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________________ अरण्यमिदमागतम् ] महाभारतस्थ [ अराजा भोजशब्दं त्वं अरण्यमिदमागतम् 3.61. 1014. भरण्यराट् क्षुधाविष्टः 3.61. 10% अरण्यराडयं श्रीमान् 3.61.300. अरण्यवासाद्दिष्ट्यासि 5. 8. 19". अरण्यवासिनश्चान्ये 13. App. 15. S17pr. अरण्यवासिनः पाथीन् 3.251. 15%. अरण्यवासिनः सप्त 6. 5. 12. अरण्यवासी सुकृते दधाति 1. 86.76. अरण्यवासेन विवर्धते तु 3.225. 185. अरण्यसदृशं मतम् 12.361*. 4 post. अरण्यसंस्थो भवितुं यतात्मा 1. 86.6. अरण्यसंस्थो मुनिव(भूषेत् 5. 37. 354. अरण्यस्यात्य देवता 3. 61.70. अरण्यं घोरसंनादं 1. 173.7. अरण्यं चैत्र सर्वशः 13. App. 9A. 46 post. अरण्यं तेन गन्तव्यं 12. 368*.2 pr. अरण्यं निर्जनं गत्वा 1. 173.6%. अरण्यं नैमिषं प्रति 1. 207.64. अरण्यं ब्राह्मणा विदुः 14.27.25%. अरण्यं भवति पृष्ठतः 1. 86. 134. अरण्यं शुभकाननम् 3. 155.374. अरण्यं सर्वतः सुखम् 4. 1133*. 2 post. अरण्यानुचरो नित्यं 13. App. 10.409 pr. अरण्यामेव सहसा 12.311.7. अरण्ये गृहवासे च 13. 74.27. अरण्ये च वसन्ति ये 2. App. 21. 412 post. अरण्ये चापि वसति 9.206*.3 pr. अरण्ये जटिलोऽजिनी 7. 23. 36. अरण्ये दुःखवसतिः 12.25. 40. अरण्ये दुःखवसतीः 12.41. 4. अरण्ये निःशलाके वा 5. 38. 17. 15.9.22. अरण्ये फलमूलाशी 12.9.4. अरण्ये भीमनन्दिनीम् 3. 61.86". अरण्ये मृगयाशीलो 1. 1. 67. अरण्ये युक्तरूपौ तु 1. App. 79. 18 pr. अरण्ये यो विमुञ्चत 9.4. 31". अरण्ये वसता तात 12.25.2". अरण्ये वसता विभो 13.73. 124. अरण्ये वसतिश्च या 8.61. 13. अरग्थे वसतो यस्य 1.86.9". अरण्ये विचरैकाकी 12. 234.9. अरण्ये विजने न्यस्तं 13. 132. 300. अरण्ये विदितं तब 15. 18.71. अरण्ये विविधाः केशाः 5. 20. 10. अरण्येष्वपि पाण्डव 14. 15. 179. अरण्ये संशितव्रतम् 12.78.14. अरण्ये संशितव्रतः 12. 113. 4. अरण्ये सायपूर्वाह्ने 12. 133. 4". अरण्ये स्वगृहे वापि 13. App. 15. 1122 pr. अरतिर्जनसंसदि 6.35. 100. अरतिश्च विषादश्च 12. 221. 47. अरतिश्चैव तन्द्री च 5. 41. 11'. अरति दर्जयां चैव 12. 289.48". अरतिः क्रोधचापल्ये 12.607*. 1 pr. अरविना चाभिहत्य 3. 154.59. अरत्नीनां सहस्रं च 6.8.210. अरथश्चानिषङ्गी च 9.30. 360. अरयः पविजेतव्याः 13. App. 10. 15 pr. अरयो मे समुत्थाय 12.88. 26". अरविन्दकृतापीडौ 2. App. 21. 781 pr. अरश्मिमथ पश्यतः 13. App. 11. 375 post. अरश्मि संप्रपश्यतः 13. App. 10. 288 post. अरसस्पर्शगन्धं च 13. App. 15.4186 pr. अरसागन्धमव्ययम् 12.231. 17. अराक्षसमिमं लोकं 3.268. 16. अरागद्वेषतः कृतम् 6. 40. 23. अरागद्वेषसंयुक्तः 1. 94. 120. अरागमोहो निद्वः 12. 189. 166. अराजक क्षणमपि 13. App. 15.956 pr. अराजकं जगत्सर्वम् 5. 10. 46. अराजकानि राष्ट्राणि 12.67.6%. अराजकाः प्रजाः पूर्व 12. 67. 17". अराजके जनपदे 1. 402*. 1 pr. अराजके जीवलोके 12. 49. 620. अराजके पुरा त्वासीत् 13. App. 15. 881 pr. अराजकेषु राष्ट्रेषु 12.67.30. अराजके हि लोकेऽस्मिन् 12. App. 2.7 pr. अराजन्यः कथंचन 12.97.74. अराजपुत्रस्त्वमनार्यवृत्तो 5. 147. 34". अराजपुत्रो ह्यस्वामी 5.539*. 1 pr. अराजा किल नो राज्ञः 1. 154.23. अराजा किल नो राज्ञां 1, 128. 11". अराजा चोर्ध्वरेताश्च 5. 145. 19. अराजा तव जातश्च 1. 830*. 19 pr. अराजानं हि रत्नानि 4. 120*.66 pr. अराजा भोजशब्दं त्वं 1.79. 19%. --202 ---
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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