपतिर्नाम 3. 212. 40. अग्निर्जस्यते चापि 12. 177.21. अग्निर्जरयते चैव 12. 179.. अग्निर्जे यो गृहपतिः 12. 260. 26deg. अग्निज्योतिरहः शुक्ल: 6.30.24". अग्निर्ददातु मे तेजः 2. App. 14.bpr. अग्निदहजातवेदाः सतां गृहान 3. 181.27". अग्निदहति तेजोभिः 1. 605*. 17. अग्निदहेत्तथा सेनां 7.61. 46. अग्निदारुगतो यद्वत 12.203. 396. अग्नि.स्पर्शनश्चासि 2. 302*. 2 pr. अग्निर्नश्यत्यभोजनात् 12. 179.8d. अग्निर्निश्यवनो नाम 3. 209. 12. अग्निब्रह्मा पशुपतिः 13.85.51". अग्निब्राह्मणरूपेण 4. 47*. 1 pr. अग्निभूतपतिनित्यं 14. 43.8. अग्निभूतादिरियते 14. 44. 4. अग्निभूत्वा दहते विश्वरूपः 13. 143. 33deg. अग्नि त्वा नैगमेयः 3. 215. 230. अग्निभूत्वा महानृषिः 3. 207.24. अग्निमध्यं भवेद्राजन् 14. App. 4. 3189 pr. अग्निमित्रो योनिरापोःथ देव्यो 3. 114. 250. अग्निर्मुखं पुरोधाश्च 12. 139.51". अग्निर्यच्छति भूतानि 3.211. 220. अग्निर्यथा ह्युपायेन 12. 569*. 1 pr. अग्निर्यदा त्वेक एव 3. 207. 34. अग्निर्यस्तु शिवो नाम 3. 211. ". अग्निर्वनमुपागतः 3. 213. 494. अग्निवरुण एव च 12. 327.84. अग्निवारणसूचितः 13. 84. 35. अग्नि देवताः सर्वाः 14.24. 100. अग्निर्वैश्वानरस्तु सः 3. 211. 164. अभिवैश्वानरः पूर्वः 8. 408*. 1 pr. अग्निवैश्वानरो मध्ये 14. 20. 18. अग्निहि देवताः सर्वाः 13. 83. 36%; App. 15.3244 pr. अग्निहि प्रमदा दीप्तः 13.40. 4. अग्निहिमस्य भैषज्यं 3. 297. 47. अग्निलोकमवाप्नोति 3. 81. 119". अनिलोके महीयते 13.78. 124 App. 15. 3285 post. अग्निवञ्चोपचर्या वै 13.8.22. अग्निवत्समरे तात 5. 163.2203; 166. 16. अग्निवद्देववच ह 4. 4. 16. अग्निवर्ण महावेग 6. 9. 16. अग्निवर्णा जटाम्तात 12.310.25%. अग्निवर्गा यथा भासः 6.3.21". अग्निवर्णस्तु संदंशैः 14. App. 4.550 pr. अग्निवर्णो ज्वलन्धीमान 13. 114. 250. अग्निशाभयं विद्यात् 2. App. 27. 4 pr; App. 28. 38 pr. अग्निवेगवदः प्राणः 3. 203. 250. 12. 178. 136. अग्निवेश्य इति ख्यातः 1. App. 80. 18 pr. अग्निवेश्यम्तदा द्रोणं 1. 1337*. 2 pr. अग्निवेश्यं महाभागं 1. 121.64. अग्निवेश्या जगत्तुण्डा 6. 46.51". अग्निवेश्यादुरुर्मम 1. 158. 27. अग्निवेश्याय धीमते 7.69.66. अग्निवेश्योऽय शौनकः 3. 27. 234. अग्निवेश्यो मम प्रादात् 7. 69.670. अग्निसक्रपितॄणां च 14 App. 4. 1271 pr. अग्निशापादजिह्वापि 13.81. 300. अग्निश्च ते योनिरिडा च देहः 3.563*. 1 pr. अग्निश्च परमां प्रीतिम् 1.7.25. अग्निश्च वडवावक्त्रः 3. 187. 120. अग्निश्चापि मनु म 3. 211. 4. अग्निश्चापोऽभिपद्यते 12. 56. 250; 79. 23. अग्निश्वेयो बहुभिश्चापि यज्ञैः 12. 280. 226. अग्निश्चेतैर्गुणैर्युक्तः 3. 213. 330. अग्निष्टुजातः स मुनिः 1. 121.7". अग्निष्टुतेन च तथा 9. 49. 32". अग्निष्टुनाम इष्टं मे 13. 12. 11". अग्निष्टुन्नाम राजर्षिः 13. 12. 4". अग्निष्टोमप्रभृतिभिः 13. 61. 700. अग्निटोमफलं लभेत् 3. 80. 634,714,734, 1090, 119%; ____81. 151, 42, 574,914, 944, 139; 82. 1154, ___128d%3; 83.8d%3; 430*. 1 post. 13. 110. 94. अग्निटोममवाप्नोति 3. 80.72%; 81. 12deg, 39; 82. 2%, पादसूची-3 - 17 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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