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________________ अभितो व्यधमच्छरैः] महाभारतस्थ [अभिद्रोहमथानृतम् अभितो व्यधमच्छरैः 7. 65. 114. अभिवरस्व त्वरितः 6. 112. 81. अभिदध्यौ महाबाहुः 4. 764*. 2 pr. भभिदुद्राव तं तूर्णं 3. 157. 66deg. अभिदुद्राव तेजस्वी 6. 96. 10; 102. 58. अमिदुद्राव ते सुतम् 9. 56. 50". अभिदुद्राव धूम्राक्षः 3. 270.50. अभिदुद्राव पाण्डवम् I. App. 99. 14 post. 8. 20. 28t. ___14. 75.6. अभिदुद्राव पानीयं 3. 296. 17. भभिदुद्राव पार्षतम् 7. 171. 34". अभिदुद्राव भीष्मं सः 6. 102. 53. अभिदुद्राव राक्षसम् 3. 151. 40'. अभिदुद्राव राजानं 7. 81. 43. अभिदुद्राव रामं च 3.274.8. अभिदुद्राव रामं सः 3.271, 2. मभिदुद्राव वीर्यवान् 7. 44. 11'. अभिदुद्राव वेगवान् 10. 8.614. 14. 83. 194. अभिदुद्वाब धेगेन 1. App. 103. 103 pr. 6. 49. 310; 57. 330358. 15%377.28%%3 82.25%3; 87.23%3 90. 350; 91.66%, 7863 96.4703, 97.863 100. 33. 7.90. 360; 137.37deg; 152.2593 App. 10. 24 pr., 26 pr. 8. 20. 32deg; 41. 6. 9. 14. 12, 28; 55. 43; 56.57. 13. App. 1A. 292 pr. अभिदुद्राव सहसा 4.51. 19. अभिदुद्राव संक्रुद्धः 3. 1258*. 1 pr.6.51. 17. अभिदुद्राव संरब्धः 3. 151. 41. अभिदुद्राव सुग्रीवः 3.271.6. भभिदुद्राव सौभद्रं 7. 48.9. अभिदुद्राव सौमित्रि 3. 271. 136. मभिदुद्भाव सौमित्रिः 3. 273. 16. अभिदुद्रुवतुर्दृष्टौ 6.79.554. भभिदुद्रुवतू रणे 7. 147. 9. भभिदुद्रुवुरार्जुनिम् 7. 35. 194. अभिदुद्रुवुराहवे 9. 1. 28t. अभिद्यतां ततो न्यूहौ 6.71. 344. अभिद्रवणमाक्षेपं 9.56. 19". अभिगवत गच्छध्वं 7.85. 14. 8. 43. 36. भभिद्रवत गाङ्गेयं 6. 110. 44; 113. 16%; 111. 66. अभिवत गृह्णीत 6. 68. 200. 7. 93. 300. भभिगवत भद्रं वः 3.221.41. अभिवत मा भैष्ट 6. 106.20deg. 7.97.31. अभिद्रवत युध्यध्वं 6. 111. 180. अभिवत संग्रामे 6. 112. 102. अभिगवत संयत्ताः 7. 165.5. अभिगवत संरब्धाः 6. 106. 19. अभिगवतु दंशितः 6. 103. 771. अभिद्यत्ययस्कान्तं 12.201.30 अभिद्रय द्रुतं द्रोणं 7.85. 15. अभिवन्ति च रणे 8. 43. 6:". अभिद्रयन्ति सर्वतः 12. 309. 42". अभियन्तु वेगेन 7. 159.6. अभिगवन्तु संहृष्टाः 7. 159. 4. अभिनव रणे हृष्टः 7. 159. 30. अभिद्रव सुसंरब्धः 6. 104. 50%. अभिद्रवंश्च तां व्याघ्रः 13. App. 20. 62 pr. अभिद्यार्जुनं क्षिप्रं 7. 164.56*. अभिद्ये ह राजानं 4.885*.7 pr. अभिदुग्धाः परे चेनो 5.54. 18". अभिद्रुतं चास्त्रभृतां वरिष्टं 6. 81. 90. अभिद्रुतं परीष्यन्तः 6. 88. 226. अभिद्रुतं महाभाग 6. 88. 190. अभिद्रुतं शरण वृतां 6. 301*. 1 pr. अभिद्रुतं शस्त्रभृतां वरिष्टं 6.73. 36". अभिद्रुतः शरैस्तीक्ष्णैः 3. 195. 226. अभिगुता भविष्यन्ति 5. 56. 42". अभिद्रुताः सुसंकुद्धाः 7. 45.70. अभिद्रुतौ शस्त्रभृतां वरिष्टौ 6.0.16. अभिद्रुत्य च जग्राह 3. 221. Dr. अभिद्रुत्य च विंशत्या 7. 171. 350 अभिद्रुत्य ततो द्रौनिं 10. 8.55. अभिद्रुत्य ततो राजा 3.73.24. अभिगुत्य निजग्राह 3. 256. 20. अभिद्रुत्य महाबाहुः 3. 231. 6. 7.717*.5pr. अभिद्रुत्य महावेगः 3.272. 14. अभिद्रुत्य रणे भीमं 6. 109. 47'. अभिद्रुत्य शरैस्तीक्ष्णैः 7. 132. 20. अभिद्रुत्य शिरः कुद्धः 16. 4. 27deg. अभिद्रुत्य सुसर्माणं 4. 32. 26deg ; 604*. 1 pr. अभिद्रुत्याददे प्राणा 3. 271. 24. अभिद्रुत्याब्रवीद्वाक्यं 3. 12. 41deg. अभिद्रुह्यति पापात्मा 12.94.अ. अभिनुह्य पितामह 12.397*.post. अभिद्रुह्येत मादृशः 7. 122. 10'. अभिद्रोहमथानृतम् 14. 42.5'. - 166 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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