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________________ अन्योऽन्येन तदा मुनी] महाभारतस्थ [अन्वबुध्यत केशवः अन्योऽन्येन तदा मुनी 12. 30. 37. अन्योन्येन नराधिप 8. 473*. 1 post. अन्योन्येन निवेद्याथ 13. 95. 12. अन्योन्येन पुनस्तदा 9. 4. 50d. अन्योन्येन महारणे 6. 85. 25. अन्योन्येन महाराज 8.40. 109. अन्योन्येन विधानतः 12. 193. 15. अन्योन्येन हि सैन्यानि 7. 88. 320. अन्योन्येनातिहृष्टवत् 5. 31. 34. अन्योन्येनाभिजीवनम् 6. 5. 164. अन्योन्येनाभिसंरब्धौ 3. 154. 48. अन्योन्येनोपसंहृतान् 16. 6. 14. अन्योपायो न नो भवेत् 2. App. 39. 269 past. अन्योऽप्यथ न विक्रेयः 13. 45. 24. अन्यो ब्राह्मणको भवेत् 12. 262. 25. अन्यो भीत उपाद्रवत् 7. 237*. 1 post. अन्यो मम न विद्यते 10. 7.61". अन्यो लोके धनंजयात् 4. 36. 324. अन्यो वै क्लीबवेषेण 4. 666*.5 pr. अन्योऽहमन्येयमिति 12.295.20. अन्योऽहमिति मन्यते 12. 296. 10%; App. 29B. 261 post. अन्यो हि न ह्येकरथेन मर्त्यः 8. 366*.7. अन्यो हि नानाति कृतं हि कर्म 3. 200. 276 अन्यो ह्यग्निरुखाप्यन्या 12. 303. 16". अन्यो ह्यत्रान्तरात्मास्ति 12.242. 9. अन्यो ह्यन्यं चिन्तयति 12. 905*.2 pr. अन्यौ तु खलु देवानां 1. 59. 26. अन्यौ दानवमुख्यानां 1. 537*. 1 pr. अन्यौ विराटस्य सुतौ 5. 569*. 1 pr. अन्वकीर्यन्त भरताः 1. 885*. 1 pr. अन्वकीर्यन्त भीतास्ते 8. 594*. 3 pr. अन्धकुर्वत भारत 16. 3.54. अन्वगच्छच्छुभवता 1. 1184*. 1 post. अन्वगच्छजनार्दनः 7. 158. 52d. अन्वगच्छत्तदा धौम्यः 3. 252. 27. अन्वगच्छत्तदा यान्तौ 1. 184. 1. अन्वगच्छत्पुरा कृष्णे 4. 402*. 2 pr. अन्धगच्छत्सुदुःखितः 3. 262. 144. अन्धगच्छ द्वनुष्पाणिः 1. 36. 12. अन्वगच्छद्विशालाक्षी 4.35.9. अन्धगच्छन्त तमृर्षि 13.53. 40". अन्धगच्छन्त पौरवम् 1. App. 48. 47 post. अन्धगच्छन्यदातयः 4.5.2". अन्वगच्छन्महाराज 3.259. 36. 7. 132. 41deg3; 136. 14deg; ___App. 20.42pr. अन्धगच्छंस्तथैवान्यान् 2.42. 44". अन्वगादेव तमृर्षि 14. 6. 32. अन्वगृह्णात्प्रजाः सर्वाः 1. 70. 30deg. अन्धगेव च पर्जन्यः 5.82.50. अन्धगेव ततः पार्थः 6. 102. 46. अन्धग्बलं कतमेऽस्मिन्भजन्ते 12.74.78. अन्वग्बलं दस्यवस्तगजन्ते 12.74. 8. अन्धग्भानुप्रभृतयः 1.873*. 1 pr. अन्वजानाच्च पार्थिवः 3.74.5d. अन्वजानाच्च स्वाहायाः 3. 215. 12. अन्वजानात्तत्तो द्यूतम् 1. 1. 920. अन्वजानात्स धर्मज्ञः 3. 156.44. अन्धजानात्स पार्थिवः 3. 110. 35. अन्वजानात्स संयोगं 4.67. 12. अन्वजानाद्गृहान्प्रति 3. 275.664. अन्वजायन्त राजेन्द्र 1. 213. 79. अन्वतप्यच्च संस्मृत्य 15. 3.7". अन्वत्रस्तो बाहुवीर्य विदानः 5. 47. 3". अन्धद्रवन्त तं पश्चात् 5. 148.28. अन्वधावत संक्रुद्धो 1. 2. 184. अन्धधावत्किरन्बाणैः 8. 35. 40. अन्वधावत्तदा पार्थ 4. 889*. 2 pr. भन्वधावदनिर्विण्णो 5. 62. 8. अन्वधावणे यत्तः 7. 88.556. अन्धधावन्नमर्षिताः 7. 96. 11. अन्वधावन्महाराज 9. App. 1. 118 pr. अन्वधावन्मृगं रामः 3. 262. 19. अन्धधावं द्विजोत्तमम् 13. 144. 32. अन्वपद्यत तद्वाक्यम् 17. 1. 4. अन्वपद्यत भामिनी 4.20.74. अन्धपद्यत वीर्यवान् 9. App. 1.56 post. अन्वपद्यत सात्यकिः 9. 20. 74. अन्धपद्यन्त तद्वाक्यं 17. 1. 5. अन्वपद्यन्त ते सर्वे 1.212. 32. अन्वपद्यन्त पाञ्चालाः 7.752*.2 pr. अन्वपद्यन्त विधिवत् 5. 146.7. अन्धपद्यन्त सहसा 3. 109. 11'. अन्वपश्यत देवल: 9.49. 32d.. अन्वपश्यत्स देवेन्द्र 5. 16. 11'. अन्धपालयदैश्वर्यात् 9. 173*. 8 pr. अन्वबुध्यत केशवः 9. 62.664. - 130 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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