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________________ अभिचारायुतं तस्याः ] श्लोकपादसूची [अभितो वर्तमानस्य अभिचारायुतं तस्याः 1. 1115*. 1 pr. अभिचारैरुपायैश्च 3. 196. 16. 13. 33.7". अभिचिक्षेप वेगेन 7. 25. 36. अभिजग्मुर्गणानेके 3. 269. 1. अभिजग्मुर्नरपतेः 15. 31. 1. अभिजग्मुर्नरश्रेष्टान् 1. 134. 2. अभिजग्मुर्बहून्देशान् 17. 1. 28. अभिजग्मुर्महर्षयः 13. App. 15. 34 post. अभिजग्मुर्महात्मानं 2. 49. 12. अभिजग्मुर्महात्मानः 12. 1. 3. अभिजग्मुर्महेष्वासं 2. App. 30. 1 (subst.) 2 pr. अभिजग्मुर्महेष्वासाः 8.56. 45. अभिजग्मुर्युधिष्ठिरम् 3. 235. 11'. अभिजग्मुर्हरीन्द्रं तं 3. 266. 30. अभिजग्मुस्ततो द्रोणम् 1. 122. 46. अभिजग्मुस्तदाख्यातुं 8.24. 31. अभिजग्मुस्तदा भीमं 3.51.9. अभिजग्मुः पितामहम् 6. 116.11. अभिजन्नतुरन्योन्यं 9. 20. 126. अभिजन्नतुराहवे 7. 117. 194. अभिजघ्नुः परारणे 6. 44. 324. अभिजज्ञे महाबुद्धिं 15. 33. 22. अभिजल्पन्ति साधवः 12.78. 34. अभिजात इवेश्वरः 1. 2. 241. अभिजातबलं नाम 5.37.50%. अभिजातस्य भारत 6.38.30. अभिजातैः स्वदेशजैः 12. 84. 17. अभिजातोद्भवं बहु 12. 233*. 1 post. अभिजातोऽसि पाण्डव 6. 38.54. अभिजातोऽसि राजेन्द्र 17. 3. 176. भभिजातोऽस्मि सिद्धोऽस्मि 12. 28.7"; 170. 17. अभिजानन्तु कौन्तेय 5. 138. 11. अभिजानंस्तथात्मनः 2. 13. 23. अभिजानामि जगतः 14.54. 1". अभिजानामि तं देशं 7. 87. 14. अभिजानामि तेऽर्जुन 1. 159.6". अभिजानामि ब्राह्मणं 5. 43. 320. अभिजानामि विक्रान्तौ 3. 84.4. अभिजानामि सौम्य त्वां 1. 135.7. अभिजानासि यदि वै 1. App. 54. 6 pr. अभिजानीध्वमच्युतम् 16. 36*. 2 post. अभिजाने च तदहं 14. 16. 41. अभिजित्स्पर्धमाना तु 3. 219. 80. अभिज्ञातः सर्वधर्मोपपन्नः 5. 29. 26. अभिज्ञाताः सारवन्तः 6. 10. 11. अभिज्ञातुं तमात्मजम् 1. 94. 264. अभिज्ञातुं स्वमात्मजम् 1. 967*. 1 post. अभिज्ञानप्रयोजनम् 1. 135. 84. अभिज्ञानं तु किंचित्वं 14.56. 21. अभिज्ञानं नरेन्द्राणां 9. 3. 50. अभिज्ञानं न्यवेदयन् 1. App. 85. 18A5 post. अभिज्ञानानि तस्याहुः 12. 290. 101 . अभिज्ञानानि सर्वेषां 6. 1. 124. अभिज्ञाय द्विजो व्रीडां 12. 162. 43. अभिज्ञाय सुदेवं तु 3. 65. 29". अभिज्ञो दूतवाक्यानां 5. 158. 20. अभिज्ञो युद्धधर्माणां 8. 1136*. 1 pr. अभिज्ञोऽसि जनार्दन 5. 80. 29. अभिज्ञौ क्षत्रधर्मस्य 9. 63. 174. अभितप्तः शरैश्चैव 6. 116. 9". अभितर्जयमानाश्च 3. 157. 494. अभितश्चागतं प्रेम्णा 3. 279. 11. अभितश्चापि गन्तव्यं 3.206.86. अभितस्तत्र तक्षाणं 5.9.25". अभितस्तव वाहिनीम् 8. 31. 40*. अभितस्तस्य निग्रहे 3. 260. 4. अभितस्तान्शरौघेण 7. 88. 58. अभितस्तूदयन्तं तं 12. 221. 110. अभितस्त्वामुपासन्ते 2.5.77. अभितः काम्यकं सरः 2. 48. 194. अभितः पाण्डवांश्चित्रैः 3. 172. 15. अभितः शत्रुशिबिरं 10. 7.66%. अभितः श्रद्वयार्हसि 3. App. 1. 65 post. अभितः सोऽथ कल्माषी 1. 155.50; App. 79. 12 pr. अभितापात्स्वभावाच्च 5. 181. 326. अभिताम्रक्षणः क्रोधात् 5. 127. 17. अभितुष्टाव तं यज्ञं 1. 49. 28. अभितुष्टाव भक्तिमान् 7. 172. 65. अभितुष्टुवुरासीनं 5. 413. 2 pr. अभितुष्टुवुरीश्वरम् 13. App. 15. 430 post. अभितो गन्धमादनम् 5.62.22. अभितोऽथ वनस्पतिम् 1. App. 92. 32 post. अभितो ब्रह्मनिर्वाणं 6.27. 26deg. अभितो ये स्थितास्तत्र 11.27.22. अभितो वर्तते यः 14.86.89. अभितो वर्तमानस्य 14.89. 16, -- 165 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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