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________________ अभिद्रोहस्तथा माया] श्लोकपादसूची [अभिपेतुर्धनाथै ते अभिद्रोहस्तथा माया 14.37. 11. अभिद्रोहोऽभ्यसूया च 13. App. 15.2795pr. अभिधत्से ह यद्वाचा 1.9.60. अभिधत्स्व यथाकामं 6. 4. 14. अभिधाय द्विजोत्तमम् 1. 1667*. 1 post. अभिधावत पाण्डवाः 1.205.70. अभिधावतु मा कश्चित् 3. 213.74. भभिधाव नलेखुच्चैः 3. 63.2. अभिधावन्तः श्रूयन्ते 16. 3. 13. अभिधायन्ति ते सर्वे 13. App. 15. 2079 pr. अभिधावन्ति पाण्डवाः 7. 39.21". अभिधावंस्ततस्ततः 7.7.9. अभिधावंस्ततो वाचं 3.296.254. अभिधावार्जुनेत्येवं 1.219. 376. अभिधावेति कौन्तेयं 7. 201*. 1 pr. अभिधावेति चोदितः 3. 232. 11'. अभिधाच्य ततः सर्वाः 1. 201. 140. अभिधेयं कथंचन 13. 68.84. अभिध्यानात्कथंचन 12.243. 4. अभिध्यापूर्वकं जयं 12. 190. 6". अभिध्याप्रज्ञता चैव 12. 152.5. अभिध्याय फलं तत्र 3. 148. 13. अभिध्या वै प्रथमं हन्ति चैनं 5.42. 120. अभिनच्छरवर्षेण 7.6. 37. अभिनत्कुलरानीकं 7. 25.5deg. अभिनत्पाण्डवानीकं 6.65. 20deg. अभिनत्फल्गुनो बाणैः 7. 64.51'. अभिनरल नरर्षभः 1. 63. 16. अभिनविनतासुतः 1. 28. 20. अभिनन्दन्ति तां नन्दी 1, 165. 150. अभिनन्द शचीपते 12.221. 800. अभिनन्दस्व नः सर्वाः 3.215. 18%. अभिनन्दस्व मां राजन् 5.573*. 1 pr. अभिनन्ध कृताञ्जलिः 3.224*.7 post. अभिनन्ध च जाह्नवीम् 12. App. 17C. 17 post. अभिनन्ध पुनः पुनः 13. App. 14. 288A post. ; 335A 18 post, भभिनन्द्य महाप्राज्ञः 12.258.63%. अभिनन्ध स्थाविधि 15.21.2. अभिनन्ध सुधिष्ठिरम् 15. 44.45d. अभिनन्ध स ताने 6. 115. 320. अभिनन्याब्रवीद्वीरः 7. 596*.7 pr. अभिनन्द्यास्य तद्वाक्यं 14. 88. 21. अभिनिर्वतते फलम् 10. 2. 100. अभिनिष्क्रम्य ते तदा 3. 1. 9". अभिनि पन्नया रासः 1. App. 114. 316 pr. अभिनीततरं वाक्यं 12.8.1deg; 20.1deg; App. 4. 2 pr. अभिनीतानि शस्त्राणि 12. 101.8. अभिनीतार्थमर्थवत् 12. 136.704. अभिनीताश्च शिक्षाभिः 6. 44. 94. अभिनृत्य नभीतवत् 8. 15. 12. अभिन्नवृत्ता विद्वांसः 12.84. 80. अभिन्न शरपातत्वात् 7. 163. 136. अभिन्नश्रुतचारित्रः 12.223.56. अभिन्नं वाप्यपकंवा 2. App. 28.77pr. अभिन्नं श्रूयते हि यत् 12. App. 26. 60 post. अभिन्नो भिन्नलक्षण: 12.562*.9 post. अभिपत्य अपक्षकाः 5. 45.9". अभिपत्य ततः सेनां 7. 164. 155. अभिपत्य प्ररुरुः 16. 6. 13. अभिरत्य महाबाहुः 6. 48.7; 246*. 1 pr. अभिपत्य रथैरन्यैः 4.56. 27. अभिरत्याथ बाहुभ्यां 3. 12. 56". 4. App. 23. 12 pr. अभिपत्याददे क्षिप्रं 7. 165. 20deg. अभिपमा यथा नागाः 4.65.2. अभियन्नतमं लोके 12.32. 19. अभिपवस्तु राजेन्द्र 3. 17. 186. अभिपन्नं नरैः प्राज्ञैः 1. 2. 30. अभिपन्नाद्य तान्प्रति 3.7.23d. अभिएला बलीयसा 4.21.d. अभिपन्नास्मि पाञ्चालि 3.222.59". अभिपनो सुधिष्ठिरे 4.66. 150; 1144*. 11 post. अभिपूजितलाभं हि 12. 269. 11. अभिपूजितलाभाद्धि 14. 46. 28". अभिपूज्य च तान्सर्वान् 1. 1552*. 4 pr. अभिपूज्य ततः पश्चात् 1. 191.22. अभिपूज्यतमाश्च ह 4. 1129*.6 post. अभिपूज्य पुनः पुनः 15. 16.25. अभिपूज्य महात्मानं 1. 142. 320. अभिपूज्य यथाविधि 3. 287. 12. अभिपूज्याभिनन्ध च 15. 29. 14. अभिपूज्याभिसत्कृत्य 12. 107. 19. अभिपेतुर्जनं मूढाः 16. 8.51. अभिपेठाजधांलयः 6. 111. 324. अभियेतुर्धनंजयम् 7. 120.826. अभिपेतुर्धनार्थ ते 16. 8. 48. - 167
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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