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________________ अभिपेतुर्नरव्याघ्र ] [अभिमन्युजिघांसया अभिपेतुर्नरव्याघ्र 1. App. 103. 160 pr. अभिपेतुर्निषादाश्च 6. 112. 108. अभिपेतुर्भृशं क्रुद्धाः 6. 114. 16. अभिपेतुस्तदा राजन् 3. 274. 9". अभिपेतुस्तमेवाजी 7. 35. 21. अभिपेतू रणे पार्थं 6. 112. 110%. अभिपेदे परान्संख्ये 1. App. 103. 185 pr. अभिपेदे महीराज्यं 12.59. 980. अभिपेदेऽर्जुनरथः 8. 58. 11. अभिप्रजाता सा तत्र 12. 137.70. अभिप्रणम्य शिरसा 1. App. 114. 276 pr. 7. 58. 31. अभिप्रपन्नान्मुखमन्तकस्य 6.87*. 4. अभिप्रयातां समिति 12. 103. 24". अभिप्रयामि संग्रामे 4. 39. 12". अभिप्रशस्य चैवाहुः 13. App. 9A. 107 pr. अभिप्रसादयमृषि 3. 206. 1. अभिप्रायमथो ज्ञात्वा 3. 284. 60. अभिप्रायमिमं तब 3. 277. 1. अभिप्रायस्तु मे कश्चित् 3.241. 18.8.23. 42. 14. 3. 11. अभिप्रायस्त्वयं यो मे 3. 279. 14. अभिप्रायस्य पापत्वात् 1. 130. 12. अभिप्रायं च मे नित्यं 7. 85. 45. अभिप्रायं तु कृष्णस्य 7. 161.6%. अभिप्रायं तु विज्ञाय 3. 146. 130. अभिप्रायं यो विदित्वा तु भर्तुः 5. 37. 23". अभिप्रायं विदित्वा तु 15. 17.80. अभिप्राय विदित्वास्य 4. 48. 14. अभिप्रायः प्रियाहोऽह: 13. 135. 106. अभिप्रायाद्विचेतसम् 10. 12. 24. अभिप्रायेण पार्थानां 2. 1. 176. अभिप्राये तु विदिते 8. 115. 43". अभिप्रायोऽस्य विज्ञातः 6. 41. 16. अभिप्रेक्ष्य महाबाहुः 3. 49. 31". अभिप्रेक्ष्य युधिष्ठिरम् 3. 256. 18. अभिप्रेतमसंशयम् 12.276. 13'. अभिप्रेतस्य लाभश्च 5. 33. 80deg. अभिप्रेता च या यस्य 13. 44.5deg. अभिप्रेतानि सर्वाणि 12.284.22. अभिप्रेतामसंक्लिष्टां 12. 348. 120. अभिप्रेतार्थसिद्ध्यर्थं 12. 135. 21". अभिप्रेतांस्तु मे कामान् 3. 110. 34". अभिप्लुतमभिक्रुद्ध 6. 44. 330. अभिप्लुत्य महारथः 6. 292*. 2 post. अभिभाषति राधेयः 8. 43. 35deg. अभिभूतमुपद्वैः 5. 10. 46. अभिभूतं तु तामसैः 14. App. 4. 3347 post. अभिभूतः स रामेण 3. 577*. 1 pr. अभिभूतानि भूरिभिः 13. App. 15. 4130 post. अभिभूता विचेतसः 8. 24. 28deg. अभिभूताः सुराभवन् 13. 141. 20. अभिभूतास्ततो देवाः 10. 18. 120. अभिभूतास्तु कालेन 10. 7.63%. अभिभूतो यदा शत्रुः 12. App. 10. 57 pr. अभिभू त्वं बालकौ बालिशौ च 3. 654*. 2. अभिभूय दिवौकसः 1. 70. 27. अभिभूय परे स्थिताः 2. 45. 13. अभिभूय प्रसह्य च 5. 128. 19". अभिभूय ममात्मजम् 4. 1062*. 1 post. अभिभूय वृथामतिः 2. 13. 300. अभिभूय श्रियं तेषां 2. 154*. 2 pr. अभिभूय स्वया विषा 13. 71.6. अभिभूयार्जुनस्यैकः 6. 19. 386. अभिभूयेह चार्चिष्मत् 12. 224. 340. अभिभूः काशिराजश्च 8. 4. 74deg. अभिभूः सर्वगोऽनन्तः 3. 187. 33. अभिभूः सह पुत्रेण 1. 177.94. अभिमन्तव्यमादिनः 1. App. 5.21 post. अभिमन्ता स उच्यते 14. 41. 34. अभिमन्त्रितमर्चिष्मान् 7. 60. 16deg. अभिमन्त्रितानां धनुषा 3.21.24. अभिमन्त्रितेनोदकेन 1. App. 31. 10 pr. अभिमन्य ग्रासमुष्टिं 14. App. 4. 2373 pr. अभिमन्य महायशाः 6. 116. 22". अभिमन्य महाशक्ति 3.270. 36. अभिमन्य महास्त्रेण 3. 17. 250. अभिमन्य व्यकर्षयत् 7. 78. 21'. अभिमन्याङ्कुश क्रुद्धः 7. 28. 16. अभिमन्याभ्यनुज्ञातः 1. 2075*. 6 pr. अभिमच्याशु हर्षयन् 7. App. 4. 17 post. अभिमन्याहमतुलं 3.23. 30. अभिमन्यत्यबुद्धिमान् 12. 291. 41%; 292. 134. अभिमन्यत्यभीमानात् 12.292.76. अभिमन्यत्यसंबोधात् 12. 292.24". अभिमन्यस्व शूलष्टक् 13. App. 11. 58 post. अभिमन्युजिघांसया 7. 291*. 1 post. - 168 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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