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________________ अयोध्या नगरीमितः] श्लोकपादसूची [अरण्यमनुसंप्राप्तः अयोध्यां नगरीमितः 3. 68. 16'. अयोध्या नगरी गत्वा 3. 68.2. अयोध्या नगरी रम्यां 3. 63. 19deg. अयोध्यां मनुजेश्वरः 1. 168. 144. अयोध्यां व्योम शीतांशुः 1. 168. 18. अयोध्यां शासनात्तव 3.275. 364. अयोध्यां स समासाद्य 3.275.590. अयोनिज इवानलः 3.2. 364. अयोनिजत्वं कृष्णायाः 1. 153. 80. अयोनिजं त्रयं ह्येतत् 5.54. 490. अयोनिजानां दान्तानां 13. 18.56. अयोनिजा महाभागा 3. 1230*.2 pr. अयोनिजायामुत्पन्नः 9.5. 15. अयोनिजा योनिजाश्च 2. 7. 136. 13. App. 15. 210 pr. अयोनिजा लोककान्ता 18. 4. 9. अयोनिजां रूपवतीं 2.72. 134. अयोनिरठ्ययोनिर्वा 13. 28. 190. अयोनिर्विष्णुरीडितः 12. 47.63%. अयोनिश्चेतनावुभौ 12. 204. 36. अयोनि च वियोनि च 13. 107. 1250. अयोनि निर्गुणात्मकम् 14. 24*. 10 post. अयोनीनग्नियोनीश्च 13. 32. 234. अयोबाहुर्महाबाहुः 1. 108.70 ; App. 41. 14 pr. अयोमुखानां क्षुद्रकाणां च त्रिंशत् 8. 818*. 5. अयोमुखाः काकबलाः 13. App. 15. 2660 pr. अयोमुखैश्च काकोलैः 18. 2. 20%. अयोमुखैश्च विहगैः 7. 166. 54. अयोरविर्महाबाहुः 8. 31. 196; 50. 600. अयो हन्ति यदाश्मानं 12. 56. 250. अयोहस्तैः शूलहस्तैः 7. 97. 39deg. अयो हृत्वा तु दुर्बुद्धिः 13. 112. 976. अरक्तमनसां नित्यं 13. 292*. 3 pr. अरक्षन्भयतः प्रजाः 12.72.28. अरक्षन्मकरच्यूह 6.65.40. अरक्षन्व्यूहमात्मनः 6. 65. 44. अरक्षमाणः सततं 12.74.14. अरक्षमाणः स्वां भायौ 13. App. TA. 220 pr. अरक्षश्च सुतान्कांश्चित् 12. 49.55%. अरक्षितात्मा यो राजा 12. 91. 36". अरक्षिता दुविनीतः 12. 25. 186. अरक्षितारं राजानं 1. 2015*. 1 pr. 5. 33. 68". 12. 57. 45. अरक्षितारं हर्तारं 13. 60. 190. अरक्षितारो लुब्धाश्च 3. 188. 330. अरक्षिताश्च युष्माभिः 13. 281*. 3 pr. अरक्षितेषु तेष्वाशु 13. App. 15. 4017 pr. अरक्ष्यमाणं पार्थेन 7. 131.74. अरक्ष्यमाणं शलभाः 7.21.26. अरक्ष्यमाणं हि वृकः 6. 16. 180; 95. 150. अरषमाणः पार्थेन 8. 42. 250. अरक्ष्यमाणः शतधा विशीर्येत् 3.225.27. अरक्ष्यमाणः समरे 6.60.60%. अरक्ष्यमाणान्येतानि 3. 172.210. अरक्ष्यमाणा विधिवत् 12. 49.63. अरजांसि च वस्त्राणि 13. 124.50. अरजांसि च वासांसि 2. App. 21. 1090 pr. 3. 156. 179. अरने वाससी रक्त 3. 218. 31". अरजोम्बरधारिणीम् 1. 94. 30deg. 13. 20. 44. अरजोम्बरसंवीतः 6. 93. 220. अरज्यत जनः सर्वः 4. App. 11. 15 pr. अरञ्जयत्यजा वीरः 3.54.35%. अरणं चैव रोमं च 2. 320*. 1 pr. अरणीगर्भसंभवः 12.311.94 अरणीपर्वणः काले 4. App. 3. 6 pr. अरणीपर्व रूपाढ्यः 1. App. 1. 49 pr. अरणीमग्निकामो वा 12. 82.6". अरणीव हुताशानां 5. 114.6deg. अरणीसहितत्यार्थ 18. 3. 31. अरणीसहितं चेदं 3. 298. 20%. अरणीसहितं तस्मै 4. 1. 39. अरणीसहितं तस्य 3.298. 13". अरणीसहितं मन्थं 3. 1358*. 3 pr. अरणीसहितं मह्यं 3.295. 8". अरणीसहितं यस्य 3.298. 120. अरणीसहितं स्कन्धे 13. 130.53. अरणों त्वथ संगृह्य 12.311. 1. अरणी ब्राह्मणी विनि 14.34. 30. अरणी ममन्थ ब्रह्मर्षिः 12. 311.86. अरण्यगमनं क्षिप्रं 3. 183. 39. अरण्यगमनं प्रभो 15. 6. 164. अरण्यगमनान्नित्यं 12.253. 18%. अरण्यगमने बुद्धिः 15. 13. 164. अरण्यगोचरो नित्यं 14. 46. 10deg. अरण्य नित्यः सततं 1. 106.7. अरण्यमथ वा गुहाम् 12.269. 13. अरण्यमनुसंप्राप्तः 1. 123. 12. पादसूची-26 -201 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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